जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला आज द इंडियन एक्सप्रेस के एक्सप्रेस अड्डा कार्यक्रम में पहुंचे। यहां उन्होंने द इंडियन एक्सप्रेस के कई सवालों के जवाब दिए।

एक सवाल का जवाब देते हुए जम्मू और कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर ने कहा, “केंद्र सरकार ने जिस प्रकार के काम किए हैं, उससे मेरे पास शिकायत करने के बेहद कम अवसर बचे हैं। हमारा राज्य देश में आर्थिक रूप से पिछड़ा हिस्सा हैं।”

‘सरकार ने राज्य को काफी फंड दिए’

उन्होंने आगे कहा कि हम उतना नहीं कमा पा रहे जितना शासन पर खर्च कर रहे हैं। भारत सरकार के लिए हमें घुटने पर लाना बेहद आसान होगा। उन्हें बस इतना ही करना है कि हमारे फंड को रोक देना है, लेकिन असल में उन्होंने इसके उलट काम किया है। केंद्र ने पिछले साल के अंत में मेरी सरकार को बजट में निर्धारित फंड से कहीं अधिक धन दिया है। उम्मीद है कि इस साल भी यही सिलसिला रहेगा।

‘बताएं सही समय कब होगा?’

स्टेटहुड के मुद्दे पर उमर ने कहा कि राज्य का दर्जा देने के मुद्दे पर हमें निराशा ही मिली है, हमें हर बार यही बताया गया कि इसके लिए सही समय आएगा, लेकिन कोई ये नहीं बता रहा कि वे सही समय का अंदाजा कैसे करेंगे। सरकार हमें यह बताए कि जम्मू कश्मीर को दोबारा स्टेटहुड पाने के लिए क्या करना होगा, जहां आप कहें कि हां, यही उचित समय है। क्या सही समय तब आएगा जब बीजेपी सत्ता में आएगी, अगर यही बात है तो हमें बता दें।

‘तीसरे चरण के लिए क्यों इंतजार’

उन्होंने आगे कहा कि स्टेटहुड को लेकर सरकार ने सुप्रीम कोर्ट और संसद से कहा था कि यह तीन चरणों में पूरा किया जाएगा, इसमें परिसीमन, चुनाव और राज्यदर्जा (स्टेटहुड) शामिल है। दो चरण इनमें से पूरे हो चुके हैं। अब सरकार हमें तीसरे चरण के लिए क्यों इंतजार करवा रही?

केंद्र से चल रही बात

उन्होंने आगे कहा कि केंद्र से राज्य के पूर्ण राज्य दर्जे का मांग को लेकर बात चल रही है। ऐसा कोई सार्वजनिक अवसर नहीं आया जब प्रधानमंत्री या किसी वरिष्ठ मंत्री के साथ चर्चा न हुई हो। तीन नवनिर्वाचित राज्यसभा सांसद गए और केंद्रीय गृह मंत्री से मंगलवार को बात की और उनकी बातचीत में पूर्ण राज्य दर्जा का मुद्दा भी शामिल था।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे उम्मीद है पूर्ण राज्य के मुद्दे पर हम जल्द कुछ आगे बढ़ेंगे। इसी बीत हम व्यापारिक नियमों पर और अधिक काम देखना चाहते हैं। हम (जम्मू कश्मीर) दिल्ली और पुडुचेरी जैसे केंद्रशासित प्रदेशों से अलग हैं। हमारा शासन स्वयं के कानूनों से चलता है।