नेशनल रजिस्‍टर ऑफ सिटिजन (NRC) पर मोदी सरकार से तनातनी के बीच पश्चिम बंगाल की मुख्‍यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने बुधवार (1 अगस्‍त) को बीजेपी के वरिष्‍ठ नेता लालकृष्‍ण आडवाणी से मुलाकात की। वह खुद संसद स्थि‍त आडवाणी के कार्यालय में गई थीं। आमना-सामना होते ही ममता ने आडवाणी के पैर छूकर उनका आशीर्वाद लिया। दोनों के बीच तकरीबन 15 मिनट तक बातचीत हुई। एनआरसी के ड्राफ्ट में असम के 40 लाख लोगों का नाम नहीं है। बीजेपी के कई वरिष्‍ठ नेता लाखों लोगों को देश से बाहर निकालने की बात कर रहे हैं। ममता बनर्जी केंद्र के इस फैसले का कड़ा विरोध कर रही हैं। वह नरेंद्र मोदी सरकार पर इस बाबत दबाव बनाने के लिए विपक्षी नेताओं के साथ ही बीजेपी के वरिष्‍ठ नेताओं से भी मुलाकात कर रही हैं। ममता की आडवाणी से मुलाकात को इसी से जोड़ कर देखा जा रहा है। हालांकि, पश्चिम बंगाल की सीएम ने इसे खारिज करते हुए मुलाकात को शिष्‍टाचार बताया। उन्‍होंने कहा, ‘मैं आडवाणी जी को लंबे समय से जानती हूं। मैंने उनसे मुलाकात कर उनके तबियत के बारे में पूछा।’ कभी NDA का हिस्‍सा रहीं ममता बनर्जी ने संसद में अटल बिहारी वाजपेयी को संसद में पिता तुल्‍य बताया था।

शत्रुघ्‍न और यशवंत से भी की मुलाकात: ममता बनर्जी ने सिर्फ आडवाणी से ही मुलाकात नहीं की। उन्‍होंने शत्रुघ्‍न सिन्‍हा और यशवंत सिन्‍हा से भी मुलाकात की। उन्‍होंने दोनों पूर्व केंद्रीय मंत्रियों से एनआरसी के मसले पर बातचीत की। साथ ही सच्‍चाई का पता लगाने के लिए एक टीम को असम भेजने का अनुरोध किया। ममता संसद में कीर्ति आजाद और अहमद पटेल से भी मिलीं। बंगाल की सीएम यूपीए अध्‍यक्ष सोनिया गांधी और दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल से भी मिलेंगी।

गृह युद्ध की दे चुकी हैं चेतावनी: ममता ने एनआरसी को मौजूदा स्‍वरूप में ही लागू करने पर गंभीर परिणाम होने की बात कही है। उन्‍होंने केंद्र सरकार को स्‍पष्‍ट शब्‍दों में चेतावनी देते हुए कहा था कि यदि एनआसी को थोपने को प्रयास किया जाएगा तो गृह युद्ध जैसे हालात पैदा हो जाएंगे। उनके इस बयान को भड़काऊ करार देते हुए असम में एफआईआर भी दर्ज कराई गई है। टीएमसी और कांग्रेस के अलावा अन्‍य दल भी एनआरसी का विरोध कर रहे हैं। इस मसले पर संसद की कार्यवाही भी स्‍थगित हो चुकी है।