जाने-माने चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर आगामी दिनों में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की अध्यक्ष ममता बनर्जी के लिए काम करते दिख सकते हैं। गुरुवार (छह जून, 2019) को राजधानी कोलकाता में सीएम से किशोर की मुलाकात हुई। दोनों के बीच लगभग दो घंटे चली इस बातचीत के वक्त ममता के भतीजे और ऑल इंडिया तृणमूल यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष अभिषेक बनर्जी भी उपस्थित रहे।

सूत्रों के हवाले से ‘एएनआई’ ने कहा कि दीदी ने बंगाल में टीएमसी की वापसी के लिए किशोर से सेवाएं देने के लिए कहा, जिस पर वह राजी हो गए। किशोर आधिकारिक तौर पर सीएम के साथ एक महीने बाद से (जुलाई से) काम शुरू करेंगे। कहा जा रहा है कि वह प.बंगाल विधानसभा चुनाव के लिए टीएमसी के लिए खास रणनीति बनाएंगे। हालांकि, इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।

दरअसल, कुछ ही दिन पहले लोकसभा चुनाव में बंगाल की कुल 42 लोकसभा सीटों में टीएमसी 34 सीटों से खिसक कर 22 सीटों पर आ गई, जबकि बीजेपी के सीट शेयर में इजाफा होकर आंकड़ा 18 हो गया है। विशेषज्ञों की मानें तो यही वजह है कि इस वक्त टीएमसी खुद को असुरक्षित और कमजोर होती देख रही है। ऐसे में वह किशोर की मदद से व्यवस्थित चुनावी रणनीति बनाकर बीजेपी को 2021 के विधानसभा चुनावों में तगड़ी टक्कर देने की कोशिश करेगी।

चुनावी रणनीतियां बनाने में माहिर किशोर राजनीति के चाणक्य भी कहे जाते हैं। वह इससे पहले देश के कई दिग्गज नेताओं को अपनी सेवाएं दे चुके हैं। हाल ही में आंध्र प्रदेश में मुख्यमंत्री बने वाईएसआर कांग्रेस चीफ जगन मोहन रेड्डी को जिताने में भी उनकी अहम भूमिका रही थी।

बता दें कि आंध्र में इस बार आम चुनाव के साथ ही विस चुनाव हुए थे। वाईएसआर कांग्रेस को 25 में से 22 लोकसभा सीटें और 175 में से 150 विधानसभा सीटें हासिल हुई थीं। रेड्डी की जीत में भागीदार बनने के बाद किशोर से जुड़े सूत्र ने कहा था, “कई राजनीतिक दल हमारी सेवाएं लेने के लिए बार-बार संपर्क कर रहे हैं।”

चुनावी रणनीतिकार इसके अलावा नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार के साथ भी काम कर चुके हैं। साल 2014 में मोदी के धुआंधार चुनाव प्रचार और 2015 में नीतीश के कैंपेन्स के पीछे का क्रिएटिव दिमाग, कड़ी मेहनत और शानदार आउटपुट किशोर की ही देन थी।

आगे उन्होंने कांग्रेस के लिए भी काम किया, पर 2017 में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में वह पार्टी को जीत न दिला सके। हालांकि, पंजाब में कांग्रेस की ही सरकार बनी थी। वह इसके बाद 2018 में सक्रिय राजनीति में भी उतरे। बिहार के सीएम ने उन्हें तब जनता दल (यूनाइटेड) में उपाध्यक्ष बनाया था।