Coronavirus Covid-19 in India Latest News: भारत में कोराना वायरस से संक्रमित लोगों की सबसे ज्यादा संख्या केरल से सामने आयी है। यहां इससे प्रभावितों की संख्या बढ़कर 17 पहुंच चुकी है। कोरोना के बढ़ते मामले को लेकर सरकार बीमारी को फैलने से रोकने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। इसके लिए विशेष क्षेत्रों की जीपीएस ट्रैंकिंग की जा रही है। केरल सरकार का स्वास्थ्य विभाग इटली से कोरोना वायरस से संक्रमित होकर लौटने वालों और संदिग्धों के करीब 900 करीबियों पर सीसीटीवी फुटेज, जीपीएस ट्रैकिंग, कॉल रिकॉर्ड, पड़ोस में पहरेदार की नियुक्ति के साथ कई अन्य तरीकों से नजर रख रहा है।
मध्य केरल के एक जिले पठानमथिट्टा में राज्य के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को पता चला कि रन्नी के रहने वाले एक दंपत्ति और उनका 25 वर्षीय बेटा हाल ही में 29 फरवरी को इटली से लौटे हैं। दंपत्ति के बेटे की शादी है। शादी समारोह में अपने रिश्तेदारों को न्यौता देने के लिए वे एक जगह से दूसरे जगह जाने के दौरान वे कोरोना वायरस का संक्रमण फैला सकते हैं। इसके बाद से स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी उनके ऊपर पूरी नजर रखना शुरू कर दिया।
सरकार ने आरोप लगाया है कि परिवार ने अपनी यात्रा के इतिहास को छिपाया और स्थानीय अस्पताल में अनिवार्य जांच के लिए नहीं पहुंचे। तीन सदस्यीय परिवार और उनके चार रिश्तेदार फिलहाल कोविड -19 के जांच में पॉजिटिव पाए जाने के बाद अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में इलाजरत हैं।
स्वास्थ्य अधिकारियों के सामने यह चुनौती थी कि 29 फरवरी और 6 मार्च के बीच उन सभी जगहों का फ्लो चार्ट तैयार करना, जहां वह परिवार घूमने-फिरने और रिश्तेदारों से मिलने गए हैं। साथ ही उन लोगों के बारे में भी जानकारी प्राप्त करना, जिनसे इनलोगों ने मुलाकात की। प्रभावित परिवार से जानकारी प्राप्त करने और क्षेत्र में जाने के लिए एक विशेष मेडिकल टीम तैयार की गई। प्राप्त सूचनाओं के आधार पर, शीर्ष अधिकारियों को इस काम पर लगाया गया। परिवार के मूवमेंट के आधार पर एक चार्ट तैयार किया गया। इसमें रेनी और पुनालुर के पास कुछ रेस्तरां, बैंक, डाकघर और चर्च शामिल किए गए।
एक डॉक्टर जो सर्विलांस बैठकों का हिस्सा था, ने बताया कि परिवार के बातचीत के आधार पर 17 मेडिकल टीमों को उन स्थानों पर जाने और उनसे मिलने वाले लोगों की पहचान कर संपर्क स्थापित करने लिए भेजा गया। साथ ही प्रभावित परिवार को निगरानी के तहत घर में रखा गया। प्रत्येक टीम में दो कम्युनिटी मेडिसिन डॉक्टर, राज्य स्वास्थ्य सेवाओं के एक डॉक्टर और एक फील्ड स्टाफ शामिल थे। फील्ड स्टाफ जूनियर हेल्थ इंस्पेक्टर या जूनियर पब्लिक हेल्थ नर्स हो सकता है।
डॉक्टर ने बताया, “यह बेहद चुनौतीपूर्ण था। हमारे क्षेत्र की टीमों को कई स्थानों पर सीसीटीवी फुटेज को सत्यापित करने के लिए जाना था। हमारी सभी 17 टीमों ने रोगियों के मूवमेंट को ट्रैक करने के लिए बहुत मेहनत की है। जिन लोगों का परिवार से सीधा संपर्क था, उन्हें प्राथमिक संपर्कों के रूप में वर्गीकृत किया गया था। और जिन लोगों ने प्राथमिक संपर्कों के साथ बातचीत की उन्हें माध्यमिक संपर्कों के रूप में वर्गीकृत किया गया था। प्राथमिक संपर्क उच्च जोखिम वाले मामले हैं।”
चूंकि परिवार काफी जगहों पर गए थे। इसमें बैंक और रेस्तरां भी शामिल थे। अधिकारियों ने अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए फ्लो चार्ट जारी करने का निर्णय लिया। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों पर हेल्पलाइन नंबरों के साथ फ्लो चार्ट प्रकाशित किए गए थे, जिस पर लोग उन स्थानों में से किसी पर मौजूद होने की जानकारी दे सकते थे। फ्लो चार्ट को अपडेट भी किया गया।
जिला कलेक्टर ने मंगलवार को अपने आधिकारिक फेसबुक पेज पर लिखा, “हमें कल कोरोवायरस वायरस की निगरानी के तहत जारी फ्लो-चार्ट के आधार पर 70 कॉल मिले। इनमें से 15 लोग प्राथमिक संपर्क सूची के तहत थे और उनमें से 14 लोगों को घर में निगरानी में रखा गया है। एक व्यक्ति जो सूची में नहीं था, उसकी पहचान की गई। उसमें कोरोना के लक्षण देखे गए, इसलिए उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है।”
11 मार्च तक 892 लोग पठानमथिट्टा में निगरानी में हैं, जिनमें से 860 लोगों को घरों में विशेष निगरानी में रखा गया है। वहीं अन्य अस्पतालों में हैं। लगभग सभी का रन्नी से तीन सदस्यों वाले के परिवार के साथ प्राथमिक या माध्यमिक संपर्क रहा है।