Parliament Monsoon Session: सोमवार को जब लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा हुई तो विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने विपक्ष के तमाम सवालों का जवाब दिया। एस. जयशंकर ने कहा कि 22 अप्रैल से लेकर 17 जून तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच कोई बातचीत नहीं हुई।

बताना होगा कि भारत और पाकिस्तान के बीच हुए संघर्ष के बाद सीजफायर को लेकर कांग्रेस लगातार सवाल उठाती रही है। कांग्रेस का कहना है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप 10 मई के बाद से 26 बार इस बात का दावा कर चुके हैं कि उन्होंने भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर करवाया और इसके लिए उन्होंने ट्रेड डील रोकने की धमकी दी। कांग्रेस ने मांग की थी कि इस बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बयान देना चाहिए।

याद दिलाना होगा कि डोनाल्ड ट्रंप के मुताबिक, उन्होंने दोनों देशों से कहा था कि अगर वे संघर्ष नहीं रोकेंगे तो वे उनके साथ कोई ट्रेड डील नहीं करेंगे लेकिन विदेश मंत्री ने ट्रंप के इस तरह के दावों को पूरी तरह खारिज कर दिया।

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भारत ने कहा- जोरदार जवाब दिया जाएगा

विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन पर बताया था कि पाकिस्तान की ओर से बड़ा हमला हो सकता है लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत इसका जोरदार ढंग से जवाब देगा। विदेश मंत्री ने कहा कि भारत ने 9 और 10 मई को पाकिस्तान की ओर से किए गए हमलों को पूरी तरह फेल कर दिया।

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विदेश मंत्री ने बताया कि 10 मई को कई देशों ने भारत से संपर्क किया कि और कहा कि पाकिस्तान सीजफायर के लिए तैयार है। इसके बाद भारत ने साफ किया कि वह सीजफायर के प्रस्ताव को लेकर तभी विचार करेगा जब यह पाकिस्तान के Director General of Military Operations (DGMO) चैनल के जरिये भारत के सामने रखा जाएगा।

अमित शाह ने दिया दखल

जब विपक्ष ने जयशंकर के इस बयान का विरोध किया कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत और अमेरिका के बीच व्यापार को लेकर कोई बातचीत नहीं हुई थी तो केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने इसमें दखल दिया और कहा कि विपक्ष अपने ही विदेश मंत्री की बात को खारिज करने की जल्दबाजी कर रहा है और उन्हें किसी दूसरे देश पर भरोसा है।

20 साल तक विपक्ष में बैठे रहेंगे- शाह

शाह ने कहा, “मुझे इस बात पर आपत्ति है कि उन्हें (विपक्ष को) भारतीय विदेश मंत्री पर भरोसा नहीं है। मैं उनकी पार्टी में विदेशी चीजों के महत्व को समझ सकता हूं लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि उनकी पार्टी की सभी चीजें सदन में थोपी जाएं। यही कारण है कि वे वहां (विपक्ष की बेंच पर) बैठे हैं और अगले 20 साल तक वहीं बैठे रहेंगे।”

आतंकी ठिकानों को बनाया था निशाना

बताना होगा कि पहलगाम आतंकी हमले का बदला लेते हुए भारत ने 6-7 मई की रात को पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में चल रहे 9 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया था और ऑपरेशन सिंदूर के तहत ताबड़तोड़ एयर स्ट्राइक की थी।

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