संसद के मानसून सत्र में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा का आज तीसरा दिन है। मणिपुर हिंसा को लेकर विपक्ष द्वारा केंद्र सरकार के खिलाफ संसद में लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर पीएम मोदी आज जवाब देंगे। केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह ने एक दिन पहले इसकी पुष्टि की थी। उम्मीद जताई जा रही है कि इस दौरान पीएम मोदी विपक्ष पर हमलावर हो सकते हैं। जानकारी के मुताबिक शाम 4 बजे पीएम मोदी सदन में अपनी बात रखेंगे। 26 जुलाई को मणिपुर हिंसा के मुद्दे पर विपक्ष ने अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था, जिसे लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने स्वीकार कर लिया था।
बुधवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने करीब 35 मिनट तक भाषण दिया था। राहुल गांधी ने अपने भाषण में भारत जोड़ो यात्रा और मणिपुर पर बात की थी। इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत की सेना एक दिन में मणिपुर में शांति ला सकती है। साथ ही राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए। इसके बाद केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी द्वारा लगाए गए आरोपों पर पलटवार करते हुए भाषण दिया था और फिर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भी राहुल गांधी के आरोपों पर पलटवार किया था।
गृहमंत्री अमित शाह ने दिया जवाब
गृहमंत्री अमित शाह ने बुधवार को लोकसभा में विपक्ष के आरोपों पर जवाब दिया। उन्होंने मणिपुर के हालात को लेकर कहा कि इस बात से सहमत हूं कि वहां पर हिंसा का तांडव हुआ है, इसका दुख है। इसका कोई समर्थन नहीं कर सकता। ये घटना शर्मनाक और उसपर राजनीति करना उससे भी ज्यादा शर्मनाक है। उन्होंने कहा कि एक भ्रांति देशभर की जनता के सामने फैलाई गई है कि सरकार मणिपुर पर चर्चा के लिए तैयार नहीं है। पहले दिन से हम चर्चा के लिए तैयार थे, उन्हें विरोध करना था। मेरी चर्चा से संतुष्ट नहीं होते तो आगे मांग करते। अमित शाह ने कहा कि मणिपुर की नस्लीय हिंसा के स्वभाव को जानना पड़ेगा। यह भी जानना पडे़गा कि जब-जब ये होता है तो किस प्रकार से होता है।
मणिपुर में क्यों हुई हिंसा?
अमित शाह ने कहा कि वहां डेमोग्राफी बहुत महत्वपूर्ण है। वहां घाटी में मैतई रहते हैं, पहाड़ पर कूकी और नागा रहते हैं। हमने जनवरी में शरणार्थियों को परिचय पत्र देने की शुरुआत की। मणिपुर के बड़े हिस्से में म्यांमार से घुसपैठ हुई। घुसपैठ रोकने के लिए 2021 में फेंसिंग की गई। फेंसिंग के विरोध में जबरदस्त हिंसा हुई। वहां पर एक फ्री रिजीम है, नेपाल की तरह वहां पासपोर्ट नहीं चाहिए। किसी को रोकना भी असंभव है। वहां फेंसिंग भी नहीं थी, इसलिए असुरक्षा बढ़ गई। अमित शाह ने कहा कि सबसे ज्यादा हिंसा पहाड़ी इलाकों में हुई है। इतना ही नहीं केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मणिपुर में दो महिलाओं से बदसलूकी का वीडियो वायरल करने पर भी अपनी बात रखी। उन्होंने सवाल किया कि जिन लोगों के पास वीडियो था उसे उन्होंने वायरल करने की बजाय सरकार या पुलिस को क्यों नहीं दिया।
हाईकोर्ट के फैसले से और भड़की हिंसा
अमित शाह ने कहा कि 29 अप्रैल को एक अफवाह फैल गई कि शरणार्थियों की बसावत को गांव घोषित कर दिया, इससे घाटी में अविश्वास का वातावरण हो गया। उसके बाद में आग में तेल डालने का काम मणिपुर हाईकोर्ट के अप्रैल के एक फैसले ने किया, जिसने सालों से पड़ी हुई एक लंबित याचिका को अचानक चलाया। फैसले में हाईकोर्ट ने कह दिया कि 29 अप्रैल से पहले मैतई जाति को आदिवासी घोषित कर दीजिए। इससे ट्रायबल लोगों में बड़ा अनरेस्ट हुआ। इसके बाद 3 तारीख को एक भिड़ंत हुई, जिस वजह से दंगे अभी तक चल रहे हैं। अमित शाह ने कहा कि कोर्ट के आदेश के विरोध में एक जूलूस निकाला, जिसमें दोनों समुदाय के लोग भिड़ गए और फिर घाटी और पहाड़ दोनों जगहों पर हिंसा शुरू हो गई।