बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए की प्रचंड जीत के बाद अब नीतीश कुमार और उनकी कैबिनेट के मंत्रियों के शपथ लेने का इंतजार है। शपथ ग्रहण समारोह गुरुवार को सुबह 11:30 बजे पटना के गांधी मैदान में होगा। बड़ा सवाल यह है कि नीतीश कुमार की सरकार में किन-किन विधायकों को मंत्री बनने का मौका मिलेगा?

तमाम जातीय समीकरणों को देखते हुए सवर्ण, दलित, पिछड़ा, अति पिछड़ा समुदाय के नेताओं को मंत्री बनाने के समीकरणों पर काम चल रहा है। इसके अलावा पूछा जा रहा है कि क्या कैबिनेट में मुस्लिम विधायकों को भी जगह मिलेगी?

शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान तथा कई राज्यों के मुख्यमंत्री सहित एनडीए के कई शीर्ष नेता शामिल होंगे। विधानसभा चुनाव में एनडीए ने 243 में से 202 सीटों पर जीत दर्ज की जबकि महागठबंधन को 35 सीटों पर ही जीत मिली।

सबसे ज्यादा और सबसे कम वोटों से जीतने वाले उम्मीदवार कौन हैं? यहां देखें पूरी लिस्ट

क्या मुस्लिम विधायकों को भी मंत्री बनाया जाएगा?

आइए, आपको बताते हैं कि ऐसे कौन से मुस्लिम विधायक हैं जिन्हें नीतीश कुमार की सरकार में मंत्री बनाया जा सकता है। बिहार में मुस्लिम समुदाय की आबादी लगभग 18% है और माना जा रहा है कि नीतीश कुमार की ओर से मुस्लिम विधायकों को मंत्रिमंडल में जगह दी जा सकती है। बीजेपी ने हालांकि किसी भी मुस्लिम नेता को विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार नहीं बनाया था लेकिन नीतीश कुमार ने चार सीटों पर मुस्लिम नेताओं को टिकट दिया था।

जमा खान को मिल सकती है जगह

बिहार के राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि चैनपुर विधानसभा सीट से लगातार दूसरी बार जीतने वाले जमा खान को फिर से नीतीश कैबिनेट में जगह मिल सकती है। जमा खान पिछली सरकार में अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के मंत्री थे। इसके अलावा विधान परिषद के सदस्य और जदयू के नेता खालिक अनवर का नाम भी चर्चा में चल रहा है। जदयू के विधान परिषद सदस्य प्रोफेसर गुलाम गौस को भी नीतीश कुमार के मंत्रिमंडल में मुस्लिम चेहरे के तौर पर जगह मिलने की चर्चा है।

विधानसभा अध्यक्ष के पद को लेकर बनी सहमति

सूत्रों ने बताया कि विधानसभा अध्यक्ष के पद को लेकर एनडीए के सहयोगियों में सहमति बन गई है। बीजेपी के प्रेम कुमार को अध्यक्ष बनाया जा सकता है, जबकि उपाध्यक्ष पद जदयू को मिलेगा। सूत्रों के मुताबिक, नये मंत्रिमंडल में एनडीए के मुख्य घटक- बीजेपी और जदयू- से पांच से छह नये चेहरे शामिल होंगे।

महनार से नवनिर्वाचित विधायक एवं जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा के भी मंत्रिमंडल में शामिल होने की संभावना है। जहां जदयू नई सरकार में अपने वर्तमान मंत्रियों को बरकरार रख सकती है, वहीं बीजेपी कुछ नये चेहरे ला सकती है।

लोजपा, हम और रालोमो को भी मिलेगी जगह

चिराग पासवान की लोजपा (रामविलास), जीतन राम मांझी की हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (सेकुलर) और उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक मोर्चा को भी प्रतिनिधित्व मिलेगा।

सूत्रों ने कहा, “लोजपा (रामविलास) को नये मंत्रिमंडल में तीन पद मिलने की संभावना है, जबकि हम और रालोमो को एक-एक पद दिया जा सकता है। 20 नवंबर को बीजेपी से अधिकतम 16 मंत्री और जदयू से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहित 14 मंत्री शपथ लेंगे।”

जदयू से ये विधायक बन सकते हैं मंत्री

जदयू के जिन नेताओं के नए मंत्रिमंडल में शामिल होने की संभावना है, उनमें बिजेंद्र प्रसाद यादव, विजय कुमार चौधरी, श्रवण कुमार, सुनील कुमार, लेसी सिंह, शीला मंडल, मदन सहनी, रत्नेश सादा, मोहम्मद जामा खान, जयंत राज, उमेश सिंह कुशवाहा और अशोक चौधरी शामिल हैं। अन्य संभावित नामों में राहुल कुमार सिंह, सुधांशु शेखर, कलाधर प्रसाद मंडल और पन्ना लाल सिंह पटेल शामिल हैं।

’10 हजार में बिहार सरकार मिलती है’, चुनावी हार के बाद मुकेश सहनी ने ऐसा क्यों कह दिया?

बीजेपी इन विधायकों को बना सकती है मंत्री

बीजेपी सूत्रों का कहना है कि पार्टी निवर्तमान मंत्रिमंडल के अधिकांश चेहरों को बरकरार रखेगी और तीन नए चेहरों पर विचार किया जा रहा है। जिन्हें मंत्रिमंडल में बनाए रखने की संभावना है, उनमें सम्राट चौधरी, प्रेम कुमार, मंगल पांडेय, विजय कुमार सिन्हा, नीतीश मिश्रा, रेनू देवी, जीवेश कुमार, नीरज कुमार सिंह, जनक राम, हरि साहनी, केदार प्रसाद गुप्ता, सुरेंद्र मेहता, संतोष कुमार सिंह, सुनील कुमार और मोती लाल प्रसाद शामिल हैं।

बीजेपी के संभावित नए चेहरों में पूर्व आईपीएस अधिकारी आनंद मिश्रा (बक्सर से निर्वाचित), राणा रंधीर, गायत्री देवी और विजय कुमार खेमका शामिल हैं।

क्या राजनीति छोड़ेंगे प्रशांत किशोर?