आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर विपक्ष को एकजुट करने में जुटे बिहार के मुख्यमंत्री और जेडीयू प्रमुख नीतीश कुमार बुधवार (12 अप्रैल, 2023) को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से मुलाकात करेंगे। खड़गे ने कुछ दिन पहले ही उन्हें फोन किया था, जिसके बाद दोनों नेता मुलाकात करने वाले हैं। नीतीश कुमार कल दिल्ली आए हैं और तीन दिन यहीं रहने वाले हैं। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि अपनी दिल्ली यात्रा के दौरान नीतीश कुमार विपक्ष और खासतौर से क्षेत्रीय दलों को एकसाथ लाने में ब्रिज का काम करेंगे।
इंडियन एक्सप्रेस ने जेडीयू के सूत्रों के हवाले से बताया कि खड़गे के फोन के बाद ही नीतीश कुमार ने दिल्ली के तीन दिवसीय दौरे की योजना बनाई है और आज वह कांग्रेस अध्यक्ष से मुलाकात भी करने वाले हैं। सूत्रों ने बताया कि नीतीश कुमार कांग्रेस और विपक्षी दलों को साथ लाने के लिए एक ब्रिज का काम करेंगे ताकि भाजपा सरकार के खिलाफ मजबूत और एकजुट विपक्ष तैयार कर सकें। उन्होंने बताया कि नीतीश अपनी दिल्ली यात्रा के दौरान, कांग्रेस नेता राहुल गांधी और अन्य नेताओं से भी मुलाकात कर सकते हैं।
पिछले हफ्ते शुक्रवार को खड़गे ने कहा था कि वह अन्य विपक्षी दलों के साथ संपर्क में हैं और नीतीश कुमार के साथ भी उनकी फोन पर बात हुई है। उन्होंने यह भी बताया था कि शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे, डीएमके चीफ और तमिलनाडु सीएम एमके स्टालिन के साथ भी एकजुट विपक्ष के लिए उनकी बात हुई है। नीतीश कुमार अपनी तीन दिवसीय यात्रा के दौरान सपा प्रमुख अखिलेश यादव, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और लेप्ट के शीर्ष नेताओं के साथ मुलाकात कर सकते हैं।
जेडीयू नेता और पूर्व राज्यसभा सांसद केसी त्यागी ने कहा कि लंबे समय तक हमारे राजनीतिक विरोधी रहे लालू प्रसाद के साथ गठबंधन करके नीतीश कुमार ने क्षेत्रीय दलों को यह संदेश दिया है कि वे 2024 के चुनावों में भाजपा को हराने के लिए अपने मतभेदों को भूल जाएं।” हालांकि, नीतीश ने दोहराया है कि वह पीएम पद की दौड़ में नहीं हैं, लेकिन वे चाहते हैं कि अधिकतम विपक्षी दल भाजपा के खिलाफ एक साथ आएं। वह एक विपक्षी मोर्चे पर जोर दे रहे हैं जिसमें कांग्रेस को मुख्य भूमिका निभानी चाहिए, जबकि कई विपक्षी दल गैर-कांग्रेसी गठबंधन के लिए मुखर रहे हैं।