बिहार में जारी राजनीतिक उठापटक के बीच सीएम नीतीश कुमार के महागठबंधन से नाता तोड़कर आज मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने की संभावना है। सूत्रों के मुताबिक कुमार अपना इस्तीफा सौंपने के लिए राजभवन जाने से पहले रविवार सुबह करीब 10 बजे JDU के विधायकों की एक बैठक को संबोधित कर सकते हैं। शाम तक उनके भारतीय जनता पार्टी के समर्थन से नयी सरकार का गठन किए जाने की संभावना है। वहीं, दूसरी ओर हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा ने बिहार की नई सरकार में शामिल होने के लिए अपनी मांग खुलकर सामने रख दी है।

जीतनराम मांझी और उनकी पार्टी इस सियासी आपदा के बीच अवसर तलाशने में जुट गए हैं। मांझी और उनकी पार्टी ने सरकार में शामिल होने के लिए अपनी पार्टी के दो नेताओं को मंत्री बनाने की मांग की है।

HAM ने की दो मंत्री पद की मांग

हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (HAM) के नेता श्याम सुंदर ने कहा, “HAM जिस प्रकार से गरीबों की बात करती है और गरीबों के बीच में काम करती है वैसी परिस्थिति में हमें लगता है कि हमारी पार्टी को कम से कम 2 मंत्री तो चाहिए। अगर पार्टी के पास मंत्री रहेंगे तो हम जनता को बेहतर सेवा दे सकेंगे। कार्यकर्ताओं की जो एक आकांक्षा है उसकी पूर्ति होनी चाहिए। हमारे नेता प्रधानमंत्री के साथ खड़े हैं लेकिन हमारी इच्छा है कि पार्टी को कम से कम 2 मंत्री मिले।”

किंगमेकर के रोल में जीतनराम मांझी

शनिवार को हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा नेता जीतनराम मांझी के आवास के बाहर पोस्टर लगाए गए जिन पर लिखा है, “बिहार में बहार हे, बिना मांझी सब बेकार हे।” जीतन राम मांझी पर फिलहाल एनडीए में हैं। इससे पहले वह महागठबंधन में थे लेकिन नीतीश से मनमुटाव के बाद वह गठबंधन से अलग हो गए थे। सीटों के गणित पर नजर डाली जाए तो फिलहाल समीकरण के हिसाब से मांझी ही बिहार में किंगमेकर की भूमिका में हैं।

मांझी को विपक्षी गठबंधन INDIA से सीधे ऑफर आ रहा है। कहा तो ये भी जा रहा है कि राहुल गांधी खुद उनसे बात कर चुके हैं। शनिवार शाम को जीतनराम मांझी ने अपने विधायकों के साथ बैठक की जिसके बाद पार्टी की ओर से कहा गया है कि वो पीएम मोदी के फैसले के साथ हैं।