नीतीश कुमार शनिवार को औपचारिक रूप से जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष चुन लिए गए। इस मौके पर पार्टी के सभी बड़े नेता उपस्थित थे। नीतीश कुमार को पार्टी अध्यक्ष बनने को भी मिशन 2019 से जोड़कर देखा जा रहा है। अध्यक्ष पद पर नाम आने के बाद नीतीश कुमार ने ‘संघ मुक्त भारत’ का नारा देते हुए गैर बीजेपी दलों को एक साथ आने की अपील की थी। इसके बाद से ही उन्हें 2019 में गैर बीजेपी दलों की तरफ से पीएम दावेदार के तौर पर देखा जा रहा है। लालू प्रसाद ने भी उनकी दावेदारी का समर्थन किया है हालांकि कांग्रेस इस मसले पर कुछ भी बोलने से बच रही है। बिहार में यह तीनों दल मिलकर सरकार चला रहे हैं।
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माना जा रहा है कि बिहार में शराबबंदी के बहाने महिलाओं और समाज के बड़े तबके के बीच पैठ बनाने में जुटे नीतीश कुमार देश के दौरे पर निकलने वाले हैं। माना जा रहा है 15 मई को उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से नीतीश देशव्यापी दौरे की शुरुआत करेंगे। हालांकि लखनऊ से दौरे की शुरुआत को अगले साल होने वाले उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव की तैयारी से जोड़कर भी देखा जा रहा है।
सूत्रों के मुताबिक, 15 मई को लखनऊ के बाद नीतीश राजस्थान के जयपुर, ओडिशा के भुवनेश्वर के अलावा छत्तीसगढ़, उत्तराखंड और मध्य प्रदेश का भी दौरे करेंगे। नीतीश ने कुछ दिन पहले उत्तर प्रदेश में भी शराबबंदी लागू करने की वकालत की थी। उम्मीद है कि विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी कांग्रेस के साथ उतर सकती है। इन सभी राज्यों में शराबबंदी पर आयोजित कार्यक्रम में भाग लेने के अलावा वह उन तमाम संगठनों को एकजुट करने की कोशिश करेंगे जो वहां पिछले कई वर्षों से शराबबंदी के लिए अभियान चला रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि नीतीश कुमार इन दौरों में संबंधित राज्य सरकारों पर शराबबंदी लागू करने के लिए राजनीतिक दबाव बनाने की कोशिश करेंगे।
मिशन 2019 पर निशाना लगा रहे सीएम नीतीश कुमार अगले साल बिहार में ग्लोबल समिट करने की कोशिश में हैं। इस समिट का उद्देश्य प्रदेश में निवेश के साथ-साथ राज्य और स्वयं नीतीश कुमार की इमेज का मेकओवर करना भी है। 2019 के आम चुनाव में नरेंद्र मोदी को चुनौती देने वालों की दौड़ में नीतीश भी शामिल हैं। सूत्रों के मुताबिक, इस समिट की रूपरेखा से लेकर इसमें शामिल होने वाले लोगों के नाम का चयन उनके सलाहकार प्रशांत किशोर तैयार कर रहे हैं।गुजरात में नरेंद्र मोदी के लिए वाइब्रेंट गुजरात समिट आयोजित करने में भी प्रशांत किशोर ने अहम भूमिका निभाई थी। मोदी के डिवेलपमेंट मॉडल को इसी समिट की सफलता से पहली बार ग्लोबल पहचान मिली थी।