दागी प्रधानमंत्री-मुख्यमंत्री और मंत्रियों को पद से हटाने वाले प्रस्तावित संविधान संशोधन बिल पर हो रहे हंगामे के बीच बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने कांग्रेस पर हमला बोला है। उन्होंने 1976 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की सरकार द्वारा लाए गए 42वें संविधान संशोधन की आलोचना की है।

निशिकांत दुबे ने आरोप लगाया कि इस संशोधन ने राष्ट्रपति को पीएम का ‘रबर स्टाम्प’ बनाकर रख दिया और अदालतों की शक्तियों को कम कर दिया। दुबे ने यह भी कहा कि संविधान की प्रस्तावना में समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष और अखंडता शब्दों को शामिल कर बाबासाहेब अंबेडकर के संविधान को पूरी तरह से नष्ट कर दिया गया।

निशिकांत दुबे ने राहुल गांधी पर भी आरोप लगाए

भाजपा सांसद ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “क्या प्रधानमंत्री,मुख्यमंत्री या मंत्री जेल जाने के बाद भी सरकार चला सकता है? विपक्ष कांग्रेस के साथ मिलकर नया खेल कर रहा है ।1976 में इंदिरा गांधी जी का यह 42वॉं संविधान संशोधन विधेयक है, इसने बाबा साहब अम्बेडकर जी के पूरे संविधान को ख़त्म कर दिया, राष्ट्रपति जी प्रधानमंत्री के रबड़ स्टाम्प हो गए, सुप्रीम कोर्ट पंगु हो गया, संसद और संसद सदस्यों का अधिकार विदेश नीति,रक्षा नीति और राष्ट्रीय सुरक्षा पर ख़त्म हो गया। ज़मीन,मकान पर ग़रीबों का अधिकार ख़त्म । राहुल जी के कुत्सित और घृणित मानसिकता का विश्लेषण का वक़्त है। देश तोड़ने वाले ताक़तों को सोरोस और फ़ोर्ड फाउंडेशन पैसा देकर यह कुटिल चाल चल रहा है।”

अपने अगले ट्वीट में निशिकांत दुबे ने लिखा, “प्रधानमंत्री हो गए भारत के भगवान, इंदिरा गांधी जी ने इमरजेंसी लगाई तथा विपक्ष को जेल में डाला फिर कर दिया संविधान का 39th संशोधन। प्रधानमंत्री हत्या, चोरी, बलात्कारी, भ्रष्टाचारी हो जाए लेकिन उनके उपर केस नहीं चल सकता। वाह रे कांग्रेस, वाह राहुल बाबू।”

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संविधान के (130वां संशोधन) विधेयक में क्या है?

सरकार ने गंभीर आपराधिक आरोपों में गिरफ्तार या हिरासत में लिये जाने पर प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्री और केंद्र शासित प्रदेश के मुख्यमंत्री या मंत्री को पद से हटाने का प्रावधान करने के लिए बुधवार को संसद में तीन विधेयक पेश किए। ये विधेयक हैं- केंद्र शासित प्रदेश सरकार (संशोधन) विधेयक 2025; संविधान (130वां संशोधन) विधेयक 2025 और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक 2025। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के इन तीनों विधेयकों को लोकसभा में पेश किए जाने के बाद संसद की एक संयुक्त समिति को भेज दिया गया।

कांग्रेस के सरकार पर आरोप

संविधान (130वां संशोधन) विधेयक, 2025 के उद्देश्यों के अनुसार, संविधान के तहत गंभीर आपराधिक आरोपों में गिरफ्तार और हिरासत में लिये गए मंत्री को हटाने का कोई प्रावधान नहीं है। ऐसे मामलों में प्रधानमंत्री या केंद्रीय मंत्रिपरिषद के किसी मंत्री तथा राज्यों और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के मुख्यमंत्री या मंत्रिपरिषद के किसी मंत्री को हटाने के लिए कानूनी ढांचा प्रदान करने के मकसद से संविधान के अनुच्छेद 75, 164 और 239AA में संशोधन की आवश्यकता है। विधेयक का उद्देश्य उपरोक्त उद्देश्यों को प्राप्त करना है।

वहीं, कांग्रेस ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार विभिन्न राज्यों में विपक्षी दलों की सरकार के मुख्यमंत्रियों को पक्षपाती केंद्रीय एजेंसियों द्वारा मनमाने ढंग से गिरफ्तार कराने के बाद उन्हें तुरंत पद से हटाकर विपक्ष को अस्थिर करने के लिए कानून लाने की मंशा रखती है। पढ़ें- प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या मंत्रियों को 30 दिन बाद पद से हटाने वाले विधेयक के बारे में 5 बड़ी बातें

(भाषा के इनपुट के साथ)