कांग्रेस में सामूहिक नेतृत्व और पूर्णकालिक एवं सक्रिय अध्यक्ष की मांग को लेकर सोनिया गांधी को पत्र लिखने वाले 23 नेताओं में शामिल कई ने मंगलवार को कहा कि उन्हें विरोधी नहीं समझा जाए और उन्होंने कभी भी पार्टी नेतृत्व को चुनौती नहीं दी। वहीं कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह ने कहा कि बेहतर होता कि पत्र लिखने या मीडिया में इसे लीक करने के बजाय ऐसे मुद्दों को कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में उठाया जाता। इस मसले पर कांग्रेस दो फाड़ में बंटी हुई नजर आ रही है।
इसी मुद्दे पर एक टीवी चैनल पर बहस के दौरान बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा और उन्होंने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि मैं तो पूरे मजे लेकर डिबेट करूंगा। डिबेट के दौरान संबित पात्रा ने चार पंक्तियां भी सुनाईं। उन्होंने कहा, कांग्रेसियों का दुर्ग अब ढह रहा है। आंसूओं का झरझर सैलाब बह रहा है। आजाद होकर खुद को गुलाम कह रहा है। रो रोकर कांग्रेसियों का बुरा हाल हो रहा है। रो रोकर कांग्रेसी राहुल को सह रहा है।
#आर_पार
BJP के संबित पात्रा ने क्यों बोला मैं पूरे मजे लेकर डिबेट करुंगा- देखें ,सबसे बड़ी बहस आर पार @AMISHDEVGAN pic.twitter.com/felmQNFEs5— News18 India (@News18India) August 26, 2020
उन्होंने आगे कहा कि आज इसीलिए सुप्रिया श्रीनेत और आचार्य प्रमोद कृष्णम नहीं आए हैं। ऐसा नहीं है कि वो काजू कतली खा रहे हैं या रसोड़े में देख रहे हैं कि रसोड़े में कौन है। ये इसलिए नहीं आए हैं क्योंकि ये क्या डिफेंड करेंगे बताइए। कैसे डिफेंड करेंगे। इनडिफेंसिबल को कोई डिफेंड कर सकता है और इन्होंने कहा ये कोई कॉमेडी शो नहीं हो रहा है। अरे मैं तो कह रहा हूं कि पूरी की पूरी कांग्रेस पार्टी कॉमेडी सर्कस है। ये क्या कारवां लुट गया … लुट गया की बात कर रहे हैं। मैं तो पूरे मजे लेकर डिबेट करूंगा। कांग्रेस इस समय देश का सबसे बड़ा जोक है और उस जोक पर हंसना मेरा लोकतांत्रिक अधिकार है।मेरी अभिव्यक्ति की आजादी है। मैं ठहाके मारकर हंसूंगा, काजू कतली भी खाऊंगा, छोले भी पकाऊंगा। आप रोइए बैठकर मैं क्यों रोऊं?
बता दें कि कांग्रेस नेताओं के खत लिखने को लेकर बुधवार को राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह ने कहा कि, ‘‘ मैं कार्यसमिति का सदस्य नहीं हूं, ना ही मैंने वह पत्र देखा है… लेकिन चिट्ठी लिखने से बेहतर होता कि चार या पांच लोग जो सीडब्ल्यूसी के सदस्य हैं, वे चर्चा के लिये अनुरोध कर सकते थे… चिट्ठी लिखने और उसे मीडिया में लीक करना यह उचित नहीं है।’’