Coronavirus/COVID-19 संकट और Lockdown के बीच रविवार (31 मई, 2020) को देश की राजधानी नई दिल्ली में Pakistan High Commission (पाकिस्तान उच्चायोग) के दो अफसर जासूसी करते धर दबोचे गए। समाचार एजेंसी PTI के मुताबिक, भारत ने इन दोनों को ही जासूसी के लिए ‘अस्वीकृत व्यक्ति’ (Persona Non Grata) घोषित कर दिया है, जबकि 24 घंटे के भीतर हर हालत में देश छोड़ देने का आदेश दिया है।
अधिकारियों के हवाले से आगे न्यूज रिपोर्ट में कहा गया कि भारत ने इस मुद्दे को लेकर पाकिस्तान के प्रति कड़ा विरोध जताया है और वहां के आयोग से सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि उनका कूटनीतिक मिशन का कोई भी सदस्य इस तरह की गतिविधियों में शामिल न हो।
इसी बीच, न्यूज एजेंसी ‘ANI’ ने सूत्रों के हवाले से बताया कि ये दोनों ही पाकिस्तान उच्चायोग में वीजा असिस्टेंट के तौर पर काम कर रहे थे। रविवार को भारतीय अफसरों ने इन्हें जासूसी करते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया, जिसके बाद ये बेनकाब हुए।
Bihar, Jharkhand Coronavirus LIVE Updates
सूत्रों के मुताबिक, इन अधिकारियों की पहचान आबिद हुसैन और ताहिर खान के रूप में हुई है।बता दें कि किसी भी शख्स को ”अस्वीकृत व्यक्ति” घोषित करना कूटनीतिक सम्मेलन का बहुत बड़ा हिस्सा है। बताया गया कि ये दोनों पाक उच्चायोग के वीजा सेक्शन में काम करते थे। ये फर्जी भारतीय पहचान-पत्र लेकर इधर-उधर घूमा करते थे और जासूसी करते थे।
हालांकि, इस तरह का वाकया पहली बार नहीं हुआ है। ऐसी ही मिलती जुलती घटना साल 2016 में हुई थी। देश की ओर से तब पाकिस्तान उच्चायोग के एक अफसर को अस्वीकृत शख्स घोषित किया गया था। उसका नाम महमूद अख्तर था, जिसे तब भारतीय अफसरों ने तब कुछ संवेदनशील दस्तावेजों के साथ धर दबोचा था।
पूछताछ में पता लगा था कि अख्तर पाकिस्तानी सेना के बलोच रेजिंमेंट से ताल्लुक रखता था और उसने पाकिस्तानी जासूसी एजेंसी आईएसआई यानी कि इंटर सर्विस इंटेलिजेंस में डेप्यूटेशन के तौर पर ज्वॉइनिंग की थी। वह सितंबर 2013 से नई दिल्ली स्थित पाकिस्तान उच्चायोग में तैनात था। पाकिस्तान उच्चायुक्त को तब भारत की ओर से विदेश सचिव ने समन किया था। साथ ही महमूद अख्तर की हरकतों को लेकर कड़ा विरोध भी जताया गया था।