वरिष्ठ पत्रकार रवीश तिवारी नहीं रहे। शुक्रवार (19 फरवरी, 2022) को वह कैंसर से जंग हार गए। उनके निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शोक जताया। कहा कि तिवारी की खबरें पढ़ने में उन्हें आनंद आता था।

तिवारी हमारे सहयोगी अंग्रेजी अखबार दि इंडियन एक्सप्रेस में नेशनल ब्यूरो चीफ और नेशनल पॉलिटिकल एडिटर थे। मूल रूप से यूपी के गोरखपुर के रहने वाले तिवारी आईआईटी बॉम्बे से ग्रैजुएट थे। उन्होंने इसके ऑक्सफोर्ड में भी पढ़ाई की थी।

वह जून 2020 से कैंसर से जूझ रहे थे। वह 40 साल के थे और अपने पीछे परिवार में पत्नी, माता-पिता और एक भाई को अकेला छोड़ गए हैं। इंडियन एक्सप्रेस से पहले वह इकनॉमिक टाइम्स और इंडिया टुडे सरीखे मीडिया संस्थानों में काम कर चुके थे।

पीएम मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘नियति ने रवीश तिवारी को बहुत जल्दी ही हमसे छीन लिया। मीडिया जगत में उनके निधन से एक शानदार करियर और प्रतिभा का अंत हो गया। मुझे उनकी रिपोर्ट पढ़ने में आनंद आता था और मैं समय-समय पर उनसे बात भी करता था। वह गहरी समझ रखने वाले और विनम्र स्वभाव के व्यक्ति थे। उनके परिजनों और दोस्तों के प्रति मेरी संवेदनाएं। ओम शांति।’’

तिवारी के दोस्त और टीवी पत्रकार विकास भदौरिया ने टि्वटर पर लिखा था, ‘‘गहरी समझ रखने वाले पत्रकार, एक अच्छे इंसान और मेरे प्यारे दोस्त रवीश ने शुक्रवार रात इस दुनिया को अलविदा कह दिया। गुरुग्राम के सेक्टर- 20 में आज शाम 3.30 बजे उनका अंतिम संस्कार होगा। ओम शांति शांति शांति।’’

एक्सप्रेस समूह के अध्यक्ष विवेक गोयनका ने उनके देहांत पर कहा, “रवीश हमारे पेशे में एक दुर्लभ और अनोखी आवाज थे। उन्होंने कभी भी आराम की तलाश में नहीं की। सभी की बात सुनी क्योंकि उन्हें पता था कि देश की राजनीतिक नब्ज पर अंगुली रखने और इसे हमारे पाठकों और दर्शकों को समझाने का यही सबसे अच्छा तरीका और एकमात्र तरीका है।”

उनके मुताबिक, “हम उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हैं। एक रिपोर्टर और एक संपादक के रूप में, उन्होंने सामने से नेतृत्व किया। रवीश अपने काम में ज़िंदा रहेंगे जो न्यूज़ रूम और उससे आगे के लिए एक स्थाई प्रेरणा होगी।”