बिहार में चमकी बुखार से मासूमों की मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। बुधवार (19 जून, 2019) शाम तक यह आंकड़ा लगभग 140 के पास पहुंच गया, पर सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से लेकर उप-मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी तक ने इस संवेदनशील मुद्दे पर पत्रकारों के सवाल तक लेना जरूरी न समझा। रिपोर्टर बार-बार बच्चों की जान जाने को लेकर सवाल दागते रहे, मगर इन दोनों ही नेताओं ने जवाब नहीं दिए।

पहला मामला सीएम से जुड़ा है। दरअसल, जनता दल यूनाइटेड अध्यक्ष बुधवार को दिल्ली में पीएम मोदी द्वारा बुलाई सर्वदलीय बैठक में आए थे। मीटिंग के बाद वह संसद भवन से निकले तो पत्रकारों ने उन्हें घेर लिया। वे सब नीतीश से चमकी मौत मुद्दे पर बात करना चाहते थे, पर बिहार सीएम ने उन्हें नजरअंदाज किया।

आलम यह था कि नीतीश उनकी बात सुनकर रुके भी नहीं। ऐसे में पत्रकार दौड़ते हुए बच्चों की मौत पर सवाल पर सवाल दागते रहे। बोले, “मुजफ्फरपुर पर कुछ बोलेंगे? नीतीश जी, आपको नहीं लगता है कि आपके यहां (बिहार में) शासन व्यवस्था कुछ ठीक नहीं है? सवाल ले लीजिए, मुजफ्फपुर में बच्चे मर रहे हैं। आप पर आरोप लग रहा है…नीतीश जी।”

बार-बार टोकने पर भी सीएम ने जवाब नहीं दिया। गाड़ी में बैठते ही शीशा चढ़ा लिया और ड्राइवर से गाड़ी की रफ्तार तेज कराकर वहां से निकल लिए। इससे पहले, दिन में सूबे की राजधानी पटना में डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। उनसे पत्रकारों ने तब चमकी बुखार को लेकर सवाल पूछे पर वह बगैर जवाब दिए ही चले गए। बता दें कि बिहार में जेडीयू और बीजेपी के गठबंधन की सरकार है। देखें, वीडियोः