महिलाओं को रेल यात्रा के दौरान सुरक्षित महसूस कराने के लिए मोदी सरकार एक और कदम उठाने जा रही है। रेलवे देश के 1000 रेलवे स्टेशनों के हर कोने को 35000 सीसीटीवी कैमरे से लैस करने की योजना बना रहा है। यह इंडियन रेलवेज में सबसे बड़ा सिक्युरिटी सर्विलांस सिस्टम होगा। एक बार यह काम पूरा होने के बाद स्टेशनों के ‘हर हिस्से पर आप सीसीटीवी कैमरे की नजर में हैं’ जैसे बोर्ड नजर आएंगे।
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बीते महीने प्रधानमंत्री कार्यालय में एक अहम बैठक हुई। रेलवे के अधिकारियों को बताया गया कि पीएम चाहते हैं कि रेलवे को महिलाओं के लिए सुरक्षित बनाया जाए। इसके बाद, रेलवे ने रिकॉर्ड टाइम में एक प्लान तैयार किया। इसमें केंद्र सरकार के निर्भया फंड को इस्तेमाल करने का फैसला किया गया है। इस प्रोजेक्ट की अहमियत को समझते हुए वित्त मंत्रालय ने भी मीटिंग के तीन दिन बाद ही रिकॉर्ड समय में प्रोजेक्ट को मंजूरी दे दी। साथ ही इस वित्त वर्ष के लिए 200 करोड़ रुपए जारी कर दिया ताकि काम तुरंत शुरू हो सके। बाकी की रकम अगले साल दी जाएगी। सूत्रों ने द इंडियन एक्सप्रेस से इस बात की पुष्टि की कि रेलवे ने इस काम को अपनी सर्वोच्च प्राथमिकता में रखा है। रेलवे बोर्ड के चेयरमैन खुद इस प्रोजेक्ट पर नजर रख रहे हैं।
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मोदी ने यह भी कहा है कि सीसीटीवी का इस्तेमाल सुरक्षा के अलावा साफ सफाई बरकरार रखने के मकसद से भी किया जाए। इसे हकीकत बनाने के लिए रेलवे फ्रेमवर्क तैयार कर रहा है। रेलवे ने 1 हजार स्टेशनों की लिस्ट तैयार की है। इनमें से 981से शुरुआत की जाएगी। रेलवे प्रशासन ने विभिन्न जोन्स से पूछा है कि इस साल इस काम के लिए कितने पैसे खर्च होंगे।
रेलवे की योजना है कि हर स्टेशन पर कम से कम 35 सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं और इसकी फीड को डिविजनल हेडक्वार्टर स्थित सर्वर से जोड़ा जाए। इस रिकॉर्डिंग को 30 दिन तक सेव करके रखा जाएगा। कैमरों की तादाद इस तरह से रखी जाएगी कि स्टेशन का हर कोना इसकी जद में आ जाए।