गुजरात विधानसभा चुनाव और जम्मू कश्मीर मुद्दे को लेकर शुक्रवार (14 अक्टूबर, 2022) को चल रही एक टीवी डिबेट के दौरान भाजपा प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि अमेरिकी राजदूत से नेहरू ने खुद कहा था कि आप भारत के आखिरी इंग्लिश प्रधानमंत्री से बात कर रहे हैं। इसके जवाब में कांग्रेस नेता अभय दुबे ने कहा कि जाकर केस कर दीजिए।
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि यही भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के साथ तकलीफ है। उन्होंने कहा कि इस मामले को लेकर महात्मा गांधी ने अपनी किताब में कहा था कि मेरी बैलगाड़ी के दो बैल हैं। एक जवाहर लाल नेहरू और दूसरे सरदार पटेल। कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि बापू ने कहा था कि सरदार पटेल हिंदुस्तान की नब्ज को जानता है, जबकि पंडित नेहरू वैश्विक स्तर पर पहचान रखते हैं। इसिलए मेरी प्राथमिकता पंडित नेहरू हैं।
कांग्रेस नेता ने पूछा- कहां गया हजारों करोड़ का निवेश
कांग्रेस नेता ने सुधांशु त्रिवेदी से पूछा कि सरकार बनने पर आप ने क्या वादा किया था कि अनुच्छेद-370 और 35ए को हटा देंगे। हजारों लोग जम्मू-कश्मीर में आकर जमीन खरीद सकेंगे। क्या हुआ उसका। उन्होंने कहा कि अभी मार्च में लोकसभा में आपने (बीजेपी) ने जवाब दिया कि 29 छोटी-छोटी जमीन के टुकड़े जम्मू-कश्मीर के बाहर के लोगों ने खरीदे हैं। कांग्रेस नेता ने पूछा फिर हजारों करोड़ रुपये का निवेश कहां से आ गया। 64 हजार विस्थापित कश्मीरी पंडित को पुन: बसाने के लिए कहा था, उसका क्या हुआ।
कोई नेता हमारे लिए पॉलिटिकल वोट बैंक नहीं: सुधांशु त्रिवेदी
कांग्रेस नेता के इन सभी सवालों का जवाब देते हुए बीजेपी प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि नेहरू या कोई भी नेता हमारे लिए पॉलिटिकल वोट बैंक का साधन नहीं है। उन्होंने कहा कि हमारे तो संस्थापक, अध्यक्ष श्यामा प्रसाद मुखर्जी स्वतंत्र भारत के प्रथम बलिदानी थे, जिन्होंने कश्मीर के एकीकरण के लिए अपना बलिदान दिया। त्रिवेदी ने कहा कि हमारा जनसंघ के जमाने से नारा था, ‘जहां हुए बलिदान मुखर्जी, वो कश्मीर हमारा है’ और जो कश्मीर हमारा है, वो सारे का सारा है।
56 हजार करोड़ रुपये का जम्मू-कश्मीर में इंवेस्टमेंट आया: त्रिवेदी
त्रिवेदी ने कहा कि जहां तक निवेश की बात है। उसको लेकर कांग्रेस पार्टी 2019 से पहले कुल 15 हजार करोड़ रुपए का इंवेस्टमेंट आया था। अब 2019 के बाद 56 हजार करोड़ रुपए का जम्मू कश्मीर में इंवेस्टमेंट आया है। शारजहां से सीधे फ्लाइट चल रही है। उन्होंने कहा कि इसी साल में केवल सितंबर के महीने में जम्मू कश्मीर में 22 लाख पर्यटक आए हैं।