उच्चतम न्यायालय ने नीट और जेईई की प्रत्यक्ष परीक्षाओं के आयोजन की अनुमति देने संबंधी 17 अगस्त के आदेश पर पुनर्विचार के लिये छह गैर-भाजपा शासित राज्यों के मंत्रियों की याचिका खारिज कर दी है। JEE परीक्षा के साथ-साथ अब NEET परीक्षा का भी आयोजन किया जाएगा।
इससे पहले सायंतन बिस्वास समेत 11 छात्रों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर परीक्षा रद्द करने की मांग की थी। उनका कहना था कि जिस तरह से कोरोना महामारी का प्रकोप फैलता जा रहा है इस लिहाज से स्थिति सामान्य होने तक परीक्षा की तारीखों को रद्द कर दिया जाए। इस याचिका पर सुनवाई कर रही अरुण मिश्रा की बेंच ने कहा था कि छात्रों का एक साल यूं ही बर्बाद होने नहीं दिया जा सकता। जब एनटीए स्वास्थ्य की सुरक्षा का आश्वसान दे रहा है तो फिर परीक्षा को रोकने की आवश्यकता नहीं है।
इस फैसले के बाद 6 गैर बीजेपी शासित राज्यों के मंत्रियों ने याचिका दायर कर उस पर दोबारा विचार करने की मांग की थी जिसे कोर्ट ने शुक्रवार को खारिज कर दिया। महाराष्ट्र, पंजाब, पश्चिम बंगाल, झारखंड, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के छह मंत्रियों ने शीर्ष अदालत से यह कहते हुए याचिका दायर की थी कि यदि आदेश की समीक्षा नहीं की गई, तो “गंभीर और अपूरणीय क्षति और छात्रों को दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा।
बता दें कि जेईई (मेन) शुरू में 7-11 अप्रैल को आयोजित किया जाना था। फिर इसे पहले 18-23 जुलाई तक के लिए स्थगित कर दिया गया, और बाद में कोविद महामारी के मद्देनजर 1-6 सितंबर के लिए पुनर्निर्धारित किया गया। जेईई (एडवांस्ड) 27 सितंबर को होना है। अंडरग्रेजुएट मेडिकल प्रोग्राम में प्रवेश के लिए नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (NEET) 3 मई को होना था। इसके बाद इसे टालकर 26 जुलाई किया गया और फिर 13 सितंबर का समय निर्धारित किया गया।