National Conference Omar Abdullah: जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने शुक्रवार शाम को राजभवन जाकर उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से मुलाकात की और सरकार बनाने का दावा पेश किया। जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटने के बाद हुए विधानसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन ने 49 सीटों पर जीत दर्ज की है। इसमें नेशनल कॉन्फ्रेंस को 42, कांग्रेस को 6 और सीपीएम को एक सीट मिली है। नेशनल कॉन्फ्रेंस को चार निर्दलीय उम्मीदवारों ने भी समर्थन दिया है।
जिन निर्दलीय विधायकों ने समर्थन दिया है, उनके नाम- प्यारे लाल शर्मा, सतीश शर्मा, चौधरी मोहम्मद अकरम और डॉ. रमेश्वर सिंह हैं। इन्होंने क्रमशः इंदरवाल, छंब, सुरनकोट और बानी विधानसभा सीटों से जीत हासिल की है। इसके साथ ही नेशनल कॉन्फ्रेंस की कुल सीटें बढ़कर 46 हो गई हैं और यह सदन में बहुमत का आंकड़ा भी है।
जम्मू को नजरअंदाज नहीं किया जाएगा
उपराज्यपाल से मिलने के बाद उमर अब्दुल्ला ने कहा, ‘मैंने उपराज्यपाल को कांग्रेस, सीपीएम, आप और निर्दलीयों के समर्थन पत्र सौंपे। मैंने उनसे शपथ ग्रहण समारोह की तारीख तय करने का अनुरोध किया ताकि सरकार अपना काम शुरू कर सके। यह एक लंबी प्रक्रिया होगी क्योंकि यहां केंद्र का शासन है। उपराज्यपाल पहले दस्तावेजों को राष्ट्रपति भवन और फिर गृह मंत्रालय को भेजेंगे। मुझे बताया गया है कि इसमें 2-3 दिन लगेंगे। अगर यह मंगलवार से पहले हो जाता है तो बुधवार को शपथ ग्रहण समारोह होगा। मैं बस यह कहना चाहता हूं कि इस सरकार में जम्मू को नजरअंदाज नहीं किया जाएगा।’
इससे पहले उमर अब्दुल्ला को नेशनल कॉन्फ्रेंस के नवनिर्वाचित विधायकों ने सर्वसम्मति से विधायक दल का नेता चुना था और कांग्रेस ने भी उन्हें समर्थन दिया था।
नेशनल कॉन्फ्रेंस ने 51 सीटों पर चुनाव लड़ा था जबकि कांग्रेस ने 32 सीटों पर। बीजेपी ने 29 सीटें जीतीं और वह दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। महबूबा मुफ्ती के नेतृत्व वाली पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के केवल 6 उम्मीदवार ही विजयी हुए।
उमर अब्दुल्ला ने चुनाव नतीजों के बाद जम्मू-कश्मीर के लिए राज्य का दर्जा बहाल किए जाने की मांग की थी और कहा था कि राज्य सरकार को लोगों के कल्याण के लिए उपराज्यपाल के साथ मिलकर काम करना चाहिए। उन्होंने कहा था कि हम चाहते हैं कि उपराज्यपाल और सरकार के बीच कोई टकराव न हो।
अब्दुल्ला ने कहा था कि उनकी सरकार सभी व्यक्तियों के लिए काम करेगी और हम उन लोगों से बदला लेने वालों में से नहीं हैं जिन्होंने हमें वोट नहीं दिया।
अनुच्छेद 370 को लेकर क्या है रुख?
उमर अब्दुल्ला ने कहा था कि 370 नेशनल कॉन्फ्रेंस की राजनीतिक विचारधारा का हिस्सा है लेकिन हमने हमेशा कहा है कि यह ऐसी लड़ाई नहीं है जो कल खत्म हो जाएगी। यह ऐसी लड़ाई है जो केंद्र में सरकार बदलने तक जारी रहेगी।
केंद्र के साथ कैसे होंगे संबंध?
केंद्र शासित प्रदेश होने के चलते ज्यादातर शक्तियां उपराज्यपाल के पास हैं। इसके चलते यह भी सवाल खड़े हो रहे हैं कि क्या जम्मू कश्मीर का हाल भी दिल्ली के जैसा होगा। इसको लेकर उमर अब्दुल्ला ने कहा था कि हम इस नई पारी की शुरुआत लड़ाई-झगड़े के इरादे से नहीं कर रहे हैं। हम ईमानदारी से इसे एक अच्छे, स्वस्थ कामकाजी रिश्ते के उद्देश्य से शुरू कर रहे हैं।