Farooq Abdullah: अपने बयानों के चलते अक्सर सुर्खियों में रहने वाले नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला शुक्रवार (23 दिसंबर, 2022) को संसद परिसर में अपने एक अलग अंदाज में दिखे। जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने राजकपूर की प्रसिद्ध फिल्म ‘मेरा नाम जोकर’ का गीत गुनगुनाया। उन्होंने संसद परिसर के गेट नंबर-2 पर मीडिया से बात करते हुए ‘ जीना यहां मरना यहां, इसके सिवा जाना कहां’ गीत गाया। फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि देश में नफरत का माहौल है, लेकिन देश छोड़ना इसका समाधान नहीं है।
फारूक अब्दुल्ला ने मीडिया से बात करते हुए राजद नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी (Abdul Bari Sidiqqui) के बयान पर भी अपनी प्रतिक्रिया दी। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह सच है कि देश जरूर मुश्किल दौर से गुजर रहा है। नफरतें बढ़ गई हैं, लेकिन देश छोड़ना कोई समाधान नहीं है। उन्होंने कहा कि हमें एकजुट होकर देश से इस नफरत की आग को खत्म करना होगा। सभी लोग खराब नहीं है,अच्छे लोगों की बहुत बड़ी संख्या है।
कोई भी आदमी पीछे रह जाए तो देश मजबूत नहीं हो सकता: फारूक अब्दुल्ला
अब्दुल्ला ने कहा कि अगर इस देश को बचना है तो मुसलमान हो, हिंदू हो, सिख हो, ईसाई हो, हम सबको भाईचारे में रहना है। रामराज्य ये ही था कि सब बराबर हैं। कोई भी देश का आदमी पीछे रह जाए तो देश मजबूत नहीं हो सकता।
दरअसल, राजद के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री अब्दुल बारी सिद्दीकी (Abdul Bari Sidiqqui) ने हाल ही में विदेश में रह रहे अपने बच्चों को सलाह दी थी कि देश का माहौल सही नहीं है। अगर विदेश में नौकरी मिलती है तो ले लो। नागरिकता मिलती है तो ले लो। क्योंकि भारत अब रहने लायक देश नहीं है। उनके इस बयान के बाद विवाद खड़ा हो गया और उनको काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है।
राजद नेता की इसी टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए अब्दुल्ला ने कहा कि यह सच है कि देश में नफरत है, लेकिन देश छोड़ना कोई समाधान नहीं है। हमें यहां रहकर-मिलकर इस नफरत से लड़ना होगा।
अब्दुल बारी सिद्दीकी के इस बयान के बाद बिहार भाजपा के प्रवक्ता निखिल आनंद ने कहा कि भड़काऊ बयान देकर सिद्दीकी किसे खुश करना चाहते हैं? बेहतर होगा कि वह पाकिस्तान चले जाएं। आनंद ने कहा कि राजद नेता सिद्दीकी का बयान निंदनीय है। ये लोग मदरसा संस्कृति से अभी भी बाहर नहीं निकल पाए हैं। ऐसे ही लोग सेक्युलरिज्म व लिबरलिज्म के मुखोटे में राष्ट्रविरोधी व धार्मिक एजेंडा चलाते हैं। सिद्दीकी का बयान आरजेडी की विचारधारा को परिलक्षित करता है।