आतंक के वित्त पोषण के स्रोतों को पूरी तरह जाम कर देने के लिए लक्षित आर्थिक प्रतिबंध जैसी ठोस पहल का आह्वान करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि पेरिस में हाल में हुआ बर्बर आतंकी हमला इस बात की ओर चिंताजनक इशारा करता है कि आतंकवादियों ने अपनी आर्थिक जरूरतों को जुटाने में परिस्थितियों को अपने अनुकूल बनाने की लचीलेपन की रणनीति अपना रखी है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आतंकवादी मादक पदार्थों की तस्करी, बैंक में डकैती, वाहनों की चोरी, जाली मुद्रा या विफल राष्ट्रों में राज्य प्रायोजित गतिविधियों जैसे अनेक आपराधिक कार्यों के जरिए वित्त की व्यवस्था करते हैं। उन्होंने आतंकी समूहों द्वारा हमलों को अंजाम देने की क्षमता पर प्रहार करने के लिए उनके वित्त पोषण के प्रवाह को रोकने का आह्वान किया। मोदी ने कहा कि कुछ दिन पहले पेरिस में जिस तरह के बर्बर कार्य को अंजाम दिया गया, वे इस बात का चिंताजनक संकेत हैं कि आतंकवादियों ने अपनी वित्तीय जरूरतों को पूरा करने के लिए काफी लचीलेपन और अनुकूलता की रणनीति अपनाई है।

सीबीआइ, भ्रष्टाचार निरोधक एवं सतर्कता ब्यूरो के 21वें सम्मेलन और परिसंपत्ति वापसी पर छठे वैश्विक सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि वित्त पोषण के स्रोत को रोकने से आतंकवादियों की क्षमताएं सीमित होंगी और इससे हमलों को अंजाम देने की उनकी क्षमता भी कम होगी। इस सम्मेलन में 34 देश हिस्सा ले रहे हैं। पिछले हफ्ते पेरिस हमलों के बाद हुई जी-20 देशों की बैठक में प्रधानमंत्री ने इस मुद्दे को उठाया था। इस आतंकी हमले में अब तक 134 लोग मारे जा चुके हैं।

प्रधानमंत्री ने 34 देशों के अन्वेषकों से कहा कि संगठित अपराध के वैश्विकरण ने दुनिया भर की अर्थव्यवस्थाओं के सामने एक बड़ी चुनौती पैदा की है और यह सर्वज्ञात है कि ‘खराब धन, अच्छे धन’ को बाहर भगा देता है। उन्होंने चेताया कि संगठित अपराध निवेश और आर्थिक वृद्धि को बाधित कर सकता है। यह अर्थव्यवस्था के एक बड़े हिस्से में घुसपैठ या उस पर नियंत्रण कर सकता है। अवैध वित्त पोषण से मादक पदार्थों की तस्करी, हथियारों की तस्करी, मानव तस्करी और आतंकवाद जैसी अपराधिक गतिविधियों को प्रोत्साहन मिलता है।

अपराध से होने वाली आय पर लगाम लगाने के लिए समन्वित प्रयासों का आह्वान करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आर्थिक उदारीकरण और वैश्वीकरण के कारण अपराध से आय को दुनिया में कहीं भी लगाने की क्षमता बढ़ गई है। मोदी ने अपराध से होने वाली आय पर निशाना साधते हुए इस संबंध में अंतरराष्ट्रीय सहयोग का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि भारत अभी राष्ट्र निर्माण के महत्त्वपूर्ण दौर से गुजर रहा है और सरकार का ध्येय समृद्ध भारत का निर्माण करना है जहां किसान सक्षम हों,
मजदूर संतुष्ट हों, महिलाएं सशक्त हों और युवा आत्मनिर्भर हों। बहरहाल, इस उद्देश्य को हासिल करने के लिए भ्रष्टाचार से अथक लड़ाई जरूरी है। भारत भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई को प्रतिबद्ध है।

उन्होंने कहा कि असंतोषजनक लोक सेवा प्रदान करने और असंतोषजनक कार्यप्रदर्शन के आधार पर हमने अभी तक 45 वरिष्ठ अधिकारियों की पेंशन में कटौती की और हटाया है। भारत ने काले धन के बारे में ताजा सूचनाओं के आदान प्रदान के लिए कई देशों के साथ समझौते किए हैं और इसके साथ ही विदेशी खाता कर अनुपालन अधिनियम को लागू करने के लिए अमेरिका के साथ अंतर सरकारी समझौता किया है।

कालाधन अघोषित विदेशी आय व परिसंपत्ति एवं कर अधिरोपण अधिनियम जैसे समग्र एवं निरोधक कानून को लागू किया गया है। इसमें सख्त दंड और अभियोजन का प्रावधान किया गया है।
उन्होंने कहा कि अपराध और भ्रष्टाचार से अर्जित आय, चोरी की संपत्ति होती है। वे उस देश की नहीं होती, जहां उसे छिपा कर रखा गया होता है। वह सही अर्थो में उस देश से संबद्ध होती है जहां से वह लूटी गई होती है। मोदी ने कहा कि पुलिस और कानून अनुपालन एजंसियों को औपचारिक व अनौपचारिक संबंध बनाना चाहिए ताकि अंतरराष्ट्रीय सीमा के पार सम्पत्तियों को जब्त करने के लिए कानूनी बाधाओं को दूर किया जा सके ।

इससे पहले सम्मेलन को संबोधित करते हुए सीबीआइ के निदेशक अनिल सिन्हा ने कहा कि सीबीआइ व्यापक कार्यों और जिम्मेदारियों का वहन कर रही है। जो आपराधिक खतरों के संबंध में विभिन्न देशों में इंटरपोल के साथ सक्रियता से समन्वय स्थापित करके देश में सुरक्षा और न्याय प्रशासन को प्रभावी ढंग से सहयोग प्रदान कर रही है।

भगोड़े का पता लगाने का मामला हो या औपचारिक या अनौपचारिक साक्ष्य प्रदान करने और विदेशों में जांच संबंधी अन्य साक्ष्य प्राप्त करने का, चाहे भगोड़े अपराधियों के प्रत्यर्पण का हो, सीबीआइ अंतरराष्ट्रीय सहयोग प्रदान करने में अग्रणी रही है।

इंटरपोल के महासचिव जर्गन स्टाक ने कहा कि पेरिस में पिछले शुक्रवार को जो हुआ, बेरूत में जो हुआ और अंकारा में जो हुआ या 2008 में मुंबई में जो हुआ, उसे देखते हुए अब इस परिवार को इसे दोहराने से रोकने के लिए पहले से अधिक एकजुट रहने की जरूरत है। 21वीं सदी में यह काफी चुनौतीपूर्ण हो गया है, जब एक बटन दबाने से काफी मात्रा में धन का अवैध प्रवाह सीमा पार चला जाता है।

उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार से आय के सीमा पार करने के मद्देनजर नेताओं और लोक सेवाओं में भरोसा कम हो सकता है, आपराधिक गतिविधियों को बढ़ावा मिल सकता है और सजा का डर खत्म होने की भावना पनप सकती है। वित्तीय अपराधों के चलन से विभिन्न तरह के अपराधों के एक दूसरे से जुड़े होने की बात सामने आई है, जो दुनिया के विभिन्न भागों में कुटिल इरादों से होती है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात कैडर के आइपीएस अधिकारी एकेशर्मा और एसटीएफ की संयुक्त निदेशक नीना सिंह समेत 11 सीबीआइ अधिकारियों को राष्ट्रपति पदक प्रदान किए।

अपराध से आय पर निशाना:
अपराध से होने वाली आय पर लगाम लगाने के लिए समन्वित प्रयासों का आह्वान करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आर्थिक उदारीकरण और वैश्वीकरण के कारण अपराध से आय को दुनिया में कहीं भी लगाने की क्षमता बढ़ गई है। मोदी ने अपराध से होने वाली आय पर निशाना साधते हुए इस संबंध में अंतरराष्ट्रीय सहयोग का आह्वान किया।