प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दो दिवसीय अरब दौरे से देश के मोस्टवांटेड आतंकी दाऊद इब्राहिम पर शिकंजा कसे जाने की उम्मीद जगी है। बताया जा रहा है कि प्रधानमंत्री के साथ यूएई के दौरे पर गए राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवाल अपने साथ दुबई शहर में दाऊद की संभावित संपत्तियों की एक सूची भी ले गए हैं।

डोवाल के साथ 1993 के मुंबई बम धमाकों के मुख्य आरोपी दाऊद के ठिकानों के बारे में सूचना और एक डोजियर भी है जिसके जरिए दाऊद के लिए यूएई के दरवाजे हमेशा के लिए बंद कराने की पूरी कोशिश की जाएगी।

इस लिस्ट के जरिये दुबई में दाऊद की रजिस्टर्ड और बेनामी संपत्तियों को जब्त करने की प्रक्रिया शुरू कराने का दबाव बनाया जाएगा। उनका कहना था कि वार्ता के दौरान यूएई से दाऊद के बिजनेस पर भी लगान लगाने के लिए कहेगा। भारतीय एजेंसियों ने वहां की विभिन्न कंपनियों और होटल बिजनेस में दाऊद के पैसे लगे होने की भी सूची जुटाई है।

दाऊद का एक भाई अनिस इब्राहिम दुबई में अपने संबंधियों के साथ गोल्डन बॉक्स नाम की एक कंपनी चलाता है। इस पर भी शिकंजा कसने की तैयारी है।

भारतीय खुफिया विभाग की मानें तो दाऊद पाकिस्तान में छिपा बैठा है, लेकिन उसका सारा बिजनेस दुबई में है। अगर मोदी के बातचीत करने से अरब सरकार दाऊद के आर्थिक साम्राज्य को क्षति पहुंचाती है, तो पाकिस्तान में बैठा दाऊद सरेंडर करने के लिए मजबूर हो सकता है।