नरेंद्र मोदी सरकार की माली हालत ऐसी नहीं है जो वो एक झटके में OROP (वन रैंक वन पेंशन) के तहत रिटायर्ड सैनिकों को 28 हजार करोड़ का भुगतान कर सके। कुछ अरसा पहले सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान अटार्नी जनरल ऑफ इंडिया आर वेंकटरमानी ने सरकार की माली हालत का ब्योरा देकर मांग की कि थी उन्हें कुछ मोहलत दी जाए। अगर सुप्रीम कोर्ट नहीं मानेगा तो उनके सामने दुश्वारी पैदा हो जाएंगी। CJI डीवाई चंद्रचूड़ हालांकि पहले अपने आदेश को लागू कराने को लेकर तीखे तेवर दिखा रहे थे। लेकिन केंद्र की दलीलें सुनने के बाद उनका दिल पिघल गया और नया आदेश जारी कर दिया।

OROP के एरियर को लेकर हुई सुनवाई के दौरान आर वेंकटरमानी ने पहले सीजेआई की बेंच को सीलबंद लिफाफे में अपनी दुश्वारी बताने की कोशिश की। लेकिन लिफाफा देखते ही तीन जजों की बेंच भड़क गई। वेंकटरमानी को तल्ख लहजे में बताया गया कि ये हमारी परंपरा के अनुरूप नहीं है। बेंच का कहना था कि आप जो कुछ भी हमें बताने जा रहे हैं वो दूसरे पक्ष को भी पता चलना चाहिए। वेंकटरमानी ने सॉरी बोलते हुए अपनी बात शुरू की। उनका कहना था कि कुल पेंशनर्स की तादाद 25 लाख है। उनका भुगतान करने के लिए 28 हजार करोड़ रुपये की जरूरत पड़ेगी।

अटार्नी जनरल बोले- एक झटके में नहीं दे सकते 28 हजार करोड़

वेंकटरमानी ने बताया कि 2022-23 के दौरान डिफेंस मिनिस्ट्री को कुल 5.85 लाख करोड़ रुपये का बजट दिया गया था। इसमें से 1.32 लाख करोड़ रुपये पेंशन के भुगतान के लिए रखे गए हैं। 2022-23 के वित्तीय वर्ष के लिए फरवरी 2023 तक पहले ही 1.2 लाख करोड़ दिए जा चुके हैं। 2019 से 2022 तक की अवधि के लिए जो एरियर्स दिए जाने हैं वो 28 हजार करोड़ हैं। केंद्र सरकार और डिफेंस मिनिस्ट्री पर ये अतिरिक्त बोझ होगा।

फाइनेंस मिनिस्ट्री ने खड़े कर दिए हैं हाथ

अटार्नी जनरल ऑफ इंडिया ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि आपके आदेश को लागू कराने को लेकर वित्त मंत्रालय से चर्चा की गई थी। लेकिन मिनिस्ट्री ने हाथ खड़े कर दिए। उनका कहना था कि एक झटके में 28 हजार करोड़ का भुगतान करना उनके लिए संभव नहीं होगा। दूसरे पक्ष के वकील ने सीजेआई चंद्रचूड़ को बताया कि ये एरियर्स 2019 से लंबित हैं। ये उन लोगों को मिलने हैं जिन्होंने देश की सेवा के लिए सर्वस्व बलिदान कर दिया।

सीजेआई की अगुवाई वाली बेंच ने केंद्र को जारी की थी नई डेडलाइन

केंद्र की माली हालत को देखने के बाद सीजेआई, जस्टिस जेबी परदीवाला और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की बेंच ने अपने आदेश में कहा था कि फैमिली पेंशनर्स और गैलेंट्री अवार्ड विनर को केंद्र एक बार में ही 30 अप्रैल तक सारा भुगतान करेगी। OROP के तहत 70 साल से ऊपर के पेंशनर्स को भुगतान 30 जून कर करना होगा। केंद्र चाहे उन्हें पैसा किश्तों में दे या फिर एक बार में। लेकिन भुगतान 30 जून तक ही करना होगा। बाकी के पेंशनर्स को भुगतान के लिए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को तीन तारीखें दीं। केंद्र को ये भुगतान 31 अगस्त, 30 नवंबर और 28 फऱवरी 2024 तक करना होगा।

एरियर्स पर ब्याज देने की मांग को सीजेआई ने कर दिया था खारिज

बेंच ने एरियर्स पर ब्याज देने का आदेश जारी करने से साफ तौर पर इनकार कर दिया था। ध्यान रहे कि OROP के एरियर्स को लेकर लंबे समय से सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है। अदालत ने केंद्र को कई बार भुगतान की तारीख दी। लेकिन बाद में उसे बढ़ाना पड़ गया।