यूपी के मुजफ्फरनगर सीट पर होने वाले चुनावों के मद्देनजर बीजेपी भले ही ये दावा कर रही हो कि उसकी स्थिति मजबूत है, लेकिन उसकी सहयोगी शिवसेना और अखिल भारतीय हिंदू महासभा मुसीबतें खड़ी करती दिख रही है। दोनों ने बीजेपी प्रत्याशी के खिलाफ न केवल अपना कैंडिडेट उतारा है, बल्कि वे भी हिंदुत्व के एजेंडे के साथ चुनावी प्रचार में उतर गए हैं। बता दें कि पूर्व मंत्री और स्थानीय सपा विधायक चितरंजन स्वरुप की मौत की वजह से यह सीट खाली हो गई थी। इस वजह से मुजफ्फरनगर सीट पर उप चुनाव हो रहे हैं।
समाजवादी पार्टी ने स्वरुप के बेटे गौरव को टिकट दिया है। कांग्रेस ने 2013 में हुए दंगे के पहले भड़काऊ भाषण देने के आरोपी सलमान सईद को अपना प्रत्याशी बनाया है। बीजेपी ने पूर्व नगर पालिका चेयरमैन कपिल देव को उतारा है। वहीं, शिवसेना ने पंकज भारद्वाज जबकि अखिल भारतीय हिंदू महासभा ने धर्मवीर समुंदर को कैंडिडेट बनाया है। बीजेपी नेताओं का दावा है कि वे ही जीतेंगे। नेताओं को सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की उम्मीद है क्योंकि कांग्रेस ने मुस्लिम प्रत्याशी को उतारा है। इसके उलट, शिवसेना और हिंदू महासभा के प्रत्याशियों की वजह से बीजेपी की उम्मीदों पर पानी फिर सकता है।
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शिवसेना का कहना है कि उसका बीजेपी के साथ यूपी में कोई गठबंधन नहीं है, इसलिए वे सभी राजनीतिक पार्टियों के खिलाफ चुनाव लड़ रही है। बता दें कि मुजफ्फरनगर, देवबंद और बीकापुर में 13 फरवरी को चुनाव होने हैं। हालांकि, शिवसेना और अखिल भारतीय हिंदू महासभा ने सिर्फ मुजफ्फरनगर में अपना प्रत्याशी उतारा है।