Murshidabad Violence: पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में 11 अप्रैल को नए वक्फ कानून के विरोध में प्रदर्शन के दौरान हिंसा शुरू हो गई। इसमें अब तक 3 लोगों के मारे जाने की पुष्टि की गई है। रविवार को भी इस हिंसा के साइड इफेक्ट्स देखने को मिले। मुर्शिदाबाद में तनाव के बीच कानून व्यवस्था को लेकर सीएम ममता बनर्जी की टीएमसी और विपक्ष में बैठी बीजेपी के बीच वार पलटवार जारी है।

मुर्शिदाबाद हिंसा पर बीजेपी ने आरोप लगाया है कि हिंसा के कारण मुर्शिदाबाद के जंगीपुर उपखंड में कई हिंदू परिवारों को धुलियान छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा। राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने आरोप लगाया कि धुलियान से 400 से अधिक हिंदू नदी पार करके मालदा के बैष्णबनगर के एक स्कूल में शरण लेने के लिए भाग गए हैं। उन्होंने एक्स पर पोस्ट किया है कि बंगाल में धार्मिक उत्पीड़न वास्तविक है। टीएमसी की तुष्टिकरण की राजनीति ने कट्टरपंथी तत्वों को बढ़ावा दिया है।

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सुकांत मजूमदार ने बोला बड़ा हमला

केंद्रीय राज्य मंत्री और राज्य BJP अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने भी इसी तरह का दावा किया और टीएमसी के बहरामपुर सांसद यूसुफ पठान पर निशाना साधा है, जिन्होंने शनिवार को इंस्टाग्राम पर चाय पीते हुए अपनी एक तस्वीर पोस्ट की थी। पठान ने तस्वीर के साथ कैप्शन में लिखा कि आरामदेह दोपहर, अच्छी चाय और शांत वातावरण। बस पल का लुत्फ़ उठा रहा हूं।

TMC नेताओं पर BJP नेता का हमला

टीएमसी नेता पर निशाना साधते हुए सुकांत मजूमदार ने एक्स पर सांसद युसुफ पठान की तस्वीर शेयर की। सुकांत मजूमदार ने कहा कि प्राथमिकताएं क्या है? मालदा-मुर्शिदाबाद क्षेत्र में हिंदुओं का कत्लेआम हो रहा है! जब बाहर से आए लोगों को बंगालियों का प्रतिनिधित्व करने के लिए उतारा जाता है, तो यही होता है।

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मजूमदार ने टीएमसी के राज्यसभा सांसद डेरेक ओ ब्रायन पर भी निशाना साधा, जिन्होंने सोशल मीडिया पर अपने रविवार के लंच की तस्वीर पोस्ट की थी। बीजेपी प्रेसिडेंट ने एक्स पर लिखा कि बंगाल में खून बह रहा है लेकिन अंदाजा लगाइए कि हमारे गतिशील ‘बड़ी बातें करने वाले’ सांसद डेरेक ओ ब्रायन सर क्या कर रहे हैं? अपने रविवार के लंच के साथ फोटोशूट करवा रहे हैं।

टीएमसी ने किया पलटवार

BJP को जवाब देते हुए टीएमसी प्रवक्ता जयप्रकाश मजूमदार ने कहा कि यह वास्तव में बहुत दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। कुछ राजनीतिक दल, खासकर भाजपा, लंबे समय से बंगाल में सांप्रदायिक स्थिति को भड़काने की कोशिश कर रहे थे। पहले उन्होंने मालदा के मोथाबारी में और अब मुर्शिदाबाद में ऐसा करने की कोशिश की। इस घटना की मूल वजह भी बीजेपी का वह वक्फ कानून है।

टीएमसी नेता ने कहा कि वक्फ बिल का हमने संसद में विरोध किया था। वे समाज को बांटने के लिए इसे लेकर आए थे। हमारे मुख्यमंत्री पहले ही घोषणा कर चुके हैं कि बंगाल इस कानून को लागू नहीं करेगा।

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असहज स्थिति में है TMC

टीएमसी के लिए मुर्शिदाबाद जैसे सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील जिले में हिंसा हुई है, जहां पिछले साल भी हिंसा हुई थी। यह सबकुछ ऐसे वक्त में हो रहा है कि जब बंगाल सरकार कथित स्कूल नौकरी घोटालों को लेकर विवादों का सामना कर रही है। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार की 2016 की 25,000 से अधिक शिक्षेकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की नियुक्ति को रद्द कर दिया है।

बीजेपी और अन्य विपक्षी दल, ममता बनर्जी सरकार के हालात से निपटने के तरीके पर सवाल उठा रहे हैं, वहीं सत्तारूढ़ पार्टी के कुछ लोग इसे सकारात्मक पहलू मानते हैं। उनका मानना ​​है कि मुसलमानों में संशोधित वक्फ कानून के खिलाफ भावना पार्टी को BJP के खिलाफ अल्पसंख्यक समुदाय को एकजुट करने का मौका देती है।

टीएमसी में हर कोई इस दृष्टिकोण से सहमत नहीं है, और उनका कहना है कि हिंदू वोटों का इसी तरह का ध्रुवीकरण BJP को लाभ पहुंचाएगा। इन नेताओं ने कहा कि टीएमसी विपक्षी पार्टी को दूर रखने में सफल रही है क्योंकि मुसलमान मुख्य रूप से ममता बनर्जी को वोट देते हैं, और बंगाल में सभी हिंदू BJP को वोट नहीं देते हैं।

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2024 के लोकसभा चुनावों में, दूसरे चरण से BJP के हिंदुत्व समर्थक बयानबाजी ने हिंदू वोटों को उतना मजबूत करने में मदद नहीं की जितनी उसे उम्मीद थी जबकि यह सुनिश्चित किया कि मुसलमान टीएमसी के पीछे एकजुट हों।

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