Mumbai Rains, Weather Forecast News Updates: मुंबई और इसके बाहरी इलाकों में रविवार रात और सोमवार सुबह भारी बारिश से ट्रेनों के परिचालन में देरी हुई। साथ ही सड़कों पर भी वाहनों की रफ्तार भी धीमी रही। एक अधिकारी के मुताबिक, मुंबई की लाइफ लाइन मानी जाने वाली कई लोकल ट्रेनें रद्द कर दी गईं या गंतव्य स्थान से पहले ही उन्हें रोक दिया गया, क्योंकि पश्चिमी लाइन की मरीन लाइन्स स्टेशन पर कार्य के लिए लगाया गया बांस का अस्थाई ढांचा तार के ऊपर गिर गया था। इसी बीच, बारिश से कल्याण में तीन मंजिला इमारत का हिस्सा गिर गया, जिसके कारण तीन लोगों की मौत हो गई।
वहीं, भारतीय मौसम विभाग के एक अधिकारी के हवाले से ‘पीटीआई-भाषा’ की रिपोर्ट में कहा गया- सोमवार सुबह तक पिछले 24 घंटे में 91 मिमी बारिश दर्ज की गई। विभाग ने शहर में और अधिक बारिश का पूर्वानुमान लगाया है। मराठवाड़ा और विदर्भ के सूखे क्षेत्र में भी बारिश की संभावना जताई है। लगातार हो रही बारिश की वजह से दक्षिण मुंबई और बांद्रा-कुर्ला परिसर में वाहनों की रफ्तार कम रही। आपको बता दें कि इस क्षेत्र में कई कॉर्पोरेट हाऊस और निजी कंपनियों के कार्यालय हैं।
उधर, BMC ने जलवायु परिवर्तन को बताया जिम्मेदारः मुंबई नगरपालिका प्रमुख प्रवीण परदेशी ने एक छोटी अवधि में मुंबई में इतनी ज्यादा बारिश और इससे बनी बाढ़ के हालात के लिए जलवायु परिवर्तन और भौगोलिक स्थिति को जिम्मेदार ठहराया। 2019 में मानसून देर से आया जो कि पिछले 45 साल में सबसे धीमा था। देश की राष्ट्रीय राजधानी में दो दिन में 550 मिमी बारिश हुई, जो कि पिछले एक दशक में दो दिन में हुई सबसे ज्यादा बारिश है।
परदेशी ने कहा, ‘‘ जलवायु परिवर्तन हो रहा है। कभी भी दो दिनों में एक महीने के बराबर बारिश नहीं हुई थी, जिसका मतलब है कि बारिश ज्यादा हुई, यह एक भौगोलिक घटना है।’’ वरिष्ठ आईएएस अधिकारी ने बताया कि बृहन्मुंबई नगरपालिका आयुक्त बड़े स्तर पर बारिश के उतने पानी को बाहर निकाल रहे हैं जिसकी तुलना दुनिया के किसी शहर से नहीं हो सकती।
Weather Forecast, Temperature, News Updates in Hindi
महाराष्ट्र में भारी बारिश और जलजमाव का आलम सड़कों, रेल ट्रैक और एयरपोर्ट के बाद अब आम लोगों के घरों, स्कूलों और अस्पतालों तक देखने को मिल रहा है। सोमवार शाम कुछ ऐसी ही तस्वीरें रायगढ़ से आईं। वहां हुई जोरदार बारिश के चलते जिला सरकारी अस्पताल के भीतर पानी जा घुसा, जिससे न केवल मरीजों व तीमारदारों बल्कि डॉक्टरों और अन्य स्टाफ को भी समस्या का सामना करना पड़ा।
केंद्रीय जल आयोग के आंकड़े बताते हैं कि 27 जून तक देश के 91 प्रमुख जलाशयों में से 62 ऐसे हैं जहां पानी 80 फीसदी या सामान्य स्तर से नीचे आ चुका है। बता दें कि एलपीए का 90 फीसदी से कुछ भी कम ‘‘कमी’’ की श्रेणी में आता है। जब बारिश 90-96 प्रतिशत होती है तो उसे ‘‘सामान्य से कम’’ और जब बारिश एलपीए के 96-104 प्रतिशत होती है तो उसे ‘‘सामान्य’’ माना जाता है।
2019 के जून में मॉनसूनी बारिश में जो कमी दर्ज की गई है, वह 2015 के बाद से सर्वाधिक है। जून में जितनी बारिश हुई है, वह दीर्घावधि के औसत (एलपीए) के हिसाब से 33% कम है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अपर महानिदेशक मृत्युंजय महापात्रा ने कहा, ‘‘मानसून जून में कम रहा।’’ देश के कई इलाके सूखे जैसे हालात से जूझ रहे हैं।
'स्काईमेट वेदर' के मुताबिक, महाबलेश्वर, मुंबई, गोंदिया, कोल्हापुर, सांगली और सतारा में अगले 24 घंटे बारिश होगी, जबकि महाराष्ट्र के विभिन्न हिस्सों में आज सुबह से ही भारी बारिश हो रही है। पिछले नौ घंटों में धहानू में 126 एमएम बारिश दर्ज की गई, जबकि सांता क्रूज और महाबलेश्वर में क्रमशः 82 और 73 एमएम बारिश पाई गई।
महाराष्ट्र के राजस्व मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने सोमवार को कहा कि छह सदस्यीय एक समिति पुणे में दीवार ढ़हने की घटना की जांच कर रही है। पिछले सप्ताह हुए इस हादसे 15 लोगों की मौत हो गई थी। पाटिल ने राज्य विधानसभा में कहा कि जांच पैनल में अतिरिक्त जिला कलेक्टर, श्रम आयुक्तालय के अधिकारी, पुणे पुलिस, नागरिक निकाय और उपनिदेशक नगर नियोजन शामिल हैं।
बता दें कि पुणे के कोंढवा क्षेत्र में शनिवार को भारी बारिश के कारण एक आवासीय परिसर की 22 फुट ऊंची दीवार के उसके पास बनी झोपड़ियों पर गिरने से उनमें सो रहे चार बच्चों सहित 15 लोगों की मौत हो गई थी और दो अन्य घायल हो गये थे।
सियोन और माटुंगा स्टेशन के बीच रेल ट्रैक पर पानी भर गया, जिससे ट्रेनों का परिचालन प्रभावित रहा। वहीं, बीएमसी ने ट्वीट कर लोगों से पानी भरे इलाकों में गाड़ियां न ले जाने की अपील की। पश्चिमी रेलवे ने एक ट्वीट में कहा कि मुंबई और उसके आसपास के इलाकों मे हो रही भारी बारिश और ऊंची लहरों को देखते हुए रेल मंत्री पीयूष गोयल स्थिति पर करीबी नजर रख रहे हैं। वहीं, एक सरकारी अधिकारी ने बताया कि भारी बारिश के बीच हजारों सरकारी और निजी कर्मचारी काम पर नहीं जा सके।
मारोल और चकाला इलाके में सोमवार सुबह भारी बारिश हुई, जिसके बाद वहां इलाके में जलजमाव हो गया। (फोटोः @viruuuuu/टि्वटर)
पुलिस ने बताया कि शहर के 12 स्थानों पर दीवार गिरने की घटनाओं का पता चला। हालांकि किसी के घायल होने की खबर नहीं है। निगम आयुक्त प्रवीण परदेशी ने बताया कि शहर में दो दिनों में 540 मिमी बारिश हुई जो पिछले एक दशक में दो दिन में हुई सबसे ज्यादा बारिश है। परदेशी ने मुंबई के कई स्थानों पर बाढ़ की स्थिति के पीछे जलवायु परिवर्तन और भौगोलिक स्थिति में बदलाव को जिम्मेदार ठहराया।
मुंबई में सोमवार सुबह भारी बारिश हुई और इसके बाद शहर में कई स्थानों पर पानी भर गया जिसकी वजह से ट्रैफिक जाम भी हुआ और ट्रेनों की आवाजाही पर भी असर पड़ा। मौसम विभाग ने आसपास के इलाकों ठाणे और पालघर में दो, चार और पांच जुलाई को ‘बेहद भारी बारिश’ की आशंका जाहिर की है। मुंबई में कुछ स्थानों पर सोमवार और मंगलवार को भारी से भारी बारिश हो सकती है।
दोपहर में भारी बारिश से राहत तो मिल गई लेकिन सभी लाइनों पर ट्रेन विलंब से चल रही थी। चेम्बुर जैसे कुछ इलाकों में पानी लोगों के घरों के भीतर घुस आया जिसका दोष लोगों ने बृहन्मुंबई महानगरपालिका को दिया। चेम्बुर में रहने वाले एक व्यक्ति पी कृष्णकुमार ने कहा, ‘निकाय प्रशासन ने बारिश के दौरान इस स्थिति से निपटने के बेहतर प्रयास नहीं किए।’’
भारी बारिश से महानगर के विभिन्न इलाकों में पानी भर गया है। मुंबई में सायन रेलवे स्टेशन से माटुंगा के बीच रेल की पटरियों पर लबालब पानी भरने की खबर है, जबकि पश्चिमी रेलवे के तहत पालघर में बारिश के बाद 13 ट्रेनों को रद्द कर दिया गया।
महाराष्ट्र के कल्याण में जर्जर तीन मंजिला इमारत का एक हिस्सा सोमवार दोपहर ढह गया। जिला आपदा नियंत्रण कक्ष के एक अफसर ने बताया कि घटना में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है, क्योंकि इमारत में रहने वाले लोगों को कुछ वक्त पहले वहां से निकाल लिया गया था। इस इमारत को खतरनाक घोषित किया गया था।
उन्होंने बताया कि घटना करीब तीन बजे हुई। उसकी सूचना पाकर स्थानीय दमकल कर्मी और जिला आपदा नियंत्रण कक्ष के कर्मी मौके पर पहुंचे। अधिकारी ने बताया कि ठाणे जिले में कल्याण और इलाकों में रविवार से ही भारी बारिश हो रही है। संभवत: बारिश की वजह से ही इस भवन का एक हिस्सा ढह गया।