Dharavi Masjid Controversy: धारावी की एक मस्जिद को लेकर आज सुबह से ही विवाद जारी रहा। बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) की टीम मस्जिद के अवैध हिस्से को गिराने के लिए पहुंची थी। इसका स्थानीय लोगों ने जमकर विरोध किया और ट्रैफिक जाम कर दिया। बीएमसी अधिकारियों ने मस्जिद के ट्रस्टियों को अतिक्रमण खुद हटाने के लिए पांच ही दिन का समय दिया। इसके दो घंटे के बाद स्थिति काबू में आ गई।
बीएमसी अधिकारियों के मुताबिक, अतिक्रमण हटाने के लिए मस्जिद के ट्रस्टियों को बेदखली नोटिस जारी किया गया था और नोटिस के आधार पर कार्रवाई शुरू की गई थी। हालांकि, ट्रस्टियों ने बीएमसी के जोन 2 के डिप्टी कमिश्नर और जी नॉर्थ डिवीजन के असिस्टेंट कमिश्नर को ज्ञापन देकर अतिक्रमण हटाने के लिए टाइम मांगा है। बीएमसी ने ट्रस्टियों की बात मान ली और अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया को करीब 26 सितंबर तक के लिए रोक दिया है।
इलाके में भारी पुलिस फोर्स तैनात
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि मस्जिद और ट्रस्टियों के पक्ष में लोगों के एक ग्रुप ने धारावी पुलिस स्टेशन में बीएमसी और पुलिस अधिकारियों से मुलाकात की। इस मीटिंग के दौरान, तीन ट्रस्टियों ने बीएमसी अधिकारियों को लिखित में भरोसा दिया कि वे मस्जिद के अवैध हिस्से को खुद ही हटा देंगे। एहतियात के तौर पर पुलिस ने मस्जिद के आसपास के इलाके में भारी पुलिस फोर्स को तैनात कर दिया है।
कांग्रेस सांसद ने सीएम शिंदे से की मुलाकात
कांग्रेस सांसद वर्षा गायकवाड़ ने इस मुद्दे पर चर्चा के लिए शुक्रवार को महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे से मुलाकात की थी। गायकवाड़ ने शुक्रवार को कहा था कि सीएम के साथ में मेरी बातचीत ठीक रही। उन्होंने कहा कि वह संबंधित अधिकारियों से बातचीत करेंगे और भरोसा दिया कि मस्जिद को गिराने की कार्यवाही को रोक दिया जाएगा।
सुप्रिया सुले ने सरकार पर बोला हमला
साथ ही इस मुद्दे पर सियासत भी तेज हो गई है। विपक्षी महाविकास अघाड़ी के नेताओं ने इस मुद्दे को लेकर शिंदे सरकार पर निशाना साधा। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (SP) सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि जब भारतीय जनता पार्टी सत्ता में होती है, तो ऐसी घटनाओं में इजाफा होता है। यह एक पैटर्न बन गया है। उनके सदस्य संविधान के खिलाफ, समुदाय के खिलाफ बोलते हैं। इससे सांप्रदायिक विभाजन होता है। गृह मंत्री देवेंद्र फडणवीस इस सब को नजर अंदाज करते हैं। यह बेहद ही चौंकाने वाला है।