मुलायम सिंह यादव के करीबी माने जाने वाले राज्यसभा सांसद सुखराम सिंह यादव का दावा है कि जल्द ही अखिलेश और शिवपाल के बीच चल रहा मनमुटाव खत्म हो जाएगा और उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में दोनों साथ नजर आएंगे। समाचार चैनल ABP से बात करते हुए सुखराम सिंह ने कहा कि शिवपाल यादव बहुत सहनशील व्यक्ति हैं, शिवपाल और अखिलेश दोनों चाचा भतीजें है और भावनात्मक रुप से मुलायम सिंह यादव से जुड़ाव रखते हैं और बहुत शीघ्र ही मुलायम सिंह इस मामले में बीच में आएंगे, दोनों की बात कराएंगे और उम्मीद है कि दोनों के साथ आने का निर्णय होगा।

सुखराम यादव ने कहा कि समाजवादी पार्टी के नेता भी यही चाहते हैं, उन्होंने माना कि शिवपाल यादव और अखिलेश यादव के अलग अलग लड़ने का नुकसान समाजवादी पार्टी को होगा, साथ ही उम्मीद जताई कि चुनाव से पहले दोनों एक साथ हो जाएंगे। बताते चलें कि शिवपाल यादव कई मौकों पर अखिलेश के साथ आने की मंशा जता चुके हैं वहीं सपा प्रमुख इस मसले पर कुछ भी बोलने से बचते हैं। वह सम्मान देने की बात तो कहते हैं लेकिन सार्वजनिक तौर पर चाचा के प्रति नाराजगी खत्म होने की बात नहीं कही है।

शिवपाल यादव इन दिनों रथयात्रा में व्यस्त हैं, बुधवार (10 नवंबर) को उन्होंने बलरामपुर जिले में एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि यदि वह उनके लोगों को टिकट दें तो वह अपनी पार्टी का विलय समाजवादी पार्टी में करने को तैयार हैं।

गौरतलब है कि शिवपाल ने सपा से अलग होकर साल 2018 में प्रगतिशील समाजवादी पार्टी बनाई थी। ऐसे में अब यूपी 2022 विधानसभा चुनाव से पहले वह फिर से एक होना चाह रहे हैं और अपनी मंशा को कई बार मीडिया के सामने रख चुके हैं। हाल ही में उन्होंने कहा था कि अगर 25 फीसदी सीटें मिलीं तो समाजवादी पार्टी के साथ आ सकता हूं।

उन्होंने ये भी कहा था कि सपा को खड़ा करने में हमने बहुत मेहनत की है। अगर सपा के साथ गठबंधन नहीं हुआ तो हम किसी भी राष्ट्रीय दल के साथ गठबंधन कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि हमने नेताजी(मुलायम सिंह यादव) के साथ 40-45 साल काम किया है और सपा को बुलंदियों तक पहुंचाया है। बता दें कि अखिलेश यादव जब सपा प्रमुख बने थे, तो शिवपाल यादव को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटा दिया गया था और उनकी जगहनरेश उत्तम को सपा का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया था।