MP Honey Trap Case: मध्य प्रदेश हनी ट्रैप मामले में अदालत में दायर चार्जशीट के अनुसार दो टेलीविजन पत्रकार पीड़ित और आरोपियों के बीच सौदा कराने में शामिल थे। बता दें कि इसी साल सितंबर में इंदौर नगर निगम (IMC) के अधीक्षण अभियंता हरभजन सिंह ने आरोप लगाया कि इंदौर पुलिस से शिकायत की थी कि उन्हें आपत्तिजनक वीडियो दिखाकर तीन करोड़ रुपए हड़पना चाहते थे। शिकायत के बाद पुलिस ने दो महिलाओं समेत छह लोगों को गिरफ्तार किया था। ये सभी आरोपी अभी भी न्यायिक हिरासत में हैं।

पत्रकारों ने सौदा कराने के साथ हिस्सा भी लिया: बता दें कि सिंह द्वारा दायर एफआईआर के संबंध में 16 दिसंबर को इंदौर की एक अदालत में आरोप पत्र दायर किया गया था। भोपाल की अदालत में आरोप पत्र सबसे कम उम्र के आरोपी के पिता द्वारा दायर मानव तस्करी की शिकायत से संबंधित है। इसमें कहा गया है कि सहारा न्यूज़ के वीरेंद्र शर्मा और विभिन्न मीडिया संगठनों के साथ काम कर चुके गौरव शर्मा ने न केवल सौदों की सुविधा दी, बल्कि अपना हिस्सा भी लिया। कथित रूप से इन दोनों पत्रकारों को नकद 1 करोड़ इनके साझा फ्लैट पर दिए गए।

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वर्तमान दो मंत्रियों के आएसडी का नाम शामिल: एक पुलिस अधिकारी ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि आरोप पत्र अभियुक्तों और पीड़ित द्वारा दिए गए बयानों पर आधारित है, लेकिन आगे की जांच अभी जारी है। चार्जशीट में एक अतिरिक्त मुख्य सचिव रैंक के अधिकारी पीसी मीणा का नाम है, जो 20 लाख रुपए के भुगतान करने के लिए वीडियो वायरल किया गया था। वर्तमान कांग्रेस सरकार में दो मंत्रियों के ओएसडी के नाम भी शामिल हैं।

IAS ऑफिसर से वसूले गए एक करोड़ रुपए: बता दें कि दाखिल आरोप पत्र में सबसे कम उम्र के आरोपी द्वारा कहा गया है कि वह ड्राइवर और अन्य दो आरोपियों के साथ वीरेंद्र शर्मा के फ्लैट से मीना से पैसे लेने गया था। अन्य दो आरोपी फ्लैट के अंदर गए और एक बैग के साथ 500 और 2,000 रुपए के नोट से भरा बैग लेकर निकले, जिसकी कीमत 20 लाख रुपए थी। आरोप पत्र में कहा गया है कि ये लोग हमेशा पत्रकार गौरव शर्मा को पैसा वसूलने के लिए माध्यम बनाते थे। चार्जशीट में आरोपी ने बताया है कि एक आईएएस अधिकारी को एक करोड़ रुपए के लिए ब्लैकमेल किया गया था लेकिन उसका नाम नहीं पता है। उससे पैसे वसूलने में गौरव शर्मा शामिल थे और उन्हें 33 लाख रुपए हिस्से के रूप में दिया गया था।

आरोपी का नाम लेने से आरोपी नहीं बनता है कोई: गौरतलब है कि बार-बार कोशिश करने के बावजूद गौरव शर्मा ने कॉल और टेक्स्ट मैसेज का जवाब नहीं दिया। हालांकि वीरेंद्र शर्मा ने कहा कि न तो एसआईटी ने उनको नोटिस दिया है और न ही उनसे पूछताछ की है। उन्होंने दावा किया है कि चार्जशीट में उल्लिखित फ्लैट से वह शिफ्ट हो गए हैं। उन्होंने कहा किसी आरोपी के नाम लेने से कोई आरोपी नहीं हो जाता है।

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इस मामले में बड़े नाम शामिल हैं:  उन्होंने आरोप लगाया कि “इस मामले में बड़े नाम शामिल हैं” और वे ध्यान हटाने के लिए विभिन्न प्रकार के हथकंडे अपना रहे हैं। “अगर मैं इसमें शामिल होता, तो क्या वे मुझे छोड़ देते? खासकर तब जब मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अधिकारियों को फ्री हैंड दिया हो? क्या उन्होंने जीतू सोनी का घर नहीं गिराया? ” उन्होंने इंदौर के एक व्यवसायी का जिक्र करते हुए कहा, जिसकी हनी ट्रैप की स्टोरी सुनाई जाती है वह फिलहाल फरार चल रहा है लेकिन सोनी की संपत्तियों को ध्वस्त कर दिया गया।