‘अभिव्यक्ति की आजादी’ की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे जेएनयू के छात्रों ने आरोप लगाया है कि विश्वविद्यालय की सुरक्षा इकाई ने शैक्षिक पाठ्यक्रम के हिस्से के तहत कक्षा में एक फिल्म के प्रदर्शन के दौरान छापा मारा। विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने कहा कि प्रदर्शन पर छापा मारने या इसे रोकने की मंशा नहीं थी लेकिन विश्वविद्यालय में हालिया घटनाक्रमों को देखते हुए अतिरिक्त चौकसी बरती जा रही है।
छात्रों के एक समूह ने जेएनयू छात्र संघ को पत्र लिखकर इस मुद्दे को प्रशासन के समक्ष उठाने का अनुरोध किया है। यह मामला सेंटर आॅफ लॉ एंड गवर्नेंस से संबंधित है जहां 23 मार्च को आनंद पटवर्धन की ‘फादर, सन एंड होली वार’ का प्रदर्शन हो रहा था। जेएनयूएसयू उपाध्यक्ष शहला राशिद शोरा ने कहा, ‘मुझे एक शिकायत मिली है कि अपने सुपरवाइजर के साथ एक गार्ड ने फिल्म के प्रदर्शन के दौरान छापा मारा। एमफिल छात्रों को प्रस्तुत पेपर में से एक का यह हिस्सा है।
छात्र संघ कक्षा में निगरानी के इस मामले को प्रशासन के समक्ष उठाएगा’। उसी विभाग के एक छात्र ने कहा, ‘सुरक्षा नियंत्रण कक्ष में कथित गुमनाम शिकायत के नाम पर उन्होंने हस्तक्षेप किया। हालांकि सेमिनार रूम में मौजूद छात्रों की ओर से दर्ज शिकायत के सबूत मांगे जाने पर यह पेश नहीं किया गया’।
प्रदर्शन के दौरान मौजूद एक अन्य छात्र ने कहा, ‘दो गार्डों ने प्रदर्शित की जा रही फिल्म के बारे में जानकारी मांगी और पूछा कि क्या हमें इसके लिए इजाजत मिली है या नहीं? यह बेहद निराशाजनक है कि विश्वविद्यालय प्रशासन के आदेश पर कक्षा की निगरानी की जा रही है।’ वहीं विश्वविद्यालय प्रशासन ने कहा कि यह हस्तक्षेप भूलवश हुआ।
सेंटर फार लॉ एंड गवर्नेंस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘सुरक्षाकर्मियों का कक्षा में छापा मारने या प्रदर्शन बाधित करने का इरादा नहीं था। विश्वविद्यालय में हालिया घटनाक्रमों के कारण अतिरिक्त चौकसी की वजह से भूलवश हस्तक्षेप हुआ’। सेंटर की चेयरपर्सन अमिता सिंह ने कहा, ‘यह एक सामान्य शैक्षिक गतिविधि थी और शैक्षिक पाठ्यक्रम के तहत फिल्म के प्रदर्शन के लिए किसी इजाजत की जरूरत नहीं है’।