पंजाब की आम आदमी पार्टी की सरकार को NGT ने बड़ी चपत लगाई है। वेस्ट मैनेजमेंट न कर पाने के लिए सरकार पर 2080 करोड़ की पेनाल्टी लगाई गई है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देकर ट्रिब्यूनल ने कहा कि इसे हल्के में न लिया जाए। दो माह के भीतर सरकार को सारी रकम जमा कराने के लिए कहा गया है। पहले से ही आर्थिक संकट से जूझ रहे पंजाब के लिए ये झटका है।

ट्रिब्यूनल के चीफ जस्टिस आदर्श कुमार गोयल ने 22 सितंबर को दिए अपने आदेश में कहा कि बार बार कहने पर भी पंजाब सरकार पर्यावरणीय नियमों को लेकर संजीदा नहीं हो रही है। बेंच ने कहा कि प्रदूषण को नियंत्रित करना राज्य सरकार का जिम्मा है लेकिन इस दिशा में सरकार की ओर से ध्यान नहीं दिया गया।

खास बात है कि बीते सप्ताह ट्रिब्यूनल ने राजस्थान सरकार पर इसी मामले में 3,000 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया था। उत्तर प्रदेश पर भी एनजीटी ने जुर्माना लगाया है। लेकिन इन दोनों राज्यों के मुकाबले यूपी सरकार पर लगाया जुर्माना काफी कम है। एनजीटी ने उत्तर प्रदेश सरकार पर कचरे का प्रबंधन न करने के लिए 100 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया था। एनजीटी ने महाराष्ट्र सरकार पर 12 हजार करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है।

ट्रिब्यूनल सुप्रीम कोर्ट के 2 सितंबर 2014 के एक आदेश के तहत वेस्ट मैनेजमेंट को लेकर तीखी निगाह रख रहा है। जस्टिस गोयल ने अपने आदेश में कहा कि मौजूदा मामले में केवल सीवेज मैनेजमेंट के साथ सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के मुद्दे पर विचार किया गया है। ट्रिब्यूनल का कहना है कि बीते आठ सालों में पंजाब सरकार को चेताने के लिए कई आदेश दिए गए लेकिन कभी उन पर अमल नहीं हुआ।

समय सीमा तय करने के बाद भी सरकार की आंखें नहीं खुलीं। अब जरूरत है कि भविष्य में वेस्ट मैनेजमेंट को लेकर संजीदा कदम उठाया जाए। इसके साथ ही प्रकृति को इस लापरवाही से जो नुकसान हुआ है उसकी भरपाई की जाए।