देश के कई हिस्सों में गर्मी, सूखा और जलसंकट से जूझ रहे लोगों को राहत के लिए थोड़ा और इंतजार करना पड़ सकता है। भारतीय मौसम विभाग ने रविवार को दक्षिण पश्चिम मानसून का पूर्वानुमान जारी करते हुए कहा कि इस साल केरल में मॉनसून के आगमन में छह-सात दिन की देर हो सकती है। आमतौर पर केरल में मॉनसून पहुंचने का समय एक जून है, लेकिन इस बार सात जून तक इसके पहुंचने का अनुमान है। केरल में मॉनसून की दस्तक के साथ ही देश में मॉनसून का आगमन माना जाता है। मौसम विभाग ने रविवार (15 मई) को केरल में मॉनसून के आगमन की तिथि का पूर्वानुमान जारी करते हुए कहा, ‘इस साल केरल में मॉनसून के आगमन में थोड़ी देरी हो सकती है। दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के सात जून तक केरल में पहुंचने की उम्मीद है। त्रुटि के आधार पर इसमें चार दिन आगे पीछे हो सकते हैं’। मौसम विभाग के निदेशक बीपी यादव ने कहा, ‘मॉनसून आगमन में यह देरी कोई असामान्य बात नहीं है, एक हफ्ते तक का आगे पीछे होना सामान्य लक्षण ही है।’
मौसम विभाग के मुताबिक, साल 2015 को छोड़कर पिछले 11 सालों (2005-2015) के दौरान जारी उसकी मॉनसून आगमन की भविष्यवाणियां सही साबित हुई हैं। पिछले साल मॉनसून के आगमन का पूर्वानुमान 30 मई लगाया गया था, लेकिन वास्तविक आगमन पांच जून रहा। हालांकि, पिछले पांच साल के आंकड़ों के मुताबिक, केरल में मॉनसून का वास्तविक आगमन अधिकतर जून के पहले हफ्ते के उत्तरार्ध में ही रहा है। वहीं अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में मॉनसून के सही समय यानि 20 मई तक आने का पूर्वानुमान है। मौसम विभाग की मानें तो निकोबार द्वीप समूह, दक्षिण अंडमान समुद्र और बंगाल की खाड़ी के कुछ हिस्सों में 17 मई के आसपास मॉनसून के लिए उपयुक्त माहौल बन रहा जिससे 20 मई तक यह इन द्वीपसमूहों में सक्रिय हो जाएगा। लेकिन, मौसम विभाग का कहना है कि पिछले आंकड़ों के मुताबिक अंडमान के समुद्री इलाकों में मॉनसून के आगमन का देश के अंदर मॉनसून की सक्रियता से कोई सीधा संबंध नहीं रहा है।
इस बीच देश के बड़े हिस्से में रविवार (15 मई) को भयंकर गर्मी रही। उत्तर प्रदेश के बांदा जिले का तापमान सबसे ज्यादा 46.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। हालांकि मामूली बूंदा बांदी के कारण पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु के लोगों को भयानक गर्मी से कुछ राहत मिली। राष्ट्रीय राजधानी में अधिकतम तापमान 42.6 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 27.4 डिग्री सेल्सियस रहा। जबकि पड़ोसी राज्य पंजाब और हरियाणा के ज्यादातर स्थानों का तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से अधिक दर्ज किया गया। हरियाणा में हिसार का तापमान 44.5 डिग्री सेल्सियस रहा, जो पंजाब एवं हरियाणा दोनों राज्यों का सबसे ज्यादा है। केंद्र शासित चंडीगढ़ का अधिकतम तापमान 41.2 डिग्री सेल्सियस रहा, जो इस मौसम के सामान्य तापमान से दो डिग्री सेल्सियस अधिक है।
राजस्थान के कोटा का तापमान 45.8 डिग्री सेल्सियस रहा, जबकि टोंक जिले के वनस्थली कस्बे में एक मिमी बारिश हुई। गुजरात के कच्छ, सौराष्ट्र और अन्य स्थानों में लू चलती रही। यहां दिन का तापमान 43 से 54 डिग्री सेल्सियस के बीच रहा। हिमाचल प्रदेश के निचले इलाकों और अनेक स्थानों के तापमान में कुछ बढ़ोतरी दर्ज की गई। हिमाचल प्रदेश का ऊना 42.2 डिग्री सेल्सियस तापामान के साथ राज्य का सबसे गर्म स्थान रहा। मौसम विभाग ने सोमवार को राज्य के कुछ स्थानों में बारिश या फिर गरज के साथ छींटे पड़ने का अनुमान जताया है। ओड़ीशा के सुंदरगढ़ सहित पश्चिमी इलाकों में आज 45 डिग्री सेल्सियस तापमान रिकार्ड किया गया। भुवनेश्वर में अधिकतम तापमान 39.4 डिग्री सेल्सियस रहा, जबकि कटक का तापमान 37.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। अधिकारियों ने बताया कि तमिलनाडु के कोयंबटूर, नीलगिरि, तिरुनेलवेली, इरोड, तोकुकुडी और मदुरै जिलों समेत कुछ स्थानों में अच्छी बारिश हुई है। मौसम विभाग ने 17 मई को दक्षिणी राज्य और पुडुचेरी में भारी बारिश की अनुमान जताया है।