महाराष्ट्र में शिवसेना के अंदर आए सियासी भूचाल के बीच केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भाजपा और शिवसेना के संबंधों को लेकर कहा कि हिंदुत्व की राजनीति दोनों पार्टियों के लिए एक विचारों का धागा है। उन्होंने कहा कि जब-जब शिवसेना टूटी या जब राज ठाकरे और उद्धव भी अलग हुए, तब भी मैंने कोशिश की कि शिवसेना एक कैसे हो और हम मिलकर देश के लिए काम करें। उन्होंने कहा कि भाजपा-शिवसेना साथ आए तो खुशी होगी।
बता दें कि जी न्यूज के खास कार्यक्रम Zee Sammelan 2022 में नितिन गडकरी ने शिवसेना को लेकर कहा कि दुर्भाग्य यह रहा कि कई बार शिवसेना टूटी और लोग पार्टी से अलग जाते रहे। लेकिन जो लोग हिंदुत्व को प्रेम करते हैं, और मुझ जैसे लोग जो बालासाहेब से प्यार करते हैं वो शिवसेना को टूटते देख खुश नहीं होते। उन्हें दुख ही होता है।
गडकरी ने कहा कि भाजपा एक लोकतांत्रतिक पार्टी है, यह पार्टी किसी पिता-पुत्र या मां-बेटों की पार्टी नहीं है। हमारी पार्टी का संविधान है और इसका फैसला सामूहिक रूप से होता है। उसी के हिसाब से आजतक चलती आई है और आगे भी चलती रहेगी।
शिवसेना से एकनाथ शिंदे की बगावत को लेकर नितिन गडकरी ने कहा कि शिवसेना में लोग टूट रहे हैं, इसका जवाब तो शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ही दे पाएंगे, क्योंकि ये उनकी पार्टी का आंतरिक मामला है। लेकिन मेरा यही कहना है कि शिवसेना जब-जब भी अलग हुई, हर समय मैंने उसे एक करने की कोशिश की।
भाजपा-शिवसेना साथ आए तो खुशी होगी: गडकरी ने कहा कि मैंने बालासाहेब के नेतृत्व में काम किया है। मेरे प्रति उनका बहुत स्नेह था। मैं उन्हें आज भी मानता हूं। परिस्थितियां आज कुछ भी हों लेकिन भाजपा और शिवसेना अगर साथ आती है तो मेरे जैसे व्यक्ति को आनंद होगा। लेकिन आज वो परिस्थिति काफी दूर लग रही है। यह आने वाला समय बतायेगा।
बागी विधायकों पर क्या बोले उद्धव ठाकरे: शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने पार्टी के बागी विधायकों को लेकर शनिवार को कहा कि कुछ लोग मुझसे बागी विधायकों के लिए कुछ कहने के लिए कह रहे हैं लेकिन मैं पहले ही कह चुका हूं कि वे (बागी विधायक) जो करना चाहते हैं कर सकते हैं, मैं उनके मामलों में दखल नहीं दूंगा। वे अपना फैसला खुद ले सकते हैं, लेकिन किसी को भी बालासाहेब ठाकरे के नाम का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
संजय राउत ने बताया कि उद्धव ठाकरे ने कहा है कि जो लोग छोड़कर गए हैं, वे शिवसेना के नाम से वोट मत मांगे और अगर वोट मांगते हैं तो अपने खुद के बाप के नाम पर मांगे। शिवसेना के बाप बालासाहेब ठाकरे के नाम पर वोट मत मांगे।