लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने मनरेगा स्कीम का नाम बदलने को लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर तीखा हमला बोला है। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो चीजों से बहुत नफरत करते हैं। ये दो हैं- गांधी के विचार और गरीबों के अधिकार।
केंद्र सरकार की ओर से मंगलवार को लोकसभा में एक विधेयक पेश किया गया। इसमें मनरेगा स्कीम का नाम बदलकर विकसित भारत-जी राम जी योजना करने का प्रस्ताव है। इससे पहले मनरेगा में महात्मा का गांधी का नाम शामिल था। कांग्रेस इस पूरे मुद्दे को लेकर केंद्र सरकार पर हमलावर है। लोकसभा में इसको लेकर पहले कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी में मोदी सरकार पर तीखा वार किया था, अब राहुल गांधी ने एक्स पर एक पोस्ट में इस मुद्दे को लेकर मोदी सरकार की कड़ी आलोचना की है।
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने एक्स पर लिखा, “मोदी जी को दो चीज़ों से पक्की नफ़रत है – महात्मा गांधी के विचारों से और गरीबों के अधिकारों से।”
राहुल गांधी ने कहा कि मनरेगा, महात्मा गांधी के ग्राम-स्वराज के सपने का जीवंत रूप है – करोड़ों ग्रामीणों की ज़िंदगी का सहारा है, जो कोविड काल में उनका आर्थिक सुरक्षा कवच भी साबित हुआ। मगर, प्रधानमंत्री मोदी को यह योजना हमेशा खटकती रही, और पिछले दस सालों से इसे कमजोर करने की कोशिश करते रहे हैं। आज वो मनरेगा का नामो-निशान मिटाने पर आमादा है।
गांधी ने लिखा कि मनरेगा की बुनियाद तीन मूल विचारों पर थी- रोज़गार का अधिकार – जो भी काम मांगेगा, उसे काम मिलेगा। गांव को प्रगति कार्य खुद तय करने की स्वतंत्रता और केंद्र सरकार मज़दूरी का पूरा खर्च और समान की लागत का 75% देगी।
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उन्होंने कहा कि अब प्रधानमंत्री मोदी इसी मनरेगा को बदलकर सारी ताकत सिर्फ़ अपने हाथों में केंद्रित करना चाहते हैं- बजट, योजनाएं और नियम केंद्र तय करेगा, राज्यों को 40% खर्च उठाने के लिए मजबूर किया जाएगा और बजट खत्म होते ही या फसल कटाई के मौसम में दो महीने तक किसी को काम नहीं मिलेगा।
राहुल गांधी ने लिखा कि यह नया बिल महात्मा गांधी के आदर्शों का अपमान है- मोदी सरकार ने पहले ही भयंकर बेरोज़गारी से भारत के युवाओं का भविष्य तबाह कर दिया है, और अब ये बिल ग्रामीण गरीबों की सुरक्षित रोज़ी-रोटी को भी खत्म करने का ज़रिया है। गांधी ने कहा कि हम इस जनविरोधी बिल का गांव की गलियों से संसद तक विरोध करेंगे।
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