केंद्र सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के नाम से चलाई जा रही योजना ‘राजीव गांधी खेल अभियान’ को बंद करने का फैसला लिया है। राजीव गांधी खेल अभियान को केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना खेलो इंडिया में मिला दिया गया है। इसके अतिरिक्त पूर्व में यूपीए सरकार द्वारा चलाई गई दो अन्य योजना अर्बन स्पोर्ट्स इंफ्रास्टक्चर स्कीम और नेशनल स्पोर्ट्स टेलेंट सर्च स्कीम को भी खेलों इंडिया शामिल कर लिया गया है। खेलो इंडिया योजना के लिए चालू वर्ष के बजट में केन्द्र सरकार ने 140 करोड़ रुपए आवंटित किए हैं।
राजीव गांधी खेल अभियान को कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और तत्कालीन खेल मंत्री जितेंद्र सिंह ने फरवरी 2014 में लांच किया था। राजीव गांधी खेल अभियान का लक्ष्य अगले पांच सालों में देश के सभी ब्लॉक में खेल भवन बनाने का था। हालांकि उसी वर्ष मई माह में बीजेपी सरकार आने के बाद राहुल गांधी की यह महात्वाकांक्षी योजना ठीक से लागू नहीं हो पाई और आखिरकार इसका विलय खेलों इंडिया में कर दिया गया है।
खेलो इंडिया अभियान गुजरात के खेल मॉडल पर केंद्रित है जिसमें खेल महाकुंभ लगाया जाएगा। इस महाकुंभ में देश के विभिन्न हिस्से के स्कूल औऱ कॉलेज हिस्सा लेंगे। गुजरात की खेल अथॉरिटी गर साल गर्मियों में यह कैंप लगाती है। अब इसी तर्ज पर केंद्र सरकार भी योजना को आगे बढ़ाएगी। इस योजना में सभी स्कूलों और कॉलेजों को वार्षिक खेल प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए प्रेरित किया जाएगा। इस प्रतियोगिता का आयोजन गर्मियों के कैंप के रूप में राज्यों के एसएआई सेंटर्स में किया जाएगा।