लोकसभा में आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्णों को 10 फीसद आरक्षण देने की घोषणा के बाद मंगलवार (8 जनवरी) शाम को इस पर बहस शुरू हुई। रात 9:45 तक संविधान संशोधन विधेयक पर चर्चा होने के बाद रात तकरीबन 10 बजे इस पर वोटिंग कराई गई। विधेयक को 3 के मुकाबले 323 वोटों से पारित कर दिया गया। अब इस विधेयक को राज्‍यसभा में पेश किया जाएगा। बता दें कि संविधान संशोधन विधेयक होने के कारण विधेयक का सदन में उपस्थित सदस्यों के दो तिहाई मतों से पास होना जरूरी है।

आर्थिक रूप से कमजोर सवर्णों को नौकरी और शिक्षा में 10 प्रतिशत आरक्षण देने के लिए संविधान संशोधन से जुड़े बिल पर लोकसभा में जोरदार चर्चा हुई। कांग्रेस ने विधेयक को लोकसभा चुनाव के मद्देनजर जल्दबाजी में लाने की कवायद करार दिया और कहा कि इसमें कानूनी त्रुटियां हैं। चर्चा की शुरूआत करते हुए कांग्रेस सदस्य के वी थामस ने कहा कि कल केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को 10 प्रतिशत आरक्षण देने का फैसला किया और 48 घंटे के अंदर इसे सदन में चर्चा के लिये लाया गया। यह महत्वपूर्ण विधेयक है जिसका आर्थिक एवं सामाजिक परिदृश्य पर दूरगामी प्रभाव पड़ेगा। इसे जल्दबाजी में पेश करने से अव्यवस्था की स्थिति पैदा हो सकती है। इसे ‘तमाशा’ नहीं बनने देना चाहिए।

वहीं, केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान ने सामान्य वर्ग के गरीबों को सरकारी नौकरियों और शिक्षा में 10 प्रतिशत आरक्षण के लिए संविधान संशोधन विधेयक लाने के सरकार के कदम का स्वागत करते हुए मंगलवार को कहा कि विधेयक को संविधान की नौवीं अनुसूची में डाला जाना चाहिए ताकि यह न्यायिक समीक्षा के दायरे से बाहर हो जाए।

सामान्य वर्ग के गरीब लोगों के लिए आरक्षण संबंधी विधेयक को कांग्रेस सहित अन्य दलों से ‘‘बड़े दिल के साथ समर्थन’’ देने की अपील करते हुए वित्त मंत्री अरूण जेटली ने कहा कि भाजपा सहित सभी दलों ने अपने घोषणापत्र में इसके लिए वादा कर रखा है। उन्होंने दावा किया कि चूंकि यह आरक्षण संविधान संशोधन के माध्यम से दिया जा रहा है इसलिए यह न्यायिक समीक्षा में सही ठहराया जाएगा।

इससे पहले सांसदों को तीन पेज का यह बिल पढ़ने के लिए दिया गया। बता दें कि सोमवार को मोदी कैबिनेट ने सामान्य वर्ग में आर्थिक रुप से पिछड़े लोगों को 10% आरक्षण देने का फैसला किया है। हालांकि विपक्षी पार्टियों ने सरकार के इस फैसले के समय पर सवाल खड़े किए हैं और इसे ‘चुनावी स्टंट’ करार दिया है।

Live Blog

23:15 (IST)08 Jan 2019
पीएम नरेंद्र मोदी ने बताया एतिहासिक पल

पीएम नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में बिल पास होने को एतिहासिक पल बताया है। उन्होंने कहा, "मैं उन सभी पार्टियों के सांसदों को धन्यवाद देना चाहूंगा जिन्होंने इसे सपोर्ट किया है। हम सबका साथ, सबका विकास... के लिए प्रतिबद्ध है। हमारा प्रयास है कि हर गरीब को सम्माननीय जीवन और हर संभावित मौका मिले, चाहे उसका पंथ-जाति कुछ भी हो।"

23:03 (IST)08 Jan 2019
बिल पास होने पर लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने जताई खुशी

आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण देने का बिल पास होने पर लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने खुशी जताई है। समाचार एजंसी एएनआई से बीतचीत में उन्होंने कहा, "मुझे अच्छा लग रहा है। मेरे बच्चे हमेशा मुझसे पूछते थे... कि हमारा क्या होगा, क्या सिर्फ जाति महत्वपूर्ण है? आज कई सवालों के जवाब मिले हैं। लॉन्ग टर्म में यह फायदेमंद ही होगा।"

20:48 (IST)08 Jan 2019
तृणमूल कांग्रेस ने भी किया आरक्षण का समर्थन

तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंदोपाध्याय ने कहा कि हम इस आशा के साथ विधेयक का समर्थन करते हैं कि सरकार बेरोजगार युवाओं की ओर भी ध्यान देगी। बेरोजगारी के विषय पर सदन में विस्तृत चर्चा होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि चुनाव में कुछ ही महीने बचे हैं, ऐसे में हम जानना चाहते हैं कि यह विधेयक बेरोजगार युवाओं के लिए लाया गया है या 2019 के लोकसभा चुनावों को प्रभावित करने के लिहाज से राजनीतिक जुमलेबाजी है। सरकार को सरकारी और निजी क्षेत्र की नौकरियों पर श्वेतपत्र जारी करना चाहिए। बंदोपाध्याय ने कहा कि सरकार को महिला आरक्षण विधेयक भी लाना चाहिए।

20:21 (IST)08 Jan 2019
सामान्य वर्ग के गरीबों को आरक्षण संबंधी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर जल्दबाजी में लाया गया: कांग्रेस

कांग्रेस ने लोकसभा में सामान्य वर्गो के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को 10 प्रतिशत आरक्षण के संविधान संशोधन विधेयक को लोकसभा चुनाव के मद्देनजर जल्दबाजी में लाने की कवायद करार दिया और कहा कि इसमें कानूनी त्रुटियां हैं। चर्चा की शुरूआत करते हुए कांग्रेस सदस्य के वी थामस ने कहा कि कल केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को 10 प्रतिशत आरक्षण देने का फैसला किया और 48 घंटे के अंदर इसे सदन में चर्चा के लिये लाया गया। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी पार्टी विधेयक की अवधारणा का समर्थन करती है। यह महत्वपूर्ण विधेयक है जिसका आर्थिक एवं सामाजिक परिदृश्य पर दूरगामी प्रभाव पड़ेगा। इसे जल्दबाजी में पेश करने से अव्यवस्था की स्थिति पैदा हो सकती है। इसे ‘तमाशा’ नहीं बनने देना चाहिए। कांग्रेस नेता ने कहा कि इसे देश के 50 प्रतिशत राज्यों में स्वीकृति की जरूरत होगी, और सरकार के पास तीन महीने का समय बचा है, तो इस अवधि में क्या सभी प्रक्रियाएं पूरी होंगी।

20:16 (IST)08 Jan 2019
आरक्षण आर्थिक समृद्धि का उपाय नहीं: उपेंद्र कुशवाहा

रालोसपा सांसद उपेंद्र कुशवाहा ने हमारे क्षेत्र के सवर्ण समाज के नौजवान मुझे इस बात के लिए दोषी ठहराते थे कि आप आरक्षण समर्थक हैं, इसलिए अब इस बिल के पास होने के बाद वे कम से कम हमारे ऊपर आरोप नहीं लगाएंगे। लेकिन कुछ समय बाद उन्हें पता चल जाएगा कि आरक्षण से रोजगार नहीं मिलता। आरक्षण आर्थिक समृद्धि का उपाय नहीं है। यदि यह आर्थिक समृद्धि का उपाय होता तो आज दलित और पिछड़ समाज के लोगों की स्थिति में काफी बदलाव रहता। आरक्षण से लोगों की मानसिकता में बदलाव होता है। मेरा मानना है कि इस बिल में एक और बात को जोड़ना चाहिए कि सरकारी स्कूल में पढ़ने वालों को पहले आरक्षण मिलना चाहिए। इससे शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार आएगा। प्राइवेट सेक्टर में भी नौकरी के लिए आरक्षण होना चाहिए। ज्यूडिशियल सर्विसेज में भी आरक्षण मिलना चाहिए। 

20:00 (IST)08 Jan 2019
सामान्य वर्ग कोटा विधेयक ‘सबका साथ, सबका विकास की दिशा में अहम कदम : गहलोत

सरकार ने सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को 10 फीसदी आरक्षण सुनिश्चित करने वाले संविधान संशोधन विधेयक को ‘सबका साथ, सबका विकास’ की दिशा में अहम कदम करार देते हुए मंगलवार को कहा कि यह एक ऐतिहासिक कदम है जिससे समाज में सामाजिक समरसता एवं समता का माहौल कायम होगा। लोकसभा में केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री थावर चंद गहलोत ने संविधान (124 वां संशोधन) विधेयक, 2019 को चर्चा एवं पारित करने के लिये पेश करते हुए कहा कि लम्बे समय से देश में जन प्रतिनिधियों, सामाजिक संगठनों ने इस दिशा में मांग की थी और संसद में भी प्रश्नों के माध्यम से मांग की गई और 21 बार निजी विधेयक के जरिये इस मुद्दे को आगे लाने की पहल की गई ।

19:58 (IST)08 Jan 2019
राजद ने बिल का किया विरोध

राजद सांसद जयप्रकाश यादव ने आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्णों को आरक्षण देने के फैसले का विरोध किया। उन्होंने कहा कि जिसकी जितनी भागीदारी, उसकी उतनी हिस्सेदारी होनी चाहिए। हम कहते हैं कि एससी, एसटी, ओबीसी व अन्य पिछड़े को 85 फीसद आरक्षण दे दिया जाए और शेष 10 प्रतिशत सवर्णों को दे दिया जाए। 

19:48 (IST)08 Jan 2019
पासवान ने विधेयक को संविधान की नौवीं अनुसूची में डालने की मांग की

केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान ने सामान्य वर्ग के गरीबों को सरकारी नौकरियों और शिक्षा में 10 प्रतिशत आरक्षण के लिए संविधान संशोधन विधेयक लाने के सरकार के कदम का स्वागत करते हुए मंगलवार को कहा कि विधेयक को संविधान की नौवीं अनुसूची में डाला जाना चाहिए ताकि यह न्यायिक समीक्षा के दायरे से बाहर हो जाए।  पासवान ने लोकसभा में विधेयक पर चर्चा के दौरान हस्तक्षेप करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने इससे पहले एससी-एसटी कानून को लेकर दलित समाज की शंकाओं का समाधान किया, ओबीसी आयोग बनाया, पदोन्नति में आरक्षण लागू किया और अब सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए भी महत्वपूर्ण कदम उठाया है। उन्होंने दावा किया कि इन सारे कदमों के कारण मोदी सरकार फिर से सत्ता में आएगी। पासवान ने कहा कि अगर सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को भी 10 प्रतिशत आरक्षण का हक मिल जाए और पिछड़े वर्ग को कोई नुकसान नहीं हो तो इस कदम को लेकर लोगों को क्या दिक्कत हो सकती है।

19:44 (IST)08 Jan 2019
सपा ने भी आर्थिक आधार पर आरक्षण का किया समर्थन

सामान्य वर्ग के लोगों को आर्थिक आधार पर आरक्षण देने संबंधी संविधान संशोधन विधेयक पर सपा ने राज्यसभा में समर्थन देने की हामी भरते हुये पिछड़े वर्ग के आरक्षण की सीमा में बढ़ोतरी करने की शर्त लगा दी है। राज्यसभा में सपा के नेता रामगोपाल यादव ने मंगलवार को संसद भवन परिसर में संवाददाताओं को बताया कि सामान्य वर्ग के आरक्षण से संबंधित संविधान संशोधन विधेयक बुधवार को उच्च सदन में पेश होने पर सपा इसका समर्थन करेगी। साथ ही उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार को इसे अमल में लाने के लिये आरक्षण की अधिकतम 50 प्रतिशत की सीमा को लांघना होगा। यादव ने कहा कि सरकार ने इसके लिये ही संविधान में संशोधन की पहल की है। इसके मद्देनजर सपा की मांग है कि आबादी में पिछड़े वर्गों की 54 प्रतिशत भागीदारी को देखते हुये अन्य पिछड़े वर्ग के आरक्षण की सीमा 27 प्रतिशत से बढ़ाकर 54 प्रतिशत की जाये।

19:35 (IST)08 Jan 2019
सवर्ण आरक्षण लागू होने पर देशभर में संस्थानों में करीब 10 लाख सीटें बढ़ानी होगी

पिछड़े सवर्णों को 10 प्रतिशत आरक्षण देने का फैसला लागू होने पर प्रारंभिक आकलन के अनुसार केंद्रीय विश्वविद्यालयों, आईआईटी और आईआईएम जैसे अन्य प्रतिष्ठित उच्च शैक्षिक संस्थानों समेत देशभर में संस्थानों में करीब 10 लाख सीटें बढ़ानी होगी। उच्च शिक्षा पर अखिल भारतीय सर्वेक्षण 2017-18 के अनुसार, देश में कुल 903 विश्वविद्यालय, 39000 से अधिक कॉलेज और 10,000 से अधिक संस्थान हैं।

19:27 (IST)08 Jan 2019
आरक्षण को लागू करने की रूपरेखा पर काम कर रहा है एचआरडी मंत्रालय

मानव संसाधन विकास मंत्रालय उच्च शैक्षिक संस्थानों में सामान्य वर्ग के ‘‘आर्थिक रूप से कमजोर’’ लोगों के लिए 10 फीसदी आरक्षण लागू करने की रूपरेखा पर काम कर रहा है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने ‘‘आर्थिक रूप से कमजोर’’ तबकों के लिए नौकरियों एवं शिक्षा में 10 फीसदी आरक्षण को सोमवार को मंजूरी दी है। भाजपा के समर्थन का आधार मानी जाने वाली अगड़ी जातियों की लंबे समय से मांग थी कि उनके गरीब तबकों को आरक्षण दिया जाए।

19:22 (IST)08 Jan 2019
पासवान बोले- समय की जरूरत है ये आरक्षण

आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्णों के आरक्षण के मुद्दे पर लोकसभा में चर्चा के दौरान लोजपा सुप्रीमो रामविलास पासवान ने कहा कि यह समय की जरूरत है। आजादी के समय कई ऐसे सवर्ण थे, जिनके पास 20 बीघा और 40 बीघा जमीन था। आज उनके बच्चों के पास 1 बीघा जमीन है। दलित और पिछड़े लोग तो खेतों में हल भी जोत सकते हैं, लेकिन सवर्ण समाज के बच्चे यह काम नहीं कर सकते हैं। आज उनके सामने रोजगार की समस्या उत्पन्न हो गई है। ऐसे में जरूरी है कि आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्णों को आरक्षण मिलना चाहिए। मेरा मानना है कि उन्हें 10 की जगह 15 प्रतिशत आरक्षण मिलना चाहिए लेकिन मोदी सरकार द्वारा 10 फीसद आरक्षण देने की पहल भी सराहनीय है। 

19:18 (IST)08 Jan 2019
21वीं सदी के आंबेडकर हैं मोदी: रावत

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तुलना संविधान निर्माता बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर से की। रावत ने कहा कि केन्द्र के दस प्रतिशत आरक्षण के फैसले से सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को बहुत लाभ मिलेगा। मुख्यमंत्री ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘नरेंद्र मोदी 21वीं सदी के आंबेडकर हैं। वह खुद गरीब माता पिता के बेटे हैं और उन्होंने समाज के सभी वर्गों के गरीबों के बारे में सोचा। देशभर में लंबे वक्त से सामान्य श्रेणी के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों द्वारा आर्थिक आधार पर आरक्षण की मांग की जा रही थी। उन्हें इस फैसले से बहुत लाभ होने जा रहा है।’’

18:40 (IST)08 Jan 2019
'क्‍या गरीबों के लिए लाई गई योजनाएं फेल हो गईं?'

अन्‍नाद्रमुक के सदस्‍य एम. थंबीदुरई ने भी आरक्षण बिल पर बहस में हिस्‍सा लिया। उन्‍होंने कहा कि गरीबों के लिए पर्याप्‍त योजनाएं हैं। क्‍या गरीबों के लिए सरकार द्वारा लाई गईं सभी योजनाएं फेल हो गई हैं?

18:37 (IST)08 Jan 2019
टीएमसी सांसद ने उठाया महिला आरक्षण का मुद्दा

सवर्णों को आरक्षण देने पर जारी बहस में हिस्‍सा लेते हुए तृणमूल कांग्रेस के सांसद सुदीप बंद्योपाध्‍याय ने महिला आरक्षण का मुद्दा उठाया। उन्‍होंने कहा कि सरकार इस मामले की तरह ही महिलाओं को आरक्षण मुहैया कराने वाले विधेयक को भी प्राथमिकता के स्‍तर पर क्‍यों नहीं उठाती है? उन्‍होंने कहा कि सवर्णों को आरक्षण देने वाला विधेयक सिर्फ नौकरियों को लेकर नहीं, बल्कि युवाओं को झूठा सपना दिखाकर उन्‍हें भ्रमित करना है।

18:13 (IST)08 Jan 2019
जेटली बोले, यही सबका साथ, सबका विकास

अरुण जेटली ने कहा कि सरकार का यह बिल सबका साथ, सबका विकास सुनिश्चित करेगा। यह कदम सभी को समान अवसर मुहैय्या कराएगा, जिससे लोगों के सामाजिक स्तर में सुधार होगा।

18:09 (IST)08 Jan 2019
आरक्षण की तय सीमा पर बोले अरुण जेटली

अरुण जेटली ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि सुप्रीम कोर्ट ने आरक्षण की सीमा जाति आधारित आरक्षण के लिए तय की है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने देश में आरक्षण की सीमा 50% तय की हुई है।

17:54 (IST)08 Jan 2019
अरुण जेटली ने कांग्रेस पर साधा निशाना

अरुण जेटली ने कहा जिस तरह से समान लोगों के साथ अलग-अलग व्यवहार नहीं किया जा सकता, उसी तरह से अलग-अलग लोगों के साथ भी एकसमान व्यवहार नहीं किया जा सकता। जेटली ने आरक्षण को सरकार का एक और जुमला कहने पर निशाना साधते हुए कहा कि आरक्षण का 'जुमला' कांग्रेस के ही घोषणापत्र का हिस्सा था।

17:36 (IST)08 Jan 2019
आरक्षण पर अरुण जेटली रख रहे सरकार का पक्ष

गरीब सवर्णों को आरक्षण देने के मुद्दे पर केन्द्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली सरकार का पक्ष रख रहे हैं। संविधान में हर नागरिक को समान अवसर देने की बात का किया उल्लेख। 

17:18 (IST)08 Jan 2019
केन्द्रीय मंत्री ने लोकसभा में सरकार का पक्ष रखा

सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री थावरचन्द गहलोत ने लोकसभा में 124वें संविधान संशोधन बिल पर सरकार का पक्ष रखा। 

16:56 (IST)08 Jan 2019
कांग्रेस ने भी दिया समर्थन

मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने भी सरकार के इस फैसले का समर्थन किया है। हालांकि संविधान संशोधल बिल लाने के समय की कांग्रेस ने आलोचना की है और सरकार की नीयत पर सवाल उठाए। 

16:27 (IST)08 Jan 2019
विधेयक पास कराना सरकार के लिए चुनौती

केन्द्र सरकार द्वारा गरीब सवर्णों को 10% आरक्षण देने के लिए विधेयक ऐसे समय लाया गया है, जब जल्द ही संसद के शीतकालीन सत्र का समापन होने वाला है। बता दें कि सरकार संविधान संशोधन विधेयक लागू कराने के लिए संसद को दोनों सदनों से दो तिहाई बहुमत से यह बिल पास करना अनिवार्य है। इसके बाद देश की 50% राज्य विधानसभाओं से भी यह बिल पास कराना अनिवार्य है। जो कि फिलहाल सरकार के लिए बड़ी चुनौती नजर आ रहा है। 

15:48 (IST)08 Jan 2019
एचडी देवगौड़ा ने किया सरकार की पहल का समर्थन

जद(एस) सुप्रीमो और पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवेगौड़ा ने ‘‘आर्थिक रूप से कमजोर’’ वर्गों के लिए सरकारी नौकरियों और शिक्षा में 10 फीसदी आरक्षण उपलब्ध कराने के केंद्र के कदम का मंगलवार को समर्थन किया है। देवगौड़ा ने ट्वीट कर कहा कि ने कहा, ‘हम समाज के वंचित और कमजोर वर्गों की बेहतरी के लिए हमेशा खड़े हुए और खड़े होते रहेंगे।'

15:38 (IST)08 Jan 2019
शिवसेना सांसद अरविन्द गणपत सावंत ने नागरिकता संशोधित बिल पर बोलना शुरू किया

नागरिकता पर शिवसेना सांसद अरविन्द गणपत सावंत ने कहा कि असम में 50 फीसदी से ज्यादा बंग्लादेशी आरक्षण ले लेते हैं। शिवसेना सांसद ने एक रिपोर्ट के आधार पर बिल का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि इससे असम की अस्मिता खतरे में होगी।

15:33 (IST)08 Jan 2019
असम में उग्र विरोध प्रदर्शन

असम में प्रदर्शन नागरिकता संशोधित बिल 2016 के विरोध में असम के गुवाहाटी में उग्र प्रदर्शन। वाहनों को किया आग के हवाले। पुलिस बल तैनात।

15:24 (IST)08 Jan 2019
सपा सदस्यों को अपनी बात रखने के लिए लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने ना कहा

बता दें कि सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को शिक्षा एवं सरकारी नौकरियों में 10 फीसदी आरक्षण सुनिश्चित करने वाला संविधान 124वां संशोधन विधेयक मंगलवार को लोकसभा में पेश किया गया। केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री थावर चंद गहलोत ने संविधान (124 वां संशोधन) विधेयक, 2019 पेश किया। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सोमवार को ही इसे मंजूरी प्रदान की है। विधेयक पेश किये जाने के दौरान समाजवादी पार्टी के कुछ सदस्य अपनी बात रखना चाह रहे थे लेकिन लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने इसकी अनुमति नहीं दी ।

15:14 (IST)08 Jan 2019
ओबीसी को आबादी के हिसाब से मिले आरक्षण: रामगोपाल यादव

ओबीसी के लिए भी आबादी के हिसाब आरक्षण होना चाहिए था। कोटे को लेकर सरकार लक्ष्मण रेखा पार कर रही है तो ओबोसी को उनकी आबादी के हिसा से 54 फीसदी आरक्षण मिलना चाहिए। ये जो आरक्षण ला रहे हैं हम उनके इस फैसले का स्वागत करते हैं।

15:05 (IST)08 Jan 2019
कांग्रेस का सदन से वॉकआउट

लोकसभा में नागरिकता संशोधित बिल, 2016 पेश होने पर कांग्रेस ने सदन से वॉकआउट किया है। वहीं केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने लोकसभा में कहा कि नागरिकता संशोधित बिल 2016 सिर्फ असम के लिए नहीं है। उन्होंने कहा कि एनआरसी में किसी के साथ भेदभाव नहीं किया गया।

14:46 (IST)08 Jan 2019
सवर्णों के लिए आरक्षण पाने की ये हैं शर्तें

सूत्रों के अनुसार, यह कोटा मौजूदा 50 प्रतिशत आरक्षण से अलग होगा। सामान्य वर्ग को अभी आरक्षण हासिल नहीं है। समझा जाता है कि यह आरक्षण आर्थिक रूप से पिछड़े ऐसे गरीब लोगों को दिया जाएगा, जिन्हें अभी आरक्षण का फायदा नहीं मिल रहा है । आरक्षण का लाभ उन्हें मिलने की उम्मीद है जिनकी वार्षिक आय आठ लाख रूपये से कम होगी और जिनके पास 5 एकड़ तक जमीन होगी ।

14:29 (IST)08 Jan 2019
आधे-अधूरे मन और अपरिपक्व तरीके से किया गया स्वीकार- मायावती

मायावती की ओर से मंगलवार को जारी बयान में कहा गया है कि देश में गरीब सवर्णों को भी आरक्षण की सुविधा देने की बसपा की वर्षों से लंबित मांग को आधे अधूरे मन और अपरिपक्व तरीके से स्वीकार किये जाने के बावजूद वह इसका स्वागत करती हैं। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि अगर सरकार यह फैसला पहले करती तो बेहतर होता। 

14:15 (IST)08 Jan 2019
सांसदों को पढ़ने के लिए दिया गया बिल

सरकार की तरफ से 124वां संविधान संशोधन विधेयक, 2019 (आर्थिक आधार पर आरक्षण) लोकसभा में पेश कर दिया गया है। फिलहाल सदन में मौजूद सांसदों को 3 पेज का यह बिल पढ़ने के लिए दिया गया है। 

13:59 (IST)08 Jan 2019
बसपा सुप्रीमो मायावती ने बिल का किया समर्थन

बसपा सुप्रीमो मायावती ने सरकार द्वारा गरीब सवर्णों को 10% आरक्षण देने के फैसले का समर्थन किया है। हालांकि मायावती ने बिल को लाने के समय पर सवाल उठाते हुए इसे सरकार का चुनावी स्टंट करार दिया। 

13:55 (IST)08 Jan 2019
केन्द्रीय मंत्री ने लोकसभा में रखा बिल

केन्द्रीय मंत्री थावर चंद गहलोत ने गरीब सवर्णों को 10% आरक्षण देने वाला बिल लोकसभा में पेश किया है। 

13:54 (IST)08 Jan 2019
सपा नेता रामगोपाल यादव का बयान