लोकसभा चुनाव के छठे चरण का मतदान शनिवार को आठ राज्यों के 58 सीटों पर हो रहा है। इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिहार में कई चुनावी सभाओं को संबोधित करते हुए विपक्षी दलों पर निशाना साधा। पटना के पाटलिपुत्र में उन्होंने कहा कि विपक्षी गुट आईएनडीआईए (INDIA) देश में स्थिर सरकार नहीं पांच प्रधानमंत्री देना चाहती है। पीएम मोदी ने कहा कि उनका मकसद पांच साल में पांच पीएम देने का है। प्रधानमंत्री मोदी ने राहुल गांधी तथा अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल का नाम लिये बिना कहा, “विपक्ष की योजना में गांधी परिवार के बेटे से लेकर आम आदमी पार्टी के आका की पत्नी तक के नाम पीएम पद की रेस में शामिल है।”

PM बोले- यह चुनाव सासंद चुनने का नहीं है, देश का पीएम चुनने का है

उन्होंने कहा कि यह चुनाव सासंद चुनने का नहीं है। यह चुनाव देश का पीएम चुनने के लिए है। भारत को कैसा पीएम चाहिए? भारत को ऐसा पीएम चाहिए जो इस दमदार देश का दम दुनिया के सामने दमखम के साथ रख सके। प्रधानमंत्री ने कहा, पीएम बनाओ योजना के दावेदार हैं- “गांधी परिवार का बेटा, सपा वाले परिवार का बेटा, NC परिवार का बेटा, एनसीपी वाली बेटी, टीएमसी वाले परिवार का भतीजा, आम आदमी पार्टी के आका की पत्नी, नकली शिवसेना परिवार का बेटा या आरजेडी परिवार का बेटा या बेटी। यह सारे परिवारवादी मिलकर के पीएम की कुर्सी को लेकर म्यूजिकल चेयर खेलना चाहते हैं।”

आरजेडी-कांग्रेस SC, ST और OBC कोटा खत्म करना चाहती हैं

पीएम ने कहा कि बिहार की धरती ने सामाजिक न्याय को लेकर पूरे देश को दिशा दिखाई है। एससी, एसटी और ओबीसी के आरक्षण के अधिकार के लिए बिहार में लंबी लड़ाई लड़ी है, लेकिन आज बिहार के जागरूक लोगों के सामने में दुख और बड़ी पीड़ा के साथ एक कड़वा सच रख रहा हूं। प्रधानमंत्री ने कहा कि संविधान कहता है कि भारत में धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं होगा। बाबा साहेब आंबेडकर कहते थे कि धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं होगा, लेकिन आरजेडी-कांग्रेस एससी, एसटी और ओबीसी का कोटा खत्म करके, अपने वोटबैंक को धर्म के आधार पर आरक्षण देना चाहती हैं।

सभा में प्रधानमंत्री ने आरजेडी-कांग्रेस पर बड़ा आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “दोनों दलों ने मिलकर मेरे यादव, कुर्मी, कुशवाहा, तेली, कान्हू, निषाद, पासवान और मेरे मुसहर परिवारों के आरक्षण पर डाका डाल दिया है। अपने वोटबैंक को खुश करने के लिए कांग्रेस ने रातोरात माइनॉरिटी इंस्टीट्यूशन्स से जुड़ा कानून बदल दिया. इसके बाद धड़ाधड़ हजारों संस्थानों को माइनॉरिटी इंस्टीट्यूशन घोषित कर दिया।”