पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिले में गंगासागर जा रहे तीन साधुओं समेत छह लोगों को भीड़ ने अपहरणकर्ता बताते हुए बुरी तरह पिटाई कर दी। इससे वहां बवाल हो गया और इसे महाराष्ट्र के पालघर की तरह मॉब लिंचिंग जैसी घटना बताई जा रही है। घटना की सूचना पर पहुंच स्थानीय पुलिस ने बड़ी मुश्किल से भीड़ से साधुओं को अलग किया। घटना गुरुवार (11 जनवरी 2024) की है। बीजेपी ने बंगाल में हिंदुओ के सुरक्षित नहीं रहने और ममता सरकार में कानून-व्यवस्था ध्वस्त होने का आरोप लगाया है। मामले में पुलिस ने 12 लोगों को गिरफ्तार किया है।

रास्ता पूछने पर चिल्लाने लगीं लड़कियां, तभी भीड़ पहुंच गई

तीनों साधु और तीन अन्य लोग एक गाड़ी से मकर संक्रांति स्नान के लिए गंगासागर जा रहे थे। राह भटक जाने की वजह से उन्होंने सड़क पर खड़ी कुछ लड़कियों से रास्ता पूछा तो लड़कियां चिल्लाते हुए भागने लगीं। इस पर वहां बड़ी संख्या में लोग जुट गए और साधुओं को अपहरणकर्ता बताते हुए उन पर हमला कर दिया। हमलावरों ने साधुओं के कपड़े भी फाड़ दिए और बुरी तरह पीटा। स्थानीय पुलिस जब तक वहां पहुंची तब तक साधुओं को बुरी तरह पीटा जा चुका था। बड़ी मुश्किल से पुलिस ने भीड़ से साधुओं को छुड़ाया और काशीपुर थाने ले आई।

साधु ने कहा कि भीड़ ने उनकी कार अचानक रोक ली और उन पर हमला शुरू कर दिया। साधु मधुर गोस्वामी कहते हैं, “जब हम गंगासागर जा रहे थे, अचानक एक बड़ी भीड़ ने हमारी कार रोकी और हमारे साथ मारपीट की।”

ममता सरकार पर भड़की बीजेपी, लगाया गंभीर आरोप

बीजेपी के मीडिया सेल प्रभारी अमित मालवीय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर घटना की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा, “पश्चिम बंगाल के पुरुलिया से बेहद चौंकाने वाली घटना सामने आई है। पालघर जैसी लिंचिंग में, मकर संक्रांति के लिए गंगासागर जा रहे साधुओं को सत्तारूढ़ टीएमसी से जुड़े अपराधियों ने निर्वस्त्र कर पीटा। ममता बनर्जी के शासन में शाहजहां शेख जैसे आतंकवादी को सरकारी संरक्षण मिलता है और साधुओं की हत्या की जा रही है। पश्चिम बंगाल में हिंदू होना अपराध है।”

बीजेपी की पश्चिम बंगाल इकाई ने एक्स पर घटना की निंदा करते हुए लिखा, “ममता बनर्जी को सब कुछ देखकर भी चुप्पी बनाए रखने पर शर्म आनी चाहिए! क्या ये हिंदू साधु आपके संज्ञान के योग्य नहीं हैं? अत्याचार जवाबदेही की मांग करता है। #न्याय से वंचित किया गया है।”

केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर बोले- बंगाल में कानून – व्यवस्था ध्वस्त

केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने घटना की निंदा की है। उन्होंने कहा, “पश्चिम बंगाल में कानून-व्यवस्था चरमरा गई है। जो जनता की भलाई के लिए पैसा आता है उसकी पाई-पाई खाने का पक्का इंतजाम किया जाता है। यहां की नेता और सरकार ‘कट मनी’ के नाम से मशहूर हो गई है। गरीबों की भलाई के लिए जो पैसा केंद्र से आता है उसमें भी कमीशन खाने का हर संभव प्रयास किया जाता है। भ्रष्टाचार चरम सीमा पर है। अगर भ्रष्टाचारियों पर कार्रवाई की जाए तो ईडी पर भी पथराव होता है।”

वायरल वीडियो पर पुरुलिया के एसपी अविजीत बनर्जी कहते हैं, “तीन साधु एक वाहन में जा रहे थे…गौरांगडीह के पास, तीन लड़कियां पूजा करने के लिए स्थानीय एक काली मंदिर की ओर जा रही थीं।” जब कार उनके पास रुकी और साधुओं ने उनसे कुछ पूछा। भाषा समझ नहीं पाने से कुछ गलतफहमियां हो गईं और लड़कियों को लगा कि साधु उनका पीछा कर रहे हैं…स्थानीय जनता आई और साधुओं को दुर्गा मंदिर के पास ले गई और उनके कार में तोड़फोड़ की। साधुओं के साथ मारपीट की गई…पुलिस ने साधुओं को हर संभव सहायता प्रदान की…एक साधु की शिकायत पर मामला दर्ज किया गया है। अब तक 12 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और जांच जारी है…।”

टीएमसी नेता शशि पांजा ने कहा, “बीजेपी हमेशा जवाबदेही से बचती रही है…स्थानीय लोगों ने तीन साधुओं की पिटाई की क्योंकि उनका आरोप है कि साधु वहां से तीन लड़कियों का अपहरण कर रहे थे। स्थानीय लोगों ने प्रतिक्रिया व्यक्त की और लड़कियों को बचाया। पुलिस साधुओं को थाने ले गई। जांच चल रही है, लेकिन पुरुलिया में बीजेपी नेता पूरी घटना को गलत तरीके से पेश करने और बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं।” पुरुलिया के सांसद और बीजेपी नेता ज्योतिर्मय सिंह महतो ने हमले को राजनीति से प्रेरित बताया। स्थानीय टीएमसी नेता और पार्टी के जिला अध्यक्ष ने घटना की वजह अफवाह बताई।