उत्तर पूर्वी भारत के दो सूबों में सीमा विवाद के बीच असम में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के विधायक कौशिक राय ने कहा है कि अगर उनका राज्य जरूरी सामान-चीज की आवाजाही पड़ोसी सूबे में जाने से रोक दे, तो वहां के लोग भूखे मरने के कगार पर भी आ सकते हैं।
उन्होंने इसके अलावा अपने सूबे के लोगों से इस बात पर भी जोर देने के लिए कहा कि असम वालों को अपनों की मौतों का प्रतिशोध लेना चाहिए।पत्रकारों को इस बारे में संबोधित करते हुए शनिवार को सोशल मीडिया पर उनका एक वीडियो भी सामने आया। वह इसमें कहते दिखे, “मिजोरम यह न भूले कि अगर हम जरूरी सामान और चीजों की आवाजाही को न अनुमति दें, तब उनके लोग भूखे तक मर सकते हैं। हम सरकार या फिर पुलिस की नहीं सुनेंगे। हमें अपने लोगों की मौतों का बदला लेना चाहिए। हमें पूरी तरह से “आर्थिक नाकाबंदी” सुनिश्चित कर देनी चाहिए।”
बीजेपी शासित सूबे के सत्तारूढ़ दल के विधायक का यह बयान ऐसे समय पर आया है, जब असम और मिजोरम के बीच भूमि विवाद और गहरा चुका है। दरअसल, मिजोरम में असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा व अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जा चुकी है। जवाबी कार्रवाई में असम ने भी मिजोरम के अफसरों को समन किया है।
#Mizoram must not forget if we don’t allow movement of essential commodities their people will die of hunger. We won’t listen to govt or the police. We shall avenge the deaths of our men. We shall ensure full economic blockade: #Assam BJP MLA Kaushik Rai pic.twitter.com/Csx9qc01GN
— ইন্দ্রজিৎ | Indrajit (@iindrojit) July 31, 2021
मिजोरम में वस्तुओं की कमी नहीं- मंत्री: वैसे, मिजोरम के खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामलों के मंत्री के. लालरिनलियाना ने शुक्रवार को कहा कि असम की बराक घाटी के लोगों द्वारा ‘‘आर्थिक नाकेबंदी’’ से मिजोरम में आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति पहले के समान बुरी तरह से प्रभावित नहीं होगी, क्योंकि राज्य सरकार ने दो अन्य पड़ोसी राज्यों से तेल, रसोई गैस (एलपीजी) तथा चावल जैसी अन्य वस्तुएं मंगवाना शुरू कर दिया है। असम के अलावा मिजोरम की सीमा मणिपुर (95 किमी) तथा त्रिपुरा (66 किमी) से भी लगती है।
AP ने ‘भड़काऊ’ बयानों पर मिजोरम MP को किया तलबः असम पुलिस ने मिजोरम से राज्यसभा के इकलौते सदस्य के. वनलालवेना को अंतराज्यीय सीमा पर हुई हिंसा की ”साजिश” में कथित संलिप्तता के बारे में पूछताछ के लिए एक अगस्त को बुलाया है। असम पुलिस ने यह भी कहा कि वह सोमवार को सीमा पर हुई हिंसा को लेकर कथित रूप से ”भड़काऊ” बयान देने के वाले वनलालवेना के खिलाफ ”कानूनी कार्रवाई” भी कर सकती है। उस हिंसा में पांच पुलिसकर्मियों और एक व्यक्ति की मौत हो गई थी।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार दिल्ली आई असम पुलिस सीआईडी की एक टीम वनलालवेना को ढूंढने उनके आवास और मिजोरम सदन गई, लेकिन वह वहां नहीं मिले। सूत्रों ने कहा कि माना जा रहा है कि वनलालवेना टीम से बच रहे हैं। सांसद की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। मिजोरम के रेजिडेंट कमिश्नर ने असम पुलिस की जांच में शामिल होने के लिए वनलालवेना को दिए गए नोटिस को प्राप्त करने से इनकार कर दिया, इसलिए सीआईडी टीम ने उनके आवास पर नोटिस चिपकाया है।