कृषि कानूनों पर किसान संगठनों और केंद्र सरकार के बीच तकरार जारी है। जहां सरकार लगातार किसानों से बातचीत के लिए आने को कह रही है, वहीं संगठनों ने साफ कर दिया है कि पहले केंद्र को कृषि कानूनों को रद्द करना होगा, इसके बाद ही कोई बातचीत होगी। दोनों पक्षों में कोई भी अपनी शर्तों से पीछे हटने के लिए तैयार नहीं है। इस बीच हाल ही में एक चौंकाने वाला वाकया हुआ। दरअसल, किसान आंदोलन के बीच ही नरेंद्र सिंह तोमर मध्य प्रदेश में अपने गृह नगर ग्वालियर में किसान सम्मेलन में पहुंचे थे। यहां कुछ लोगों ने उनका काफिला रोक लिया और इसके बाद एक महिला ने सवाल-जवाब के दौरान केंद्रीय मंत्री को खरी-खरी सुनाई।

क्या थी पूरी घटना?: बताया गया है कि ग्वालियर पहुंचने के दौरान कुछ किसान नेताओं ने ही कृषि मंत्री का काफिला रोक लिया था। इसके बाद जब पुलिस के कहने के बावजूद प्रदर्शनकारी नहीं हटे, तो खुद नरेंद्र सिंह तोमर उनसे बात करने पहुंचे। यहां एक महिला ने उनसे साफ शब्दों में पूछा कि अगर दिल्ली में सवा करोड़ किसान पड़ा हुआ है, वहां आपको किसान दिखाई नहीं दिया और यहां पर जो किसान सम्मेलन हो रहा है, उसमें आपको किसान दिख रहे हैं।

महिला ने आगे पूछा- “किसानों को तो आपके सम्मेलन में जाने भी नहीं दिया गया?” हालांकि, इन सवालों पर तोमर ने पलटवार करते हुए कहा कि जो किसान पड़े हुए हैं, वे सवा करोड़ नहीं हैं, आप गिनती कर लीजिए। हम उनसे भी बात कर रहे हैं। तोमर ने कहा कि कुछ किसानों को जाने नहीं दिया गया, क्योंकि आप विरोध कर रहे हैं। कुल मिलाकर अगर आप कानून के समर्थन में आओगे और चर्चा करने के लिए आओगे तो हम चर्चा करेंगे।

आंदोलन बनाम चर्चा के मुद्दे पर हुई बहस: इस पर महिला ने पूछा कि क्या हम जबरदस्ती कानून का समर्थन करें? इस पर तोमर ने कहा कि आप जबरदस्ती समर्थन न करें। आप विरोध करने के लिए स्वतंत्र हैं। जब विरोध करोगे तो प्रशासन की बातचीत है, वो रोकेगा।

महिला ने पूछा कि सरकार हमें कृषि कानून के फायदे बताने की चेष्टा कर रही है, पर हमारे जैसे आंदोलनकारी किसानों को तो आपके कार्यक्रम में जाने तक नहीं दिया जा रहा। इस पर तोमर ने कहा कि आप मुझसे समय लीजिए, मैं समय दूंगा, आप मुझसे बात करो। तोमर ने आगे कहा, “अगर आप आंदोलन करोगे, तो व्यवहार आंदोलन जैसा होगा। जब चर्चा करोगे, तो व्यवहार चर्चा का होगा।”

किसान नेता ने कहा कि मतलब क्या भ्रष्ट सिस्टम के खिलाफ कोई आवाज नहीं उठाएगा? तब तोमर ने साफ करते हुए कहा कि भ्रष्ट सिस्टम मंडी का है। कानून के जरिए उसे समाप्त किया है। किसान को राहत देने के लिए हमने यह कानून बनाया है।