Parliament Winter Session 2022: संसद का शीतकालीन सत्र (Parliament winter sessions 2022) जारी है। लोकसभा (Loksabha) स्पीकर ओम बिरला (Om Birla) को अनुशासन की पालना के मामले में काफी सख्त माना जाता है। ऐसा ही एक मामला बुधवार को लोकसभा की कार्यवाही के दौरान सामने आया जब उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे (Ashwini Kumar Choubey) का नाम पुकारा गया तो वह नदारद थे। जैसे ही वह अंदर आए तो लोकसभा स्पीकर ओम बिरला (Om Birla) ने उन्हें समय पर आने की चेतावनी दे डाली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी लगातार समय की पाबंदी और अनुशासन को लेकर सजग दिखाई दिए हैं।
“सिर्फ दो मिनट”
लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने लोकसभा की कार्यवाही के दौरान सांसदों को निर्देश दिए की तय समय-सीमा में अपनी बात पूरी करें। जो बातें कही जा चुकी हैं उन्हें दोहराने से बचें। जब भाजपा की सांसद सुनीता दुग्गल ने अधिक समय के लिए अनुरोध किया तो स्पीकर ओम बिरला ने दोहराया कि उनके पास सिर्फ दो मिनट हैं। इससे पहले भी सांसद ओम बिरला अपने सख्त रव्य्ये के लिए चर्चा में रहे हैं।
जब स्पीकर ने सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) को दी नसीहत
लोकसभा स्पीकर की सख्ती का एक उदाहरण इस बात से लिया जा सकता है कि उन्होने साथी सांसदों से संसद के अंदर बात कर रही सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) को टोकते हुए कहा था कि वह यहां मीटिंग ना करें। दरअसल लोकसभा में सोनिया गांधी ने जब सदन में प्रवेश किया, तो वह अधीर रंजन चौधरी (Adhir Ranjan Chowdhury) और गौरव गोगोई से बात करने लगीं।
जिसपर ओम बिरला ने टोकते हुए कहा कि यहां मीटिंग मत कीजिए। मुस्कुराते हुए कुछ कहने की कोशिश की। बिरला ने कहा मीटिंग करना आपका अधिकार है, लेकिन इसे सदन में नहीं, बाहर करें।
सबको अवसर देने का वादा
लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने संसद के शीतकालीन सत्र के शुरू होने से पहले ट्वीट कर आश्वासन दिया था कि वह जनहित के मुद्दों पर सदस्यों को अपने विचार रखने का पर्याप्त अवसर देंगे। ओम बिरला ने अपने ट्वीट में कहा,लोकसभा का शीत कालीन सत्र आज से प्रारंभ होगा। आशा है सदन के व्यवस्थित संचालन में सभी दलों का सहयोग मिलेगा।
आशा है कि सभी सदस्य सामूहिक चिंतन-मनन के माध्यम से जनता की समस्याओं का समाधान करने का प्रयास करेंगे। मेरी भी कोशिश रहेगी कि सदस्यों को अपना मत प्रस्तुत करने के पर्याप्त अवसर मिलें।