यहां एनपीपी ने इस चुनाव में 59 सीट में से 26 सीट जीती है। दूसरी सबसे बड़ी पार्टी 11 विधानसभा सीटों के साथ यूनाइटेड डेमोक्रेटिक पार्टी (यूडीपी) रही है। इतनी सीटें जीतने के बाद भी एनपीपी बहुमत के आंकड़े से दूर है। यहां तृणमूल कांग्रेस ने भाजपा से ज्यादा सीटें जीती हैं।
मेघालय में भाजपा को केवल दो ही सीट से संतोष करना पड़ा है। मेघालय में बहुमत का आंकड़ा 30 है। मुख्यमंत्री कोनराड संगमा इस बार के चुनाव में अपने बल पर चुनाव मैदान में थे। संभावना जताई जा रही थी कि वे इस चुनाव में अपने दम पर बहुमत के आंकड़े के करीब पहुंच सकते हैं। इस चुनाव में तृणमूल को पांच, कांग्रेस को पांच, वाइस आफ पीपुल्स पार्टी चार, भाजपा दो, हिल स्टेट पीपुल्स डेमोक्रेडिक पार्टी दो, निर्दलीय दो और पीपुल्स डेमोक्रेटिड फ्रंट को दो सीटें मिली हैं।
बीते चुनाव में संगमा की पार्टी को कुल 20. 60 फीसद मत मिले थे और उनकी पार्टी ने 19 सीट पर अपनी जीत दर्ज कराई थी। इस बार अकेले चुनाव मैदान में जाने का लाभ पार्टी को मिला है और उसकी सीटों की संख्या बढ़ गई है।
चुनाव पर पूर्व लोकसभा अध्यक्ष स्वर्गीय पीए संगमा की छवि का असर रहा है, जिसका लाभ कोनराड संगमा को मिला है। कोनराड ने 2016 में पीए संगमा की मृत्यु के बाद पार्टी की कमान संभाली थी। इस बार के चुनाव में परिवार के चार सदस्य मैदान में थे। उनके भाई जेम्स संगमा चुनाव हार गए हैं, पिछली बार वे मंत्रिमंडल के सदस्य थे।
इस बीच, असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने कहा कि मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को फोन किया और नई सरकार बनाने के लिए समर्थन मांगा है। मुख्यमंत्री कोनराड के. संगमा ने दक्षिण तुरा सीट पर 5,016 मतों के अंतर से जीत दर्ज की।वर्ष 2004 के बाद से 45 वर्षीय संगमा अपने पिता पीए संगमा की तरह एक शक्तिशाली राजनेता के रूप में उभरे हैं, जो हर चुनाव के बाद मजबूत होते जा रहे हैं।
अमेरिका और ब्रिटेन में पढ़ाई करने वाले कोनराड संगमा अपने पिता द्वारा गठित एनपीपी का नेतृत्व कर रहे हैं। संभावना जताई जा रही है कि एनपीपी, भाजपा और यूनाइटेड डेमोक्रेटिक पार्टी के साथ मिलकर मेघालय में सरकार बना सकती है।