Maratha Reservation: महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण आंदोलन का नेतृत्व कर रहे मनोज जरांगे पाटिल ने राज्य के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए थे। जिसने एकनाथ शिंदे सरकार मुश्किलें बढ़ा थीं। लेकिन अब खुद जरांगे पाटिल की मुश्किलें बढ़ती हुई नजर आ रही हैं। शिंदे सरकार अब जरांगे के ऊपर शिकंजा कसने की तैयारी में है। मंगलवार को महाराष्ट्र विधानसभा स्पीकर राहुल नार्वेकर ने जरांगे के खिलाफ एसआईटी जांच के आदेश दिए हैं।
भाजपा विधायक आशीष शेलार द्वारा जांच की मांग उठाए जाने के बाद महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने मंगलवार को राज्य के उपमुख्यमंत्री और भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस के खिलाफ मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जारंगे के बयान पर एसआईटी जांच के आदेश दिए हैं।
इससे पहले दिन में भाजपा नेता प्रवीण दरेकर ने महाराष्ट्र विधान परिषद में मराठा कोटा कार्यकर्ता मनोज जरांगे की उप मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस के खिलाफ टिप्पणी पर असहमति व्यक्त की, जिसमें वरिष्ठ राजनेता शरद पवार को दोषी ठहराया गया था। विपक्षी दल के सदस्यों ने दरेकर के बयान पर आपत्ति जताई, जिसके परिणामस्वरूप सदन में व्यवधान उत्पन्न हुआ और कार्यवाही पांच मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी।
इससे पहले 25 फरवरी को जालना में अंतरवली सारती में बोलते हुए मनोज जारांगे पाटिल ने कहा था कि वह मुंबई तक मार्च करेंगे और महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम और बीजेपी नेता देवेंद्र फड़णवीस के आवास के बाहर विरोध प्रदर्शन करेंगे।
जरांगे ने कहा था कि कुछ लोगों को मेरे खिलाफ झूठे आरोप लगाने के लिए लालच दिया जा रहा है और दबाव डाला जा रहा है। इन साजिशों के पीछे देवेंद्र फडणवीस हैं। वह मुझे मारना चाहते हैं। मैं तुरंत सागर बंगले (फडणवीस का मुंबई के मालाबार हिल स्थित आधिकारिक आवास) तक मार्च करने के लिए तैयार हूं।
फडणवीस के खिलाफ जारांगे के आरोपों ने उनके समर्थकों को परेशान कर दिया, जिससे भीड़ भरे सभा स्थल पर अराजकता फैल गई थी। जिसके बाद देवेंद्र फडणवीस का भी बयान सामने आया था। जरांगे के बयान के बारे में पूछे जाने पर फडणवीस ने कहा था कि उन्होंने क्या कहा है, मैंने नहीं सुना है।
जरांगे के आरोप पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा था कि जरांगे को उनकी सरकार के धैर्य की परीक्षा नहीं लेनी चाहिए। शिंदे ने कहा था कि जो लोग सरकार के खिलाफ बार-बार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, उन्हें हमारे धैर्य की परीक्षा नहीं लेनी चाहिए। उन्हें कानून-व्यवस्था की समस्या पैदा नहीं करनी चाहिए. मुझे आश्चर्य है कि जरांगे का भाषण आम तौर पर शरद पवार और उद्धव ठाकरे द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले भाषणों जैसा क्यों लगता है।
जरांगे के आक्रामक रुख और उनके भाषणों में इस्तेमाल शब्दों के बारे में पूछे जाने पर शिंदे ने कहा कि कानून के मुताबिक कार्रवाई की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह एक साजिश चल रही है और इसका जल्द ही पर्दाफाश किया जाएगा।