हालांकि मानसून बीतने में अभी 13 दिन का वक्त बाकी है लेकिन मौसम विभाग के अनुमान के मुताबिक पानी नहीं बरस पाया है। 18 सितंबर तक देश में 788.4 मिलीमीटर पानी बरसा जबकि सामान्य वर्षा के लिए 829.7 मिलीमीटर बारिश होनी चाहिए थी। यानी तय मात्रा से पांच फीसद बरसात कम हुई है। देखा जाए तो पिछले छह साल में इस बार का मानसून 2011 और 2013 के मुकाबल कमजोर साबित हुआ है। इस अवधि तक 2011 में सामान्य से 3 और 2013 में सामान्य से 6 फीसद ज्यादा बारिश हुई थी। वहीं जिलों के हिसाब से भी इस बार का मानसून कमतर ही रहा है। भारतीय मौसम विभाग (आइएमडी) के 1 जून से 18 जून 2016 के प्रदर्शन आंकड़ों के अनुसार सिर्फ दो राज्यों में ही अत्यधिक जबकि 23 में सामान्य बारिश हुई है। 11 सूबों में अपर्याप्त पानी बरसा है। सामान्य और अत्यधिक के हिसाब से लगभग 86 फीसद देश कवर हो गया है लेकिन जब कुल बारिश की बात होती है तो वह सामान्य से पांच फीसद कम दर्ज हुई है। वैसे पूर्वी और पश्चिमी भारत में हो रही बारिश से मौसम विभाग को उम्मीद है कि सितंबर खत्म होने तक स्थिति में सुधार आ सकता है।
वर्ष 2011 में देश के 77 फीसद जिलों में 14 सितंबर तक सामान्य और अत्यधिक वर्षा रिकॉर्ड की गई थी। इसमें 24 फीसद जिलों में अत्यधिक और 53 फीसद में सामान्य बारिश हुई थी। वहीं 21 फीसद जिलों में अपर्याप्त और दो फीसद में न के बराबर बरसात हुई थी। वहीं, 2011 में मौसम विभाग के 36 उपसंभागों में से 32 में सामान्य और अत्यधिक बरसात दर्ज की गई थी। चार उपसंभागों में अपर्याप्त पानी गिरा था। साल 2013 में 11 सितंबर तक 74 फीसद जिलों में सामान्य और अत्यधिक पानी बरसा था। इसमें 29 फीसद में अत्यधिक और 45 फीसद में सामान्य बारिश रिकॉर्ड की गई थी। वहींं, 26 फीसद जिलों में नाकाफी बरसात हुई थी। इसमें 23 फीसद में अपर्याप्त और 3 फीसद में न के बराबर पानी गिरा था। जहां तक 36 उपसंभागों का सवाल है, 2013 में 22 में सामान्य और 8 में अत्यधिक बरसात हुई। 2011 और 2013 में 8-8 उपसंभागों में अत्यधिक और 24 और 22 उपसंभागों में क्रमश: सामान्य बारिश हुई। इसके बावजूद 2013 में देशभर में 2011 के मुकाबले तीन फीसद बरसात अधिक हुई।
वर्ष 2016 में 14 सितंबर तक 67 फीसद जिलों में सामान्य और अत्यधिक बरसात हुई। इसमें 13 फीसद में अत्यधिक और 54 फीसद में सामान्य बारिश दर्ज की गई। 33 फीसद जिले ऐसे रहे जहां अपर्याप्त या न के बराबर पानी बरसा। देखा जाए तो 2011 के मुकाबले 2016 में अत्यधिक और सामान्य वर्षा वाले जिलों में बारिश का फीसद 10 कम हो गया और 2013 के मुकाबले यह 7 फीसद कम रहा। जहां तक 36 उपसंभागों का सवाल है, 2016 में 14 सितंबर तक तीन उपसंभागों में अत्यधिक और 24 में सामान्य बारिश हुई है। कहा जा सकता है कि 2011 और 2013 में 2016 के मुकाबले बारिश की मात्रा ज्यादा होने की मुख्य वजह अत्यधिक वर्षा वाले उपसंभाग रहे। इस साल महज तीन उपसंभागों में अत्यधिक वर्षा हुई जबकि 2011 और 2013 में आठ उपसंभाग इस श्रेणी में थे। वैसे उपसंभागों में सामान्य बारिश के मामले में ये तीनों साल लगभग बराबरी पर रहे हैं।