विधानसभा चुनाव की घोषणा हुई हरियाणा और जम्मू-कश्मीर की और दिल्ली की राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गई। इस बार राजनीतिक माहौल में ज्यादा गरमाहट छह महीने बाद होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए बढ़ी है। शराब घोटाले में 17 महीने जेल रहे दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी में पार्टी संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बाद नंबर दो माने जाने वाले मनीष सिसोदिया के सुप्रीम कोर्ट से जमानत पर बाहर आने पर दिल्ली पूरी तरह से चुनाव मोड में आ गई है। जेल से बाहर आते ही उन्होंने पूरी दिल्ली में पदयात्रा शुरू करके चुनावी माहौल को नया रंग देने का प्रयास किया है। जेल जाते ही उनकी कुर्सी चली गई थी। वह कुर्सी उन्हें वापस मिलेगी या उनको पार्टी में नया जिम्मेदारी मिलेगी, यह तय नहीं है।
आप के सर्वेसर्वा केजरीवाल खुद इसी मामले में 21 मार्च से जेल में हैं। उन्हें लोकसभा चुनाव में प्रचार करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने सशर्त जमानत दी थी। उन्होंने जेल जाने के बावजूद मुख्यमंत्री की कुर्सी नहीं छोड़ी। भाजपा तीन दशक से दिल्ली सरकार में आने के प्रयास में लगी हुई है। भाजपा ने दस साल से प्रचंड बहुमत से दिल्ली सरकार में काबिज आप को घेरने की अथक कोशिश कर रही है।
आप का आरोप है उपराज्यपाल, केंद्र सरकार और नौकरशाही इसमें उनकी सहयोगी बनी है। जेल जाने के बावजूद मुख्यमंत्री के इस्तीफा न देने और सिसोदिया से हाथोंहाथ इस्तीफा लेने, सुनीता केजरीवाल को पार्टी में बड़ी हैसियत में रखने, लोकसभा चुनाव में कांग्रेस से गठबंधन करने और जेल से बाहर आकर प्रचार करने के बावजूद दिल्ली में एक भी सीट न मिलने और पंजाब में अकेले चुनाव लड़कर तीन सीटें जीतने आदि पर सवाल उठाए जा रहे हैं। बावजूद इसके अगर मनीष सिसोदिया के बाद मुख्यमंत्री को जमानत मिल जाती है तो आप फिर पूरी ताकत से आक्रामक प्रचार शुरू कर देगी।
सिसोदिया बोल रहे केजरीवाल की भाषा
जो पार्टी का रंग ढंग है उसमें वह आसानी से अपनी रणनीति बदलती नहीं दिख रही है। तमाम लोगों के सुझाव के बावजूद आप टकराव की ही राजनीति करती दिख रही है। जेल से सशर्त जमानत पर बाहर आने पर मनीष सिसोदिया भी केजरीवाल की ही भाषा बोल रहे हैं।
बीजेपी में कांग्रेस-आप से बड़ी तादात में आए नेता
लोकसभा चुनाव में भाजपा ने अपने सात में से छह पुराने उम्मीदवार बदल दिए। उनमें पूर्व केन्द्रीय मंत्री डा हर्षवर्धन, पूर्व केन्द्रीय राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी, रमेश बिधूड़ी और प्रवेश वर्मा को विधानसभा चुनाव लड़वाने की चर्चा है। इनमें से हर कोई मुख्यमंत्री के उम्मीदवार की दावेदारी कर सकता है। लोकसभा चुनाव के समय और उसके बाद बड़ी तादात में कांग्रेस और आप के नेता भाजपा में आए।
उनमें से दिल्ली कांग्रेस के दो बार अध्यक्ष रहे अरविंदर सिंह लवली और दिल्ली भाजपा के मौजूदा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा और विधानसभा में विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्त आदि भी दावेदारी जता सकते हैं।