Manish Sisodia: सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को बड़ी राहत दी है। शीर्ष अदालत ने सिसोसिया से हर सप्ताह दो बार सीबीआई और ईडी के जांच अधिकारियों के सामने पेश होने की शर्त हटा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने अगस्त में आम आदमी पार्टी के नेता को 17 महीने जेल में गुजारने के बाद रेगुलर जमानत देते समय उन पर शर्त लगाई थी। कोर्ट ने सिसोदिया को यह राहत दिल्ली के कथित शराब घोटाला में दी है।

मनीष सिसोदिया ने हाल ही सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर जमानत की शर्तों में ढील देने का अनुरोध किया था। शीर्ष अदालत ने आज उस याचिका पर सुनवाई करते हुए उनके अनुरोध को मंजूरी दे दी। दिल्ली शराब नीति मामलों में जमानत की शर्तों के तहत सिसोदिया को सप्ताह में दो बार जांच अधिकारी के सामने पेश होना होता है।

सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालतों की आलोचना करते हुए कहा था कि मामले की सुनवाई शुरू हुए बिना लंबे समय तक जेल में रखे जाने से वह शीघ्र सुनवाई के अधिकार से वंचित हुए हैं। कोर्ट ने कहा था कि त्वरित सुनवाई का अधिकार एक पवित्र अधिकार है।

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बता दें, दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री सिसोदियी को शराब नीति में कथित घोटाले से जुड़े भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग मामलों में सीबीआई और ईडी दोनों ने गिरफ्तार किया था।

जमानत शर्तें क्या थीं?

सुप्रीम कोर्ट ने दोनों मामलों में जमानत देते हुए सिसोदिया पर 10 लाख रूपये का बेल बॉन्ड और इतनी राशि के दो पर्सनल बॉन्ड भरने, अपना पासपोर्ट कोर्ट में जमा कराने, सबूतों से छेड़छाड़ और गवाहों को प्रभावित नहीं करने अथवा सप्ताह में दो बार सोमवार और गुरुवार को सुबह 10-11 बजे के बीच जांच अधिकारी के समक्ष पेश होने की शर्तें लगाई थीं।

सिसोदिया को सीबीआई ने कब किया था गिरफ्तार?

मनीष सिसोदिया को सीबीआई ने 26 फरवरी, 2023 को दिल्ली शराब नीति 2021-22 के निर्माण और क्रियान्वयन में कथित अनियमितताओं के लिए गिरफ्तार किया था। हालांकि, विवाद बढ़ने पर यह शराब नीति रद्द कर दी थी।

9 मार्च, 2023 को ईडी ने किया था अरेस्ट

ईडी ने दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम को मनी लॉन्ड्रिंग केस में 9 मार्च, 2023 को गिरफ्तार किया था। मनी लॉन्ड्रिंग का यह मामला सीबीआई की FIR से जुड़ा था। सिसोदिया ने 28 फरवीरी 2023 को दिल्ली कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था।

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