Manipur Violence: मणिपुर मुद्दे पर जारी गतिरोध के बीच विपक्षी दलों ने बुधवार को अविश्वास प्रस्ताव लाने की योजना बना रहे हैं। पश्चिम बंगाल से कांग्रेस पार्टी के सांसद अधीर रंजन चौधरी ने मंगलवार देर शाम न्यूज ANI से बातचीत में इसकी पुष्टि की। उन्होंने ANI से बातचीत में कहा कि आज यह फैसला लिया गया है कि हमारे पास अविश्वास प्रस्ताव का सहारा लेने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा क्योंकि सरकार मणिपुर मुद्दे पर विपक्षी दलों की मांग नहीं मान रही है।
उन्होंने आगे कहा कि लेकिन प्रधानमंत्री हमारी मांग को अस्वीकार कर रहे हैं। वह हमारी मांग पर विचार भी नहीं कर रहे हैं, इसीलिए हमने अविश्वास प्रस्ताव लाने का विचार किया है. उन्होंने कहा कि विपक्ष का तर्क है कि… सरकार पर लगाए गए आरोपों का जवाब खुद PM देंगे। कोई अन्य विकल्प न मिलने पर हम इस संसदीय साधन का सहारा लेने के लिए मजबूर हैं जिसे अविश्वास प्रस्ताव कहा जाता है।
मंगलवार को भी संसद में हुआ हंगामा
इससे पहले सूत्रों ने बताया था कि प्रस्ताव का मसौदा तैयार कर लिया गया है और इसे बुधवार को इसे दाखिल किया जाएगा। वहीं मणिपुर हिंसा को लेकर आज भी संसद में जमकर हंगामा हुआ। लोकसभा और राज्यसभा में विपक्ष ने मणिपुर पर पीएम मोदी के बयान की मांग को लेकर नारेबाजी की। लोकसभा में सांसदों ने सदन में नारेबाजी की और इंडिया फॉर मणिपुर के पोस्टर दिखाए। वहीं, राज्यसभा में मणिपुर के मसले पर चर्चा की मांग को लेकर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी समेत विपक्षी दल स्थगन प्रस्ताव लेकर आए थे।
- इससे पहले आज, केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने कहा कि उन्होंने गतिरोध को हल करने के लिए विपक्ष को पत्र लिखा है। शाह ने लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष अधीर रंजन चौधरी और राज्यसभा के नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को पत्र लिखा। उन्होंने मणिपुर पर चर्चा की बात कही। शाह ने इस दौरान लोकसभा स्पीकर ओम बिरला से भी मुलाकात की।
- अमित शाह ने विपक्ष को लिखे अपने पत्र को ट्वीट भी किया। इसके कैप्शन में लिखा है, “सरकार मणिपुर के मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है और पार्टी लाइन से ऊपर उठकर सभी पार्टियों से सहयोग चाहती है। मुझे उम्मीद है कि सभी पार्टियां इस महत्वपूर्ण मुद्दे को सुलझाने में सहयोग करेंगी।”
- गुरुवार को संसद का मानसून सत्र शुरू होने के बाद से विपक्ष के विरोध के कारण दोनों सदनों में विधायी कामकाज रुका हुआ है। आज भी विधायी मोर्चे पर कोई प्रगति नहीं होने के कारण संसद के दोनों सदनों को स्थगित कर दिया गया।
- हालांकि, हंगामे के बीच बहु-राज्य सहकारी सोसायटी (संशोधन) विधेयक ध्वनि मत से पारित हो गया। विधेयक पेश करते समय विपक्षी सदस्यों की नारेबाजी के बीच शाह ने कहा, “जो लोग नारे लगा रहे हैं, उन्हें न तो सहयोग में रुचि है, न ही सहकारी समितियों में, न ही दलितों में और न ही महिला कल्याण में।”
- राज्यसभा सदस्य और तृणमूल सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने ट्वीट किया कि विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे का माइक बंद कर दिया गया है। उनके ट्वीट में लिखा था, “हर भारतीय पार्टी विरोध में बाहर चली गई।”
- विपक्ष सदन में इस विषय पर चर्चा से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हिंसा प्रभावित मणिपुर पर बयान की मांग कर रहा है।
- मणिपुर हिंसा को लेकर पीएम के बयान की मांग तब और बढ़ गई जब मणिपुर से एक वीडियो सामने आया, जिसमें दो महिलाओं को भीड़ द्वारा निर्वस्त्र कर घुमाया गया।
- वहीं सरकार भी अपने रवैये पर डटी हुई है। सूत्रों ने कहा कि सरकार की योजना इस सत्र के लिए निर्धारित कई विधेयकों को पारित कराने को लेकर उन पर ध्यान केंद्रित करने की है।
- वहीं आप के राज्यसभा सांसद संजय सिंह के निलंबन को लेकर विपक्षी दलों ने सोमवार रात भर विरोध प्रदर्शन किया। उनके हाथों में तख्तियां थीं जिन पर लिखा था, “मणिपुर के लिए I.N.D.I.A.” सिंह को कल राज्यसभा में विपक्ष के विरोध के दौरान निलंबित कर दिया गया था।
- इससे पहले केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह ने बार-बार होने वाले व्यवधानों पर वरिष्ठ विपक्षी नेताओं के साथ टेलीफोन पर बातचीत की और उनसे संसद की कार्यवाही सुचारू रूप से सुनिश्चित करने की अपील की।