Manipur Violence: मणिपुर में दो महिलाओं को नग्न कर परेड कराने को लेकर जहां लोगों में आक्रोश हैं। वहीं इस मुद्दे को लेकर राजनीतिक दलों के नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर लगातार जारी है। इस मामले में अब केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा के बीच ट्विटर पर बहस हो गई।
कांग्रेस ने मणिपुर हिंसा का जिक्र करते हुए एक रिपोर्ट कार्ड जारी किया। कांग्रेस ने लिखा- स्मृति ईरानी का रिपोर्ट कार्ड है, जिसमें वे फेल साबित हुईं (Smriti Irani’s Report Card: FAILED)। रिपोर्ट कार्ड में स्मृति ईरानी की फोटो भी लगी है। कांग्रेस ने आगे लिखा, ‘मणिपुर हिंसा पर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी चुप रहीं। महिलाओं से हुए यौन उत्पीड़न: महिलाओं की दुर्दशा के बारे में अनभिज्ञ! दो महीने उन्हें बाद होश आया।
कांग्रेस के इस ट्वीट का रिप्लाई करते हुए स्मृति ईरानी ने लिखा, ‘ऐसी नीचता बहुत कम ही लोग कर पाते हैं- महिलाओं का स्कोर कार्ड रखना। जानबूझकर की गई अज्ञानता के उदाहरण बहुत कम हैं जो लगातार दिखते हैं। केंद्रीय मंत्री ने आगे लिखा कि दोनों मोर्चों पर यानी नीचता और जानबूझकर की गई अज्ञानता में कांग्रेस ने अच्छा स्कोर किया है। वंशवाद अनुमति दे तो संसद में चर्चा करें।
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के रिप्लाई पर टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने बीजेपी सरकार को घेरा। मोइत्रा ने ट्वीट करते हुए लिखा, ‘सॉरी WCD मिनिस्टर। यह नीचता नहीं है। नीचता तो वो है, जो बीजेपी मणिपुर मामले में दूसरे राज्यों के फर्जी हमले की बात कहते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी हमारी बहनों के मरने पर चुप्पी साध लेते हैं।’ महुआ मोइत्रा ने आगे लिखा, ‘नीचता तो है जब आप हमारे पहलवानों की आप रक्षा नहीं कर पाते। आप डिक्शनरी खरीदें अगर मौनगुरु अनुमति दें।’
बता दें, मणिपुर में पिछले 84 दिनों से हिंसा जारी है। इस बीच कुछ ऐसे वीडियो सामने आए हैं। जिसने हर किसी को सोचने पर मजबूर कर दिया। एक वीडियो में कुकी समुदाय की दो महिलाओं को नग्न करके सड़क परेड कराई जा रही है। वीडियो सामने आने के बाद देश भर में हंगामा मच गया। जिसके बाद खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसकी कड़ी शब्दों में निंदा की थी। उन्होंने कहा था कि दोषियों बख्शा नहीं जाएगा।
वीडियो पर सुप्रीम कोर्ट स्वत: संज्ञान लिया है। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने केंद्र और राज्य सरकार को सख्त कार्रवाई का निर्देश दिया है। चीफ जस्टिस ने यहां तक कहा कि या तो सरकार कार्रवाई करे, नहीं तो हम खुद इस मामले में एक्शन लेंगे।
