पाकिस्तानी मीडिया में दिए मणिशंकर अय्यर के विवादास्पद बयान पर हमला तेज करते हुए भाजपा ने बुधवार को इसे ‘देश्रदोही’ करार दिया और कहा कि इस पर कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी को माफी मांगनी चाहिए। केंद्रीय मंत्रियों एम वेंकैया नायडू और प्रकाश जावड़ेकर ने राजग सरकार द्वारा पाकिस्तान के खिलाफ अपनाए गए सख्त रुख की आलोचना करने वाले पूर्व विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद पर भी निशाना साधा और कहा कि कांग्रेस को दोनों नेताओं के खिलाफ उनकी ‘देशद्रोही’ और ‘राष्ट्र विरोधी’ टिप्पणियों के लिए कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।
संसदीय कार्य मंत्री नायडू ने कहा, ‘अय्यर और खुर्शीद की टिप्पणियां बेहद आपत्तिजनक और राष्ट्र विरोधी हैं। विदेश में जाकर लोकतांत्रिक ढंग से चुनी गई सरकार को हटाने के लिए लोगों से कहना देश्रदोह के अलावा और कुछ नहीं है।’
यहां एक समारोह से इतर वेंकैया ने संवाददाताओं से कहा, ‘कांग्रेस पार्टी को अपने नेताओं की इन टिप्पणियों की निंदा करनी चाहिए और इन दोनों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। ये ऐसे लोग नहीं है जिन्हें नजरंदाज किया जा सके। ये दो पूर्व मंत्री हैं और कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता हैं। इससे स्पष्ट होता है कि कांग्रेस पार्टी और उसके नेता किस हद तक हताश हैं।’
उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेताओं की टिप्पणियां किसी भी देशभक्त और राष्ट्रवादी भारतीय के लिए ‘अपमानजनक’ हैं।
बाद में एक बयान में उन्होंने कहा, ‘अय्यर का प्रयास स्पष्ट रूप से श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित सरकार को अस्थिर करने पर केंद्रित है। विदेशी धरती पर इस तरह की बात कहना अत्यंत खराब और देशद्रोह के स्पष्ट कृत्य के बराबर है।’
जावड़ेकर ने पूछा कि क्या विपक्षी दल उनकी टिप्पणियों को मंजूरी देता है। उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी को माफी मांगनी चाहिए। कश्मीर मुद्दे से निपटने को लेकर कांग्रेस की आलोचना के जवाब में नायडू ने कहा, ‘अगर यह कांग्रेस के लिए इतना आसान है तो तब उसे लोगों को बताना चाहिए कि वह पिछले 50 वर्षों में बातचीत के जरिये कश्मीर मुद्दे का समाधान क्यों नहीं निकाल सकी।’
केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘वे क्यों पाकिस्तान को आतंकवादी संगठनों की मदद करने से नहीं रोक पाए। कांग्रेस को इन दो लोगों के खिलाफ कार्रवाई करके गंभीरता का परिचय देना चाहिए।’
अय्यर और खुर्शीद पर उनकी विवादास्पद टिप्पणियों के लिए हमला बोलते हुए भाजपा ने कल कहा था कि वे ‘आईएसआई मुख्यालय का दौरा कर’ खोई हुई जमीन हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं जो ‘भारत और इसके राष्ट्रवादी मुसलमानों का अपमान है।’
शर्म अल शेख में संप्रग सरकार के कार्यकाल के दौरान बलूचिस्तान के जिक्र वाले भारत-पाकिस्तान के संयुक्त बयान को रेखांकित करते हुए जावड़ेकर ने कांग्रेस पर ‘सबसे खराब’ कूटनीति अपनाने का आरोप लगाया। उन्होंने कांग्रेस नेता शकील अहमद की उन टिप्पणियों को ‘अत्यंत सांप्रदायिक’ करार दिया जिनमें उन्होंने छोटा राजन और अनूप चेतिया के खिलाफ कार्रवाई को कथित रूप से उनके धर्म से जोड़ा था। उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस हरसंभव कार्रवाई, यहां तक कि अपराधों में भी धर्म देखती है। यह उनकी नीति है।’
नायडू ने कहा कि खुर्शीद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की एक दूरदर्शी एवं शांतिप्रिय व्यक्ति के तौर पर प्रशंसा करने की हद तक चले गए। उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस पार्टी को इस संबंध में स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए और पाकिस्तान एवं उसके समर्थन में बात करने तथा भारत सरकार एवं प्रधानमंत्री की निंदा करने के लिए श्री अय्यर और श्री खुर्शीद के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।’
उन्होंने कांग्रेस पर कश्मीर का पेंच फंसाने का आरोप लगाया और कहा कि यह विपक्षी पार्टी एवं उसके नेतृत्व की ही देन है। उन्होंने कहा, ‘पाकिस्तान ने कश्मीर पर कब्जा कांग्रेस के शासन के दौरान किया था। कांगे्रस इतने वर्षों तक केंद्र की सत्ता में रही। उसे अब यह स्पष्ट करना चाहिए कि कश्मीर मुद्दे का समाधान क्यों नहीं किया गया और इन वर्षों के दौरान भारत और पाकिस्तान के बीच शांति बहाल क्यों नहीं हुई।’
केंद्रीय मंत्री नायडू ने कहा कि अब यह व्यापक रूप से साबित हो गया है कि पाकिस्तानी नेतृत्व ‘स्वयं की सेवा में लगे सैन्य प्रतिष्ठान और सरकार इतर आतंकवादी संगठनों की कठपुतली है। आतंकवादियों की सहायता करना, उन्हें बढ़ावा देना, उनका वित्तपोषण करना और प्रशिक्षण देना उनकी नीति है।’
उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी नेतृत्व इन वर्षों के दौरान भारत के साथ संबंध सुधारने एवं जटिल मुद्दों को सुलझाने को लेकर हमेशा ही रुख बदलता रहा है। नायडू ने कहा, ‘वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं का पाकिस्तान में ऐसे नेतृत्व के बचाव में बोलना उनकी राष्ट्र विरोधी धारणा का एक स्पष्ट प्रमाण है जिसके लिए उन्हें उनकी पार्टी द्वारा कड़ी सजा दी जानी चाहिए। कांग्रेस नेतृत्व अपनी पार्टी के भीतर ऐसी परेशान करने वाली प्रवृत्तियों पर चुप नहीं रह सकता।’