Maneka Gandhi Interview: सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली एनसीआर के आवारा कुत्तों को लेकर जो आदेश दिया है, उसको लेकर पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता मेनका गांधी ने नाराजगी जताई है। देश के सबसे बड़े पशु कल्याण संगठन पीपल फॉर एनिमल्स की संस्थापक हैं। उन्होंने इंडियन एक्सप्रेस को दिए गए एक लेटेस्ट इंटरव्यू में आदेश के क्रियान्वयन को लेकर चिंता जाहिर की है। उन्होंने कहा कि नगर निगमों को दिल्ली में तीन लाख कुत्तों को शेल्टर होम्स में रखना होगा। इसके लिए उन्हें करीब 3000 से ज्यादा शेल्टर होम्स बनाने होंगे।

मेनका गांधी ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश कि क्रियान्वयन के लिए शेल्टर होम्स को ऐसी जगह बनाना होगा, जहां आवासीय कॉलोनियां न हों, या जहां कृषि वाली भूमि नहीं हो। इसके अलावा क्रियान्वयन में होने वाले खर्च को लेकर कहा कि रसोईघर बनाना होगा। चौकी दार रखना होगा और मलमूत्र को साफ करने के लिए हर जगह कम से कम पांच लोग रखने होंगे। इसके लिए बिजली से लेकर केनेल और अन्य व्यवस्था करनी होगी। इसमें हर हफ्ते करीब तीन से चार और महीने में 15 करोड़ रुपये तक का खर्च आएगा।

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मेनका गांधी ने MCD पर जताई नाराजगी

आवारा कुत्तों की जरूरते पूरी होने के सवाल पर मेनका गांधी ने कहा कि जिन कुत्तों को वो उठाते हैं, उनमें से कुछ को टिक फीवर होगा, कुछ को डिस्टेम्पर होगा। कोई गर्भवती होगी। वे उन्हें कैसे अलग करेंगे। शहर में आवारा कुत्तों की समस्या को लेकर मेनका गाधी ने कहा कि एमसीडी की वजह से यह एक राजनीतिक विवाद का विषय बन गया है जिसने यह समस्या पैदा की है; उनके कुप्रबंधन ने यह बड़ी समस्या पैदा की है।

8 हफ्तों में काम पूरा न होने की कही बात

मेनका गांधी ने कहा, “एमसीडी कह रही है कि हमारे पास 77 जगहें हैं, जहां कुत्तों को रखा जा सकता है। ये 77 जगहें 20 सालों से बेकार पड़ी हैं, इनका आकार क्या है? इनमें से कोई भी अस्पताल नहीं है, बल्कि एक डॉक्टर वाले क्लीनिक हैं और इनका आकार एक बेडरूम जितना है। आप इनमें कितने कुत्ते रखेंगे?”

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उन्होंने कहा, “आपको इन जानवरों को खिलाने पर भी खर्च करना होगा, जो फिलहाल मुफ्त में हो रहा है। परिचारक लाना और ये व्यवस्थाएं करना, इनमें से कुछ जगहों की मरम्मत की ज़रूरत है और इसमें समय लगेगा, इसमें दो से चार साल तक का समय लगेगा। मेनका गांधी ने कहा कि ये काम 8 हफ्तों में नहीं हो सकता है।

कपिल मिश्रा से मुलाकात पर क्या कहा?

दिल्ली सरकार में मंत्री कपिल मिश्रा से मुलाकात को लेकर मेनका गांधी ने कहा, “हमने मंत्री, एमसीडी की स्थायी समिति के प्रतिनिधियों और सरकारी अधिकारियों के साथ इस बात पर चर्चा की कि हम कैसे उस मुकाम तक पहुंचें, जहां हम सभी को वो सब मिले जो हम चाहते हैं, यानी सड़कों पर कम कुत्ते हों, कुत्ते न काटें, और एक साथ मिलकर रहें। हम मंत्री जी के साथ किसी हद तक इस नतीजे पर पहुँचे और उन्हें समझाया कि उठाए गए 14 विशिष्ट बिंदु ही एकमात्र समाधान हैं।” मेनका गांधी ने कहा, “मुझे यकीन है कि अगर यह आदेश नहीं आया होता, तो यह समाधान लागू होना शुरू हो गया होता।”

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सीएम रेखा गुप्ता और पीएम नरेंद्र मोदी से की अपील

मेनका गांधी ने कहा, “मैं केवल दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और प्रधानमंत्री से अपील कर सकती हूं कि यह कोई समझदारी वाली, तर्कसंगत बात नहीं है। इससे भी बदतर स्थिति राजस्थान की है क्योंकि उन्होंने कल दोपहर एक आदेश दिया और जज ने कहा कि वे ऐसा इसलिए दे रहे हैं क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने सुबह फैसला सुनाया था; तो उन्होंने बस उसे दोहराया।” मेनका गांधी ने कहा, “यह और भी खतरनाक है क्योंकि उन्होंने पूरे राजस्थान के सभी कुत्तों को बाड़े में भेजने का आदेश दिया है, वहां लगभग 15 लाख कुत्ते होंगे; आप उनके साथ क्या करेंगे? राजस्थान के पास कोई एबीसी कार्यक्रम नहीं है।”

अगर दिल्ली के तीन लाख कुत्ते बाहर चले जाएं तो आसपास के इलाकों से भी तीन लाख कुत्ते आ जाएंगे क्योंकि वहां खाने की उपलब्धता है। तब आप क्या करेंगे? दिल्ली में बंदरों की समस्या है। नीचे कुत्तों की वजह से बंदर पेड़ों पर रहते हैं। उन्होंने कहा कि अगर कुत्ते नहीं होंगे, तो बंदर जमीन पर होंगे, फिर आप उसे खत्म करने के प्रयास करेंगे।

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